पश्चिमी भारत की धूल भरी आंधी के कारण दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता बिगड़ी. लोगों को लंबे समय तक घर से बाहर न रहने की सलाह. पूर्वोत्तर के राज्य बाढ़ की वजह हज़ारों बेघर. बारिश संबंधित घटनाओं की वजह से देशभर में 23 लोगों की मौत.
नई दिल्ली: दिल्ली में हवा की गुणवत्ता गुरुवार को तीसरे दिन भी खतरनाक स्तर पर है. अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगले तीन-चार दिन तक धूल भरी आंधी चल सकती है तथा लोगों को लंबे समय तक घर से बाहर न रहने की सलाह दी गई है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने बताया कि पश्चिमी भारत खासतौर से राजस्थान में धूल भरी आंधी चलने के कारण हवा की गुणवत्ता एकदम खराब हो गई है. हवा में मोटे कणों की मात्रा बढ़ गई है.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान दक्षिण अफगानिस्तान की तरफ से धूल भरी हवाएं 20 हज़ार फीट की ऊंचाई से राजस्थान से होते हुए दिल्ली में दस्तक दे रही हैं. इससे वातावरण में धूल छा गई है.
दिल्ली-एनसीआर में पीएम 10 (10 मिलीमीटर से कम मोटाई वाले कणों की मौजूदगी) का स्तर 796 और केवल दिल्ली में 830 है.
सीपीसीबी के अनुसार, दिल्ली में कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 के निशान से पार है. पूर्वी दिल्ली के आनंद विहार इलाके में गुरुवार सुबह पीएम 10 का स्तर 929 और पीएम 2.5 का स्तर 301 मापा गया.
गौरतलब है कि 0 से 50 के बीच के वायु गुणवत्ता सूचकांक को ‘अच्छा’ माना जाता है, 51-100 के बीच को ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच को ‘मध्यम’, 201-300 को ‘खराब’, 301-400 को ‘बहुत ख़राब’ और 401-500 ‘ख़तरनाक’ माना जाता है.
क्षेत्र में चल रही हवा से धूल के कण लगातार वायु में फैल रहे हैं. मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में गुरुवार को 35 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने का अनुमान है. धूल से भरी हवाओं ने बुधवार से दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा में घुटन पैदा कर रखी है.
पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि अगले तीन दिन तक धूल भरी हवाएं चलने का अनुमान है. उसने निर्माण एजेंसियों, नगर निगमों और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को पानी का छिड़काव सुनिश्चित करने के लिए अलर्ट किया है.
सीपीसीबी ने कहा कि इस बार गर्मियों में प्रदूषण पिछले साल से काफी अलग है. नवंबर में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर बढ़ गया था जिससे स्थानीय निवासियों का सांस लेना दूभर हो गया था.
बहरहाल, इस बार प्रदूषण का स्तर बढ़ने के पीछे हवा में मोटे कणों की मात्रा बढ़ना वजह है. इस बार हवा में घुले खतरनाक सूक्ष्म कण पीएम 2.5 का स्तर उतना अधिक नहीं है जितना पिछले साल नवंबर में था. ये कण इतने सूक्ष्म होते हैं कि फेफड़ों में घुसकर उस पर असर डाल सकते हैं.
सीपीसीबी के सदस्य सचिव सुधाकर ने स्थानीय निवासियों को चेतावनी दी है कि अगले तीन- चार दिन का प्रदूषण का स्तर ऐसा ही रह सकता है तथा उन्होंने लोगों से तीन से चार घंटे से ज्यादा बाहर न रहने का अनुरोध किया है.
सुधाकर ने कहा, ‘प्रदूषण के कारण सांस लेने में दिक्कत हो सकती है. हमने निर्माण कंपनियों की बैठक भी बुलाई है और अगर हालात इतने बदतर रहे तो हम निर्माण गतिविधियां रोक देंगे.’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, धूल भरी हवा के चलते प्रदूषण की चपेट में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, दिल्ली, उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश हैं.
पश्चिमी भारत से धूल भरी आंधी के कारण दिल्ली में छायी धुंध
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने दिल्ली के ऊपर छायी धूल भरी धुंध के लिए राजस्थान में आयी धूल भरी आंधी मुख्य वजह है. मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान में अगले तीन-चार दिनों तक दिल्ली में यह स्थिति बरकरार रहने की आशंका व्यक्त की गई है.
मंत्रालय ने इन दिनों दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने को अस्वाभाविक बताते हुए कहा कि इसकी मुख्य वजह राजस्थान में आने वाली धूल भरी आंधी है. उसके कारण दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में हवा के कम दबाव का क्षेत्र बनने की वजह से हवा में मिले धूलकण जमीन से कुछ ऊंचाई पर जमा हो जाते हैं.
मौसम विशेषज्ञों की राय में इन दिनों भीषण गर्मी से जूझ रहे राजस्थान में तापमान की अधिकता के बीच पश्चिमी विक्षोभ के कारण तेज़ हवाओं के कारण धूल भरी आंधी का असर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में धूलकणों के वायुमंडल में संघनित होने के रूप में दिखता है. इस साल भी दस से 12 जून के बीच राजस्थान की धूल भरी आंधी का रुख़ दिल्ली की ओर रहा जिसकी वजह से यह स्थिति पैदा हुई है.
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के हवाले से मंत्रालय ने दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में अगले तीन-चार दिन धूल का गुबार बरक़रार रहने का अनुमान व्यक्त किया है.
