अरविंद सुब्रमण्यम को भारतीय मूल्यों की समझ नहीं, किसानों की अनदेखी की: स्वदेशी जागरण मंच

आरएसएस से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच ने मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम द्वारा अपना पद छोड़ने के फैसले पर कहा कि इस पद पर अगला व्यक्ति वो हो जिसे भारत के किसानों, श्रमिकों और उद्यमियों पर विश्वास हो.

New Delhi: Chief Economic Advisor Arvind Subramanian addresses a press conference, in New Delhi, on Wednesday, June 20, 2018. (PTI Photo/Ravi Choudhary)(PTI6_20_2018_000134B)
New Delhi: Chief Economic Advisor Arvind Subramanian addresses a press conference, in New Delhi, on Wednesday, June 20, 2018. (PTI Photo/Ravi Choudhary)(PTI6_20_2018_000134B)

आरएसएस से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच ने मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम द्वारा अपना पद छोड़ने के फैसले पर कहा कि इस पद पर अगला व्यक्ति वो हो जिसे भारत के किसानों, श्रमिकों और उद्यमियों पर विश्वास हो.

New Delhi: Chief Economic Advisor Arvind Subramanian addresses a press conference, in New Delhi, on Wednesday, June 20, 2018. (PTI Photo/Ravi Choudhary)(PTI6_20_2018_000134B)
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम की बुधवार को नई दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेस की. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच ने कहा है कि नया मुख्य आर्थिक सलाहकार ऐसा व्यक्ति होना चाहिए जिसका भारतीय मूल्यों व प्रकृति में विश्वास हो.

स्वदेशी जागरण मंच का आरोप है कि सुब्रमण्यम को देश की पर्याप्त समझ नहीं थी और उन्होंने किसानों की अनदेखी की.

मंच के सह संयोजक अश्वनी महाजन ने कहा, ‘सुब्रमण्यम को भारत की समुचित जानकारी नहीं है. वे एफडीआई पर ही केंद्रित रहे. उन्होंने हमारी अर्थव्यवस्था के सबसे महत्वपूर्ण पहलू, कृषि व किसान की अनदेखी की.’

उल्लेखनीय है कि मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमण्यम ने पद छोड़ने का फैसला किया है.

महाजन ने आगे कहा कि नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया की तरह सुब्रमण्यम भी वाशिंगटन की भाषा बोलते हैं और उनका एजेंडा साफ़ नहीं है.

महाजन ने एक ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि अगला मुख्य आर्थिक सलाहकार वो हो जिसे भारत के किसानों, श्रमिकों और उद्यमियों पर विश्वास हो.

द प्रिंट की ख़बर के अनुसार महाजन का कहना है, ‘हर बार जब हम उनसे मिले, तो उन्होंने किसानों को गांवों से बाहर निकालने की वकालत की और जब हमने उनसे पूछा कि क्या उनके पास किसानों के पुनर्वास की कोई योजना है, तो उनके पास कोई जवाब नहीं था. मैंने उनसे पूछा कि क्या वे बेंगलुरु में बंगलों में किसानों को पुनर्वास करने की योजना बना रहे हैं या उन्हें पता है कि किसानों को नौकरियां कहां मिल सकती हैं.’

अश्वनी महाजन ने आरोप लगाया कि सुब्रमण्यम ने कभी कृषि क्षेत्र की दशा सुधारने के प्रयास नहीं किए और न ही कभी गांवों को विकसित करने का विचार रखा, लेकिन किसानों के गांवों से बाहर जाने की वकालत करते रहे. अपनी इकोनॉमिक सर्वे रिपोर्ट में भी उन्होंने यही किया.

महाजन ने आगे कहा, ‘क्या वे देश को निजी क्षेत्र के हाथों में बेचना चाहते हैं और किसानों को मरने देना चाहते हैं? एक ऐसे व्यक्ति की जरूरत है, जिसे किसानों, श्रमिकों और भारत के उद्यमियों पर भरोसा हो और विश्राम पर जाने की उसकी कोई योजना न हो.’

गौरतलब है कि अरविंद सुब्रमण्यम ने बुधवार को कहा कि वह निजी कारणों से पद छोड़ रहे हैं.  उन्होंने कहा कि वह अगले एक-दो माह में वित्त मंत्रालय से विदाई ले लेंगे.

मालूम हो कि अरविंद सुब्रमण्यम को वित्त मंत्रालय ने 16 अक्टूबर, 2014 को बतौर मुख्य आर्थिक सलाहकार तीन साल के लिए नियुक्त किया था और 2017 में उनका कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)