डॉ. कफ़ील ख़ान ने भाई पर हमले के लिए भाजपा सांसद को ठहराया ज़िम्मेदार

गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत मामले के आरोपी डॉक्टर कफ़ील ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. बांसगांव से भाजपा सांसद कमलेश पासवान ने आरोपों से इनकार किया.

Lucknow: Kafeel Khan, an accused in the BRD Medical Hospital case involving the death of children, speaks at a press conference in Lucknow on Sunday, June 17, 2018. (PTI Photo) (PTI6_17_2018_000100B)
डॉक्टर कफिल खान (फोटो: पीटीआई)

गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत मामले के आरोपी डॉक्टर कफ़ील ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. बांसगांव से भाजपा सांसद कमलेश पासवान ने आरोपों से इनकार किया.

Lucknow: Kafeel Khan, an accused in the BRD Medical Hospital case involving the death of children, speaks at a press conference in Lucknow on Sunday, June 17, 2018. (PTI Photo) (PTI6_17_2018_000100B)
लखनऊ में बीते रविवार को डॉ. कफ़ील ख़ान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. (फोटो: पीटीआई)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के मामले में जेल जा चुके सरकारी डॉक्टर कफ़ील अहमद ख़ान ने आरोप लगाया कि उनके भाई काशिफ़ जमील पर भाजपा सांसद कमलेश पासवान के इशारे पर जानलेवा हमला किया गया है.

कफील ने लखनऊ में रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, ‘भाजपा के बांसगांव से सांसद कमलेश पासवान और बल्देव प्लाजा (गोरखपुर) के मालिक सतीश नांगलिया ने नुमान और निकहत आरा के साथ षडयंत्र कर काशिफ़ पर जानलेवा हमला कराया है.’

उन्होंने कहा कि पासवान की उनके भाई से सीधे कोई दुश्मनी नहीं है. दरअसल उनके मामा की ज़मीन पर कमलेश और सतीश क़ब्ज़ा करना चाहते हैं और इस संबंध में प्राथमिकी भी दर्ज है.

कफ़ील ने पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से या फिर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि वह स्थानीय पुलिस से इस मामले में जांच नहीं कराना चाहते क्योंकि उन्हें न्याय नहीं मिलने की आशंका है.

डॉक्टर कफ़ील ख़ान के भाई को 10 जून को मोटरसाइकिल सवार दो बदमाशों ने गोली मार दी थी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

काशिफ़ को बांह, गर्दन और ठोढी में गोलियां लगी थीं. इस समय उसका इलाज राजधानी लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल में चल रहा है.

कफ़ील का आरोप है कि गोरखनाथ के क्षेत्राधिकारी प्रवीण सिंह और पुलिस अधीक्षक (नगर) विनय कुमार सिंह ने हमले के बाद जानबूझकर उनके भाई की सर्जरी चार घंटे नहीं होने दी. ऐसे में उनके भाई की जान भी जा सकती थी.

कफील ने सीओ और एसपी सिटी को निलंबित करने की मांग की. उन्होंने कहा कि सीओ और एसपी सिटी की भूमिका की जांच कराई जाए.

उन्होंने यह मांग भी की कि उनके परिवार को चूंकि जान का ख़तरा है और हमलावर खुले घूम रहे हैं, जो कभी भी जानलेवा हमला कर सकते हैं इसलिए उनके पूरे परिवार को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार सुरक्षा मुहैया कराए.

इस बीच बांसगांव से भाजपा सांसद कमलेश पासवान ने कफ़ील के आरोपों को निराधार करार दिया है. उन्होंने कहा, ‘मेरा काशिफ़ पर हमले से कोई लेना देना नहीं है. मैं किसी भी जांच के लिए तैयार हूं.’

पासवान ने कहा कि कफ़ील हमदर्दी हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं. वह ख़ुद को राजनीतिक रूप से स्थापित करने का भी प्रयास कर रहे हैं.

मालूम हो कि डॉ. कफ़ील चार भाई हैं, सबसे बड़े अदील अहमद ख़ान हैं. उसके बाद डॉ. कफ़ील. काशिफ़ उनसे छोटे हैं. सबसे छोटे भाई डॉ. फजील अहमद ख़ान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मेडिकल कॉलेज में सीनियर रेजीडेंट हैं.

अगस्त 2017 में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एक सप्ताह में 60 से अधिक बच्चों की मौत के बाद डॉ. कफ़ील को लापरवाही के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. हादसे के वक़्त वह मेडिकल कॉलेज के एईएस वार्ड के नोडल अफसर थे. उन्हें बीते अप्रैल महीने में ही इलाहाबाद हाईकोर्ट से ज़मानत मिली है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)