बिहार में सर्जरी के लिए इस्तेमाल होने वाला स्प्रिट पीने से चार लोगों की मौत

बिहार के बेगूसराय का मामला. डॉक्टर सर्जिकल स्प्रिट का इस्तेमाल सर्जिकल उपकरणों को साफ़ करने के लिए करते हैं.

(फोटो: गूगल मैप)

बिहार के बेगूसराय का मामला. डॉक्टर सर्जिकल स्प्रिट का इस्तेमाल सर्जिकल उपकरणों को साफ़ करने के लिए करते हैं.

(फोटो: गूगल मैप)
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बेगूसराय: पूर्ण शराबबंदी वाले राज्य बिहार के बेगूसराय जिले के नगर थाना अंतर्गत कथित रूप से सर्जरी के लिए इस्तेमाल होने वाला स्प्रिट पीने से चार लोगों की मौत हो गई है.

पुलिस अधीक्षक आदित्य कुमार ने बताया कि मृतकों में सुनील कुमार, मनोज कुमार, प्रवीण कुमार और सोनू कुमार शामिल हैं जो कि बेगूसराय के नगर थाना क्षेत्र के पोखरिया मोहल्ले में रह रहे थे.

उन्होंने बताया कि तीनों मृतकों में एक सुनील का शव पुलिस ने बरामद कर लिया है. उसका पोस्टमार्टम कराए जाने के बाद विसरा को जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जा रहा है.

दैनिक भास्कर की ख़बर के अनुसार, चारों मरने वाले दोस्त थे और चारों ने एक साथ ही नशा किया था.

चारों ने रविवार को स्टेडियम में बैठकर सर्जिकल स्प्रिट का सेवन किया था. हालत ख़राब होने के बाद परिवारवालों ने उनको एक निजी नर्सिंग होम ले गए, लेकिन डॉक्टर उनकी जान नहीं बचा पाए.

आदित्य ने बताया कि मनोज और सोनू के परिजनों का कहना है कि उनके शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है.

पुलिस अधीक्षक आदित्य कुमार ने बताया कि मृतकों के परिजन स्प्रिट पीने से उनकी मौत होने से इनकार कर रहे हैं बल्कि उनका कहना है कि तबीयत खराब होने से उनकी मौत हुई.

उन्होंने बताया कि सुनील के परिजनों का कहना है कि उसकी पहले से किडनी खराब थी और उसका इलाज चल रहा था. अधिक तबीयत खराब होने पर उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मनोज और सोनू के परिजनों का कहना है कि इन दोनों की सोमवार सुबह अचानक तबीयत खराब हुई जिसके बाद उन्होंने दम तोड़ दिया.

कथित जहरीली शराब अथवा स्प्रिट पीने से पोखरिया में प्रदीप नामक एक अन्य व्यक्ति की भी मौत की चर्चा के बारे में पूछे जाने पर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उसके बारे में पता नहीं चल सका है.

स्प्रिट में 70 फीसदी से अधिक शराब होता है. डॉक्टर इसका इस्तेमाल सर्जिकल उपकरणों को साफ करने के लिए करते हैं. स्प्रिट में मौजूद शराब रोगाणुओं को खत्म कर देता है.

उल्लेखनीय है कि बिहार में अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है और यहां शराब पीने, खरीद-बिक्री और उसके परिवहन पर प्रतिबंधित है.

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ) 

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