आईएएस अधिकारियों की ‘हड़ताल’ ख़त्म कराने समेत तीन मांगों को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने सहयोगियों के साथ 13 जून से उपराज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय में धरने पर बैठे हुए थे.
नई दिल्ली: उपराज्यपाल के कार्यालय में नौ दिन से चल रहा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का धरना मंगलवार को समाप्त हो गया है. मुख्यमंत्री के धरना समाप्त करने की घोषणा के बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, अधिकारियों ने मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया.
इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने केजरीवाल और मंत्रियों को दिल्ली सचिवालय में अफसरों के साथ मीटिंग के लिए आमंत्रण दिया है. उपराज्यपाल ने अफसरों और मंत्रियों के बीच बातचीत के जरिये विवाद सुलझाने की बात कही है.
Delhi LG wrote to CM Arvind Kejriwal & requested CM to urgently meet the officers in the Secretariat so that apprehensions and concerns of both sides can be suitably addressed through dialogue in the best interest of the people of Delhi: Raj Niwas press release
— ANI (@ANI) June 19, 2018
दूसरी ओर मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों द्वारा उपराज्यपाल कार्यालय के भीतर दिये जा रहे धरने को ‘असंवैधानिक’ घोषित करने का निर्देश दिए जाने के लिये दायर याचिका पर शीघ्र सुनवाई से इंकार कर दिया.
न्यायमूर्ति एसएस नजीर और न्यायमूर्ति इंदू मल्होत्रा की अवकाश कालीन पीठ ने कहा कि ग्रीष्मावकाश के बाद यह याचिका सूचीबद्ध की जायेगी. याचिकाकर्ता हरि नाथ राम के वकील शशांक सुधि ने इस याचिका पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध करते हुए कहा कि उपराज्यपाल के कार्यालय के भीतर मुख्यमंत्री के ‘असंवैधानिक और गैरकानूनी’ धरने के कारण संवैधानिक संकट पैदा हो गया है.
सुधि ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को इस मामले में सुनवाई की थी और अब यह प्रकरण 22 जून के लिए सूचीबद्ध है. उन्होंने कहा कि गंभीर जल संकट की वजह से राजधानी ‘आपात स्थिति’ का सामना कर रही है. इस पर पीठ ने शीघ्र सुनवाई से इंकार करते हुए कहा, ‘हम न्यायालय के अवकाश के बाद इसे सूचीबद्ध करेंगे.’
वहीं मंगलवार को ही दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को एलएनजेपी अस्पताल से छुट्टी मिल गई. दोनों मंत्री उप राज्यपाल कार्यालय में अनशन पर बैठे थे और सेहत खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.
मूत्र में कीटोन का स्तर तेजी से बढ़ने और रक्त शर्करा का स्तर घटने के बाद सिसोदिया को सोमवार दोपहर करीब तीन बजे एलएनजेपी अस्पताल ले जाया गया. जबकि जैन की सेहत खराब होने के बाद उन्हें रविवार रात एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.
एलएनजेपी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक जेसी पासे ने बताया, ‘दोनों ही मंत्रियों को सुबह करीब 10 बजे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. उनके स्वास्थ्य मानक जैसे कि मूत्र में कीटोन का स्तर, अब सामान्य हैं.’ मंगलवार सुबह सिसोदिया ने ट्वीट किया था कि उनकी सेहत में तेजी से सुधार हो रहा है और वह कामकाज शुरू करने का प्रयास करेंगे.
Good Morning!!
With Doctor’s care and your blessings, I am recovering fast.Yesterday, my ketone level was 7.4 & BP reached 184/100, which was leading to renal failure. But now everything is under control.
If doctors allow I’ll try to be back to work today only. pic.twitter.com/Ham1qOSUMM
— Manish Sisodia (@msisodia) June 19, 2018
उन्होंने आज ट्विटर पर लिखा, ‘सुप्रभात !! चिकित्सकों की देखरेख और आपके आशीर्वाद से मेरी सेहत में तेजी से सुधार हो रहा है. कल मेरा कीटोन स्तर 7.4 था और रक्तचाप 184/100 तक पहुंच गया था. इससे किडनी पर असर पड़ सकता था. लेकिन अब सबकुछ नियंत्रण में है. यदि चिकित्सक अनुमति देंगे तो मैं आज से ही काम पर लौट आऊंगा.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)