उत्तराखंड हाईकोर्ट द्वारा राज्य में वाटर स्पोर्ट्स पर लगाए प्रतिबंध पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए एक व्यापक नीति तैयार की जाएगी ताकि इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले.
देहरादून: उत्तराखंड में वाटर स्पोर्ट्स बंद करने के हालिया अदालती आदेश के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को उन्हें इस उद्योग से जुड़े लोगों को उनके हितों को बचाने का आश्वासन दिया जबकि सभी जिलाधिकारियों को उनके क्षेत्र में प्रतिबंध लागू करने के लिए कहा गया है.
रावत ने अपने बयान में कहा, ‘रोमांचक पर्यटन पर प्रतिबंध के उच्च न्यायालय के आदेश के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जा रहा है. इसके बाद अगला कदम उठाया जाएगा. व्यवसाय से जुड़े उद्यमियों के हितों की रक्षा की जाएगी.’
रावत ने पर्यटन सचिव को निर्देश दिया कि मामले में सभी कानूनी विकल्पों पर गौर करें और उचित कदम उठाएं.
उन्होंने कहा कि साहसिक पर्यटन, जो उत्तराखंड में पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण है, को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में इस उद्यम में लगे लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड राफ्टिंग, कयाकिंग मैन्युएल को तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि पैराग्लाइडिंग और अन्य साहसिक पर्यटन के मैन्युएल को जल्द तैयार किया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘इस उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए एक व्यापक नीति तैयार की जाएगी ताकि इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले.’
इस बीच, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने शनिवार को सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखते हुए उन्हें हाईकोर्ट के आदेश को कड़ाई से अपने क्षेत्रों में लागू करने को कहा.
गौरतलब है कि 18 जून को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूरे राज्य में वाटर रिवर राफ्टिंग और दूसरी अन्य जल क्रीड़ाओं और पैराग्लाइडिंग पर तब तक प्रतिबंध लगा दिया था जब तक कि राज्य सरकार द्वारा एडवेंचर स्पोर्ट्स पर एक पारदर्शी नीति नहीं बना ली जाती है. इसके लिए दो सप्ताह का समय दिया गया था.
उत्तराखंड राफ्टिंग एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष देवेंद्र रावत ने कहा, ‘प्रतिबंध के चलते इस उद्योग से जुड़ें 40,000 लोग प्रभावित होंगे. इस समय जल क्रीड़ा का सत्र अपने चरम पर है जिससे प्रतिबंध के चलते भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)