स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की भी तबीयत बिगड़ी. दोनों को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार से पूछा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडल के कुछ सहयोगियों को उपराज्यपाल के दफ्तर के भीतर धरना देने का अधिकार किसने दिया.
अदालत ने कहा कि आमतौर पर धरना किसी संस्थापन या कार्यालय के बाहर दिया जाता है न कि अंदर. न्यायमूर्ति एके चावला और नवीन चावला की एक पीठ ने दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की. एक याचिका केजरीवाल और अन्य के धरना देने के खिलाफ और दूसरी याचिका दिल्ली सरकार के आईएएस अधिकारियों की कथित हड़ताल के खिलाफ दायर की गई है.
दोनों मामलों में दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वकीलों से अदालत ने कहा, ‘धरना देने (केजरीवाल द्वारा) का अधिकार किसने दिया? आप उपराज्यपाल के कार्यालय के भीतर बैठे हैं. अगर यह हड़ताल है तो ये दफ्तर के बाहर होनी चाहिए थी.’
इन दो याचिकाओं से इतर दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने भी उपराज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय में केजरीवाल के धरना दिए जाने के खिलाफ एक अलग याचिका दायर की है. इन मामलों में अब 22 जून को सुनवाई हो सकती है.
अदालत ने कहा कि आईएएस अधिकारियों का प्रतिनिधित्व कर रहे संगठन को भी इस मामले में एक पक्ष बनाया जाना चाहिए.
मनीष सिसोदिया की भी तबीयत बिगड़ी
उपराज्यपाल के घर अनशन पर बैठे दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की तबीयत सोमवार को खराब हो गई. बीते छह दिनों से अनशन पर चल रहे मनीष सिसोदिया के शरीर में कीटोन लेवल 6.4 से 7.4 तक बढ़ गया है. उन्हें एलएनजेपी हॉस्पिटल ले जाया गया है.
.@msisodia admitted to LNJP Hospital, Doctors keeping him under observation.
Stay tuned pic.twitter.com/lNoZwoZ6UU
— AAP (@AamAadmiParty) June 18, 2018
इससे पहले दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की तबीयत रविवार रात को बिगड़ने पर एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालांकि दिल्ली के मुुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल धरने पर बैठे हुए हैं. उन्होंने ट्वीट करके मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के अस्पताल ले जाए जाने की सूचना दी है.
“अगर IAS Association कोई पहल करते हैं, तो हम उसका स्वागत करते हैं”- @SanjayAzadSln pic.twitter.com/002T4UGqG5
— AAP (@AamAadmiParty) June 18, 2018
आम आदमी पार्टी के एक प्रेस कांफ्रेंस में नेता संजय सिंह ने कहा कि अगर आईएएस एसोसिएशन कोई पहल करती है तो हम उसका स्वागत करते हैं.
“मैं आज सुबह अस्पताल में @SatyendarJain जी से मिला और उनका हाल-चाल जाना, डॉक्टरों ने मुझे बताया कि यदि उन्हें लाने में थोड़ी भी देर होती तो उनकी किडनी फेल हो जाती”- @AashishKhetan pic.twitter.com/dFCNbiCQq0
— AAP (@AamAadmiParty) June 18, 2018
प्रेस कांफ्रेंस में आप नेता आशीष खेतान ने बताया कि अगर समय पर सत्येंद्र जैन को अस्पताल नहीं ले जाया जाता तो उनकी किडनी खराब हो सकती थी.
उन्होंने कहा, ‘मैं आज सुबह अस्पताल में सत्येंद्र जैन से मिला और उनका हाल-चाल जाना, डॉक्टरों ने मुझे बताया कि यदि उन्हें लाने में थोड़ी भी देर होती तो उनकी किडनी फेल हो जाती.’
