जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि आतंकवादियों के मारे जाने की संख्या में बढ़ोतरी उपलब्धि नहीं. इससे पहले कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा था कि एक आतंकी को मारने के लिए 13 नागरिकों को मार दिया जाता है.
श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि राजग सरकार का यह दावा कि उसके शासनकाल में संप्रग सरकार की अपेक्षा ज्यादा आतंकवादी मारे गए हैं, वास्तविक रूप में यह दिखाता है कि उन्होंने घाटी में आतंकवाद और हिंसा को दोबारा उभरने का मौका दिया.
उमर ने ट्वीट किया, ‘दरअसल मिनिस्टर साहब यह कहानी बताती है कि आपकी सरकार ने आतंकवाद और हिंसा को जम्मू कश्मीर में दोबारा सिर उठाने का मौका दिया और सुरक्षा बलों को और अधिक आतंकवादियों को मारने को मजबूर किया.’
Actually minister sahib this tells the story of how your government allowed militancy & violence to re-emerge in J&K forcing the security forces to kill more terrorists. You should be embarrassed by these statistics not be claiming them as some achievement. https://t.co/7YmMkLTmR2
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) June 23, 2018
दरअसल जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद के उस ट्वीट और बयान का जवाब दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि राजग सरकार के शासनकाल में संप्रग सरकार की अपेक्षा ज्यादा आतंकवादी मारे गए.
प्रसाद ने कहा था कि सुरक्षाबलों ने 2012 और 2013 में क्रमश: 72 और 67 आतंकवादी मारे जबकि भाजपा नेतृत्व वाली राजग सरकार जब केंद्र में आई तो उसने 2014 में 110 आतंकवादी मारे.
उन्होंने बताया कि 2015 में 108 आतंकवादी , 2016 में 150 आतंकवादी और इस साल मई तक 75 आतंकवादी मारे गए हैं.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आतंकवादियों के मारे जाने की संख्या में बढ़ोतरी उपलब्धि नहीं है.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘आपको इन आंकड़ों की वजह से शर्मिंदा महसूस करना चाहिए न कि इसे उपलब्धि बतानी चाहिए.’
रवि शंकर प्रसाद ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद के एक बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी. रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद सुरक्षा बलों ने अधिक आतंकवादियों को मार गिराया है. उन्होंने साल 2012 से 2018 तक के आंकड़े भी गिना डाले.
गौरतलब है कि बीते दिनों ग़ुलाम नबी आज़ाद ने जम्मू कश्मीर को लेकर भाजपा पर जमकर निशाना साधा था. उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों को आम जनता के नुकसान के लिए ज़िम्मेदार ठहराया था.
उन्होंने कहा एक आतंकी को मारने के लिए 13 नागरिकों को मार दिया जाता है. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि हाल के आंकड़ों पर गौर करें तो सेना की कार्रवाई नागरिकों के ख़िलाफ़ ज़्यादा और आतंकियों के ख़िलाफ़ कम हुई है.
उन्होंने आगे कहा था, ‘घाटी में हालात बिगड़ने का मुख्य कारण यह है कि मोदी सरकार ने बातचीत की अपेक्षा कार्रवाई करने में ज़्यादा यक़ीन रखती है. ऐसा लगता है कि वे हमेशा हथियार इस्तेमाल करना चाहते हैं.’ पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, ग़ुलाम नबी आज़ाद के इस बयान पर आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने समर्थन किया है जिस पर घमासान मचा हुआ है.
इससे पहले उमर अब्दुल्ला ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भाजपा के गठबंधन तोड़ने पर तंज कसते हुए एक विवादित बॉलीवुड फिल्म का सीन शेयर किया था.
The PDP & BJP have been watching Bollywood movies for political strategy. This is how they have crafted their “divorce”. Brilliant fixed match, scripted to perfection except the audience aren’t fools & neither are the rest of us 😀 pic.twitter.com/82854aFHWM
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) June 20, 2018
अब्दुल्ला ने ट्वीट में कहा था, ‘पीडीपी और भाजपा अपनी राजनीतिक रणनीति को बनाने के लिए बॉलीवुड फिल्मों को देख रही थीं. उन्होंने अपना गठबंधन तोड़ने का निर्णय कुछ इसी तरह तैयार किया है. उन लोगों ने एक शानदार ‘फिक्स स्क्रिप्ट’ तैयार की, लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि न ही जनता बेवकूफ है, न हम जो उनके नाटक को समझ न पाएं.’
जिस फ़िल्म का सीन शेयर किया है वह 1977 में आई फिल्म ‘किस्सा कुर्सी का’ है. ये फिल्म काफी विवादों में रही थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)