पासपोर्ट विवाद को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्विटर पर गाली-गलौज और बेहद अपमानजनक टिप्पणियों का सामना करना पड़ रहा है.
सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग के बढ़ते चलन का नया निशाना मोदी सरकार में जनता के सबसे चहेतों मंत्रियों में से एक सुषमा स्वराज बनीं. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि एक अंतरधार्मिक जोड़े द्वारा एक पासपोर्ट अधिकारी द्वारा प्रताड़ित करने के आरोप पर उनके मंत्रालय द्वारा उस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की थी.
पिछले हफ्ते विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को संबोधित करते हुए किये गये कई ट्वीट में नोएडा की तन्वी सेठ ने शिकायत की थी कि लखनऊ के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में उनकी पासपोर्ट की अर्जी के बाद हुए इंटरव्यू में एक अधिकारी ने उनका आवेदन अस्वीकार करते हुए उनके एक मुस्लिम से शादी करने और शादी के बाद नाम न बदलने को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की.
उनके पति अनस का कहना था कि विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने उनसे यह भी कहा कि वे धर्म परिवर्तन करें, तभी उनकी शादी को ‘स्वीकार’ किया जाएगा.
इसके एक दिन बाद विदेश मंत्रालय ने इस जोड़े को पासपोर्ट देते हुए वादा किया कि संबंधित अधिकारी के खिलाफ ‘उचित कार्रवाई’ की जाएगी.
इसके बाद संबंधित पासपोर्ट अधिकारी, जिनका नाम विकास मिश्रा है, ने अपना पक्ष रखने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने कहा, ‘मैंने तन्वी सेठ को, उनके निकाहनामे के हिसाब से उनका नाम ‘सादिया हसन’ लिखने को कहा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. हमें पूरी तरह यह सुनिश्चित करना होता है कि कोई फर्जी या डुप्लीकेट पासपोर्ट बनवाने के लिए नाम तो नहीं बदल रहा है.’
पासपोर्ट अधिकारी के इस बयान ने ट्विटर पर मौजूद दक्षिणपंथियों को नाराज़ कर दिया, जिन्होंने मंत्रालय की तन्वी और अनस के पासपोर्ट संबंधी कार्रवाई को ‘अल्पसंख्यक तुष्टिकरण’ की कोशिश के रूप में देखा.
हालांकि अगर वर्तमान पासपोर्ट नियमों की बात करें तो इसमें किसी महिला के नाम के प्रमाण के लिए विवाह के प्रमाण पत्र का संदर्भ लेने जैसा कोई नियम नहीं है.
सुषमा स्वराज, जो विदेशी दौरे के चलते हफ्ते भर से देश से बाहर थीं, ने लौटने के बाद गाली-गलौज भरे ट्वीट्स ‘लाइक’ कर इन्हें करने वाले करने वाले ट्विटर हैंडलों को अपनी तरह से जवाब दिया. उन्होंने कुछ रिट्वीट भी किए, जो दिखाते हैं कि उन्हें कसी तरह निशाना बनाया जा रहा है.
कुछ ट्रोल्स ने उन पर ‘सेकुलर दिखने’ का आरोप लगाया तो कुछ ने उनके किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर टिप्पणी की. मालूम हो कि पिछले साल एम्स में उन्हें किडनी प्रत्यारोपित की गयी थी.
हालांकि यह पहली बार नहीं जब कोई भाजपा नेता ट्विटर पर दक्षिणपंथियों के गुस्से का शिकार बना है. जुलाई 2017 में शुचि सिंह कालरा नाम की महिला के एक ट्वीट का जवाब देने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ‘राष्ट्रवादी’ ट्रोल्स के निशाने पर आ गये थे.
शुचि ने ट्वीट किया था,
‘Who gives a **** about the spirit of Kashmiriyat at this moment? It’s not your job to placate. Just drag those cowards out and cull them.’
[इस समय किसे कश्मीरियत की पड़ी है? आपका काम तसल्ली देना नहीं है. बस उन कायरों को बाहर खींचकर लाएं और मारें.’]
गौर करने वाली बात यह है कि मोदी के मुखर वे समर्थक, जिन्होंने राजनाथ सिंह के इस महिला को जवाब देने की आलोचना की थी, अब तक सुषमा स्वराज पर हो रही गालियों की बौछार पर चुप्पी साधे हुए हैं.
इन्होंने राजनाथ सिंह पर आरोप लगाया था कि उनके जवाब की वजह से इस महिला को ट्रोल किया जाएगा, कई ने उनका इस्तीफ़ा मांगते हुए कहा था कि वो इस पद के लायक नहीं हैं.
लेकिन सुषमा स्वराज पर हो रहे हमले अलग तरह के हैं. यहां उन पर व्यक्तिगत हमले किये जा रहे हैं और उनकी बीमारी को सांप्रदायिक एंगल दिया जा रहा है.
सुषमा स्वराज का अनुभव ठीक वैसा ही है, जिससे ट्विटर पर मौजूद महिलाएं हर दिन दो-चार होती हैं- मौत और बलात