कश्मीर में संघर्ष विराम ख़त्म, आतंकियों के ख़िलाफ़ फिर शुरू होगा अभियान: गृह मंत्रालय

जम्मू कश्मीर में वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुख़ारी और सेना के जवान औरंगज़ेब की हत्या के बाद रमज़ान के महीने मेें शुरू किए गए ​एकतरफा संघर्ष विराम की अवधि को आगे बढ़ाने से गृह मंत्रालय ने इनकार ​कर दिया है.

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Kupwara: Army personnel cordon off the spot where militants were hiding during an encounter in which four militants and four security personnel including two policemen and two army jawans were killed, at Halmatpora in Kupwara district of North Kashmir on Wednesday. PTI Photo (PTI3_21_2018_000161B)
प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो: पीटीआई)

जम्मू कश्मीर में वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुख़ारी और सेना के जवान औरंगज़ेब की हत्या के बाद रमज़ान के महीने मेें शुरू किए गए एकतरफा संघर्ष विराम की अवधि को आगे बढ़ाने से गृह मंत्रालय ने इनकार कर दिया है.

Kupwara: Army personnel cordon off the spot where militants were hiding during an encounter in which four militants and four security personnel including two policemen and two army jawans were killed, at Halmatpora in Kupwara district of North Kashmir on Wednesday. PTI Photo (PTI3_21_2018_000161B)
(प्रतीकात्मक तस्वीर: पीटीआई)

नई दिल्ली: केंद्र ने जम्मू कश्मीर में रमजान के महीने में आतंकवादियों के खिलाफ स्थगित किए अभियानों की अवधि आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा, ‘आतंकवादियों के खिलाफ अभियान फिर शुरू किए जाएंगे.’

बयान के अनुसार, रमजान के दौरान बार-बार उकसावे के बावजूद उदाहरणीय संयम बरतने के लिए सरकार ने सुरक्षा बलों की सराहना की. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार, जम्मू कश्मीर में आतंक एवं हिंसा मुक्त माहौल स्थापित करने का प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा जम्मू कश्मीर में रमजान के महीने में आतंकवाद की घटनाओं में हुई बढ़ोतरी और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के बाद केंद्र ने यह फैसला लिया है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा, ‘भारत सरकार ने रमजान की शरुआत में जम्मू कश्मीर में स्थगित किए गए अभियानों की अवधि ना बढ़ाने का फैसला किया है.’

बता दें कि 17 मई को भारत सरकार ने सभी सुरक्षाबलों को निर्देश जारी किए थे कि वह जम्मू और कश्मीर में रमजान के महीने में किसी भी तरह के ऑपरेशन को संचालित ना करें.

हालांकि इस दौरान ईद से पहले वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी और उनके दो सुरक्षाकर्मियों की श्रीनगर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके अलावा सेना के जवान औरंगजेब की भी हत्या आतंकवादियों द्वारा कर दी गई थी. इसके बाद से ही सरकार पर एकतरफा संघर्ष विराम को खत्म करने का दबाव बन रहा था.

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में आतंकियों ने ईद के दिन भी हमले करने में कोई संकोच नहीं किया. शनिवार को ईद के दिन भी श्रीनगर और अनंतनाग जिले में जमकर पत्थरबाजी हुई थी. यही नहीं स्थानीय खबरों के मुताबिक ईद के दिन अनंतनाग जिले में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई मुठभेड़ में ग्रेनेड ब्लास्ट से एक व्यक्ति की मौत हो गई. इसके अलावा पूरी घाटी में 11 पुलिसवालों समेत कुल 22 लोग घायल हुए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)