मुख्यमंत्री केजरीवाल ना खुद काम कर रहे हैं ना LG को करने दे रहे हैं I IAS अधिकारीयों ने भी कल स्पष्ट कर दिया है की वो किसी हड़ताल पर नहीं हैं I दूसरे राज्यों से मुख्यमंत्रियों को बुला कर केजरीवाल जी सिर्फ राजनीती कर रहे हैं – @Gupta_vijender pic.twitter.com/OIzRMHX5G9
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दूसरी ओर भाजपा ने भी प्रेस कांफ्रेंस कर आप सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. भाजपा नेता विजेंदर गुप्ता ने कहा, ‘मुख्यमंत्री केजरीवाल ना खुद काम कर रहे हैं ना एलजी को करने दे रहे हैं. आईएएस अधिकारियों ने भी रविवार को स्पष्ट कर दिया है की वो किसी हड़ताल पर नहीं हैं. दूसरे राज्यों से मुख्यमंत्रियों को बुलाकर केजरीवाल जी सिर्फ राजनीति कर रहे हैं.’
भाजपा नेता ने कहा, ‘जिस तरह मुख्य सचिव के साथ दुर्व्यवहार हुआ उसके बाद सभी अधिकारी डरे हुए है बावजूद इसके सभी अपना काम पूरी ईमानदारी से कर रह हैं. विधानसभा सत्र और बजट का सुचारू रूप से चलना इसका उदाहरण है. अधिकारियों के नाम पर देश और दिल्ली से झूठ बोल रहे हैं केजरीवाल.’
गौरतलब है कि रविवार को आईएएस अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया कि राजनीतिक फायदे के लिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.
रविवार को राजस्व सचिव मनीषा सक्सेना ने परिवहन आयुक्त वर्षा जोशी, दक्षिण दिल्ली जिलाधिकारी अमजद टाक और सूचना एवं प्रचार सचिव जयदेव सारंगी के साथ प्रेस क्लब में संवाददाता सम्मेलन किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी काफी गंभीरता और समर्पण से काम कर रहे हैं.
अधिकारियों ने यह भी कहा कि वे लोग राजनीति में शामिल नहीं हैं और तटस्थ हैं. उनका काम सरकार की नीतियों को लागू करना है. उन्होंने कहा, ‘हम सिर्फ कानून और संविधान के प्रति उत्तरदायी हैं.’ सक्सेना ने कहा, ‘हमें निशाना बनाया गया और कहा गया कि हम किसी के साथ काम कर रहे हैं. हम यह बताना चाहेंगे कि हम हड़ताल पर नहीं हैं.’
आईएएस एसोसिएशन के जवाब में रविवार रात में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आईएएस अधिकारियों को अपने परिवार का हिस्सा बताते हुए आश्वस्त किया कि वह उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे.
केजरीवाल ने ट्विटर पर कहा, ‘अधिकारी मेरे परिवार का हिस्सा हैं. मैं उनसे आग्रह करना चाहूंगा कि चुनी हुई सरकार का बहिष्कार करना बंद कर वे अब काम पर लौट आएं और मंत्रियों की सभी बैठकों में हिस्सा लें, कॉल और मैसेज का जवाब दें और निरीक्षण के लिए उनके साथ रहें.’
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और केरल के मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और दिल्ली में उपराज्यपाल और आप सरकार के बीच गतिरोध को दूर करने का आग्रह किया. रविवार को नीति आयोग की एक बैठक के इतर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने मोदी से संकट का समाधान करने को कहा.
वहीं रविवार को आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री निवास की ओर मार्च निकाला लेकिन बीच रास्ते में ही पुलिस ने इसे रोक दिया. इस मार्च में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी समेत कई संगठनों के नेताओं ने हिस्सा लिया लेकिन प्रधानमंत्री के आवास सात, लोक कल्याण मार्ग तक आप कार्यकर्ता नहीं पहुंच पाए.
दूसरी ओर रविवार को कांग्रेस ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि उनके ‘बढ़े हुए अहंकार’ के कारण नगर के लोग परेशान हो रहे हैं. दिल्ली कांग्रेस के प्रमुख अजय माकन ने कहा कि केजरीवाल को मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के समक्ष ‘खेद’ प्रकट कर इस संकट को समाप्त करना चाहिए.
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता शीला दीक्षित ने कहा कि अगर केजरीवाल दिल्ली के संबंध में संवैधानिक प्रावधानों को नहीं समझ सके हैं तो कोई भी उनकी मदद नहीं कर सकता.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)