घटना राजधानी भोपाल के बैरसिया तहसील के परसोरिया गांव की है. किसान की ज़मीन पर कुछ दबंगों ने क़ब्ज़ा कर लिया था. उसने विरोध किया तो पेट्रोल डाल कर ज़िंदा जला कर मार दिया.
भोपाल: मध्य प्रदेश से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. राज्य की राजधानी के एक गांव में एक दलित किसान को जिंदा जला कर मार डाला गया है.
घटना राजधानी भोपाल के बैरसिया तहसील के परसोरिया गांव में गुरुवार सुबह हुई. मृतक किसान का नाम किशोरी लाल है और उसकी उम्र तकरीबन 70 साल बताई जा रही है.
पत्रिका की रिपोर्ट के मुताबिक, चार लोगों ने किशोरी लाल को पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया. इस दौरान, किसान की पत्नी आरोपियों से अपने पति की जान बख्शने की भीख मांगती रही लेकिन आरोपियों को दया नहीं आई.
पुलिस अधीक्षक हेमंत सिंह चौहान बताते हैं, ‘किसान किशोरी लाल की सड़क से लगी साढ़े तीन एकड़ जमीन थी. जिस पर आरोपियों ने कब्जा कर लिया था और उस पर खेती कर रहे थे. इसका विरोध करने के लिए किशोरी लाल सुबह 9 बजे खेत पर पहुंचा तो आरोपी तीरन यादव, उसका बेटा प्रकाश, भतीजा संजू और बलवीर ट्रैक्टर से बीज बोते मिले. किशोरी लाल के विरोध दर्ज कराने पर आरोपियों ने उसे पीटना शुरू कर दिया और फिर पेट्रोल डाल कर उसे जिंदा जला डाला.’
दैनिक भास्कर के मुताबिक, ‘किशोरी लाल ने अस्पताल में अपना दम तोड़ा. वे 90 फीसद तक जल गए थे.’
इस हत्याकांड के बाद सक्रियता दिखाते गुरुवार दोपहर में ही बैरसिया पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ हत्या, खेत कब्जाने की कोशिश और एससी/एसटी एक्ट के तहत मामले दर्ज कर लिए और रात 11:30 बजे तक चारों को हिरासत में ले लिया.
किशोरी लाल के छोटे बेटे कैलाश जाटव ने बताया, ‘वर्ष 2002 में सरकार ने हमें परसोरिया में साढ़े तीन एकड़ जमीन पर पट्टा दिया था. तब से ही हम इस पर खेती करते थे. लेकिन, इस साल गांव के ही तीरन सिंह यादव ने इस जमीन पर कब्जा कर लिया.’
वे आगे कहते हैं, ‘गुरुवार सुबह मां और पिता खेत पर पहुंचे तो आरोपी ट्रैक्टर से खेत जोत रहे थे. पिता के विरोध करने पर धमकाने लगे. पिता अड़े रहे तो तीन आरोपियों ने उनके हाथ-पैर पकड़ लिए और एक ने पेट्रोल डाल कर उनको जला डाला. मां चीखती रही, चिल्लाती रही पर किसी ने नहीं सुनी. वह भाग कर घर आई और हमें सब बताया. पिता को हम अस्पताल ले गए. पर उन्हें बचाया नहीं जा सका.’
वहीं, कैलाश ने बैरसिया पुलिस थाना प्रभारी पर भी आरोप लगाए हैं कि पिता किशोरी लाल कई बार बैरसिया थाने कब्जे की शिकायत कराने गए थे, लेकिन टीआई उन्हें गाली देकर दुत्कार देते थे.
इस बीच, किशोरी लाल की मौत के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर ग्रामीणों ने अस्पताल में हंगामा भी किया. जिससे अतिरिक्त पुलिस बल बुलाना पड़ा.
किसी विवाद के पनपने की आशंका के चलते किशोरी लाल का अंतिम संस्कार पुलिस की निगरानी में किया गया.