बिप्लब रॉय ने कहा कि एक से छह जून के बीच संघ से जुड़ने के लिए वेबसाइट पर रोजाना औसतन 378 अनुरोध आते थे. सात जून के मुखर्जी के संबोधन के बाद से हमें रोजाना 1,200-1,300 अनुरोध मिल रहे हैं.
कोलकाता: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद उनके गृह राज्य में संगठन में शामिल होने का अनुरोध करने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है.
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता बिप्लब रॉय ने कहा कि नागपुर में सात जून को मुखर्जी के भाषण के बाद संगठन में शामिल होने के लिए संघ को लोगों की तरफ से कई आवेदन मिले हैं.
रॉय ने संवाददाताओं से कहा, ‘एक जून से छह जून के बीच औसतन हमें हमारी वेबसाइट ‘जॉइन आरएसएस’ पर राष्ट्रीय स्तर पर रोजाना 378 अनुरोध प्राप्त होते थे. सात जून को हमारे शिक्षा वर्ग को मुखर्जी के संबोधित करने के बाद से हमें 1779 आवेदन मिले हैं. सात जून के बाद हमें रोजाना 1200-1300 अनुरोध मिल रहे हैं.’
उन्होंने कहा कि इसमें से 40 फीसदी अनुरोध बंगाल से आए हैं. यह पूछे जाने पर कि मुखर्जी के कार्यक्रम में हिस्सा लेने से क्या लोगों के बीच आरएसएस की लोकप्रियता बढ़ी है तो उन्होंने कहा, ‘इस तरीके से व्याख्या करना सही नहीं होगा कि मुखर्जी की वजह से आरएसएस की स्वीकार्यता बढ़ी है. आरएसएस समाज में अपनी गतिविधियों की वजह से लोगों के बीच लोकप्रिय है.’
उन्होंने कहा, ‘लेकिन हां, मुखर्जी के भाषण के बाद से लोगों में दिलचस्पी बढ़ी है. यह उसके कारणों में से एक है.’
गौरतलब है कि आरएसएस ने 7 जून को संघ कार्यकर्ताओं के ट्रेनिंग कैंप पूरा होने पर आयोजित शिक्षा वर्ग कार्यक्रम को संबोधित करने और परेड में शामिल होने के लिए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को बुलाया गया था. यह एक वार्षिक ट्रेनिंग कैंप था जिसका मतलब स्वयंसेवकों के संघ में तीन साल पूरा होना था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)