दिल्ली में 25-35 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं: मौसम विभाग
मौसम विभाग ने दिल्ली में गुरुवार को 25-35 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान जताया है. राष्ट्रीय राजधानी में सुबह के वक्त भी धूल भरी हवाएं चल रही थीं. हालांकि इसका तापमान पर कोई खास असर नहीं पड़ा और न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस ज्यादा रिकॉर्ड किया गया.
मौसम विभाग के अधिकारी ने बताया है कि राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को 25-35 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं सकती हैं.
धूल भरी हवाओं की वजह से बुधवार से ही दिल्ली-एनसीआर में धुंध छाई हुई है. सुबह साढ़े आठ बजे आर्द्रता का स्तर 49 प्रतिशत था.
विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि न्यूनतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया जो सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस ज़्यादा था. वहीं अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है.
बुधवार को न्यूनतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस रहा था जबकि अधिकतम तापमान 41.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ था.
ईपीसीए ने धूल प्रदूषण नियंत्रण को लेकर परामर्श जारी किया
उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने बुधवार को दिल्ली-एनसीआर से जुड़े राज्यों के मुख्य सचिवों को धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तत्काल ज़रूरी क़दम उठाने का परामर्श दिया है.
ईपीसीए की सदस्य सुनीता नारायणन ने कहा, ‘हम स्थिति पर नज़र रख रहे हैं और यदि चीज़ें नहीं सुधरती हैं तो हम गंभीर से अधिक बिगड़ी स्थिति ‘सीवियर प्लस’ संबंधी उपाय ला सकते हैं.’
ईपीसीए का फैसला ऐसे समय में आया है जब दिल्ली में प्रदूषण का स्तर राजस्थान के अंधड़ की वजह से बहुत बढ़ गया है. आज यहां हवा की गुणवत्ता गंभीर स्तर से भी नीचे चली गई.
पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि अगले तीन दिन तक ऐसी स्थिति बनी रहेगी.
उत्तर भारत में भीषण गर्मी और पूर्वोत्तर के राज्यों में आई बाढ़
उत्तर भारत जहां लू से तप रहा है और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली धूल भरी गर्म हवाओं की चपेट में हैं वही उत्तर पूर्व के राज्य- त्रिपुरा और मणिपुर में बाढ़ आने से हज़ारों लोग बेघर हो गए.
अधिकारियों ने बताया कि पूर्वात्तर में बारिश से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने से असम, मणिपुर, मिज़ोरम और त्रिपुरा में हज़ारों लोग बेघर हो गए. केरल में दो और लोगों की मौत के साथ बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या 23 हो गई है.
पूर्वोत्तर में भारी बारिश के कारण अकेले त्रिपुरा में ही पिछले 24 घंटे में 3500 परिवार बेघर हो गए. अधिकारियों ने बताया कि पश्चिमी त्रिपुरा के सदर उप-क्षेत्र में 500 से अधिक परिवारों के मकान बाढ़ में डूब जाने के कारण उन्हें छह राहत शिविरों में ले जाया गया.
राज्य आपातकालीन अभियान केंद्र (एसईओसी) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, 3500 परिवारों को 89 राहत शिविरों में ले जाया गया.
अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर में बारिश के कारण इम्फाल घाटी में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई. वहीं, पूर्वी इम्फाल, पश्चिमी इम्फाल, थौबल और बिष्णुपुर लगभग डूब गए.
सामान्य प्रशासन विभाग ने सरकारी कार्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों के बुधवार को बंद रहने की घोषणा कर दी थी.
बुधवार को जारी असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश के कारण असम के 222 गांवों में 1,48,912 लोग प्रभावित हुए हैं.
नाधर क्षेत्र में लोंगाई नदी से पानी बाहर आने के कारण करीमगंज की बराक घाटी सबसे अधिक प्रभावित हुई है.
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल ने ज़िले से 124 लोगों को निकाला है. अधिकारियों ने 71 राहत शिविर सक्रिय कर दिए हैं.
मौसम विभाग ने मेघालय और असम में और बारिश होने के साथ ही नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के अलग-अलग इलाकों में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान लगाया है.
उत्तर प्रदेश में आंधी की चपेट में आने से 15 की मौत
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में तेज आंधी की चपेट में आने से 15 लोगों की मौत हो गई है जबकि 28 अन्य घायल हो गए.
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि बीते 24 घंटे में आई आंधी में 15 लोगों की मौत हो गई. छह लोग सीतापुर में, तीन-तीन गोण्डा और कौशाम्बी में तथा एक-एक व्यक्ति फैजाबाद, हरदोई और चित्रकूट में आंधी का शिकार बने.
उन्होंने बताया कि सीतापुर में 17 और फैजाबाद में 11 लोग घायल हो गये।
इस बीच मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि राज्य में शुक्रवार को कहीं-कहीं पर ज़ोरदार आंधी आ सकती है. अगले दो दिन में कुछ जगहों पर तेज हवाओं के साथ आंधी-पानी की आशंका है.
इस बीच आंधी से हुई मौतों पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ज़िलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि घायलों का समुचित उपचार सुनिश्चित किया जाए.
उन्होंने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने का भी निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
प्रवक्ता के अनुसार, मौतों पर दुख प्रकट करते हुए योगी ने कहा कि राज्य सरकार आंधी से प्रभावित हुए लोगों को हरसंभव मदद देगी.
मौसम विभाग ने कहा कि प्रदेश में सबसे अधिक तापमान 44.9 डिग्री सेल्सियस आगरा में रहा.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)