दम घुटने से मौत होने की आशंका. तीनों मज़दूरों में से दो सगे भाई थे. स्थानीय लोगों ने करंट लगने से मौत होने का आरोप लगाया.
पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया जिले में मंगलवार को रामबाग चौक के पास एक निर्माणाधीन मॉल के सेप्टिक टैंक में तीन श्रमिकों की मौत हो गई. संदेह है कि दम घुटने से उनकी मौत हुई है.
पुलिस अधीक्षक विशाल शर्मा ने बताया कि श्रमिक रामबाग चौक पर एक निर्माणाधीन मॉल के सेप्टिक टैंक में इसकी सेंटरिंग खोलने गए थे. प्रथमदृष्टया ऐसा जान पड़ता है कि दम घुटने से उनकी मौत हो गई. हालांकि उनकी मौत की सटीक वजह पोस्टमॉर्टम के बाद ही सामने आ पाएगी.
उन्होंने बताया कि तीनों शव पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेजे गए हैं.
जिला श्रम अधीक्षक आलोक रंजन ने बताया कि इस घटना में जान गंवाने वाले श्रमिकों के परिवारों को एक-एक लाख रुपये अनुग्रह राशि के तौर पर दिए जाएंगे.
हालांकि स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि तीनों श्रमिक बिजली का करंट लगने से मरे हैं.
पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, तीनों मरने वाले मज़दूर कस्बा प्रखंड के मिर्जाबाड़ी इलाके के रहने वाले हैं. मंगलवार को जब तीनों मजदूर शौचालय की सेप्टिक टैंक की मरम्मत करने गए, तो ठेकेदार ने तीनों को टैंक के अंदर घुसने को कहा.
ठेकेदार के कहने पर तारकुल नामक मज़दूर टैंक के अंदर गया और जब अंदर से कोई आवाज़ नहीं आई तो, दूसरा मज़दूर जहांगीर अंदर गया और जब उसकी भी आवाज़ नहीं आई, तो बगल में काम कर रहे जहांगीर का सगा भाई आलमगीर भी टैंक के अंदर उतरा, लेकिन वो भी अंदर ही रह गया.
आसपास काम कर रहे मजदूरों ने हंगामा कर दिया, जिसके बाद रस्सी और बल्ली के सहारे तीनों को बाहर निकाला गया. तीनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. तीनों के शरीर पर किसी तरह का कोई ज़ख्म नहीं है.
सदर थाना अध्यक्ष भाई भारत का कहना है, ‘तहकीकात में यह स्पष्ट होता है कि तीनों मजदूरों की मौत दम घुटने के चलते हुई है. बिजली के करंट का कोई साक्ष्य नहीं मिला है. अत्यधिक गर्मी के कारण ऐसी स्थिति पैदा हो सकती है.’
चिकित्सक अधिकारी डॉ. उपेंद्र कुमार का कहना है, ‘ज़मीन के अंदर इस तरह टैंक के अंदर एक तरह का गैस भर जाता है. इस तरह की गैस से दम घुटने लगता है और इस मामले में भी यही कारण मालूम पड़ता है.’
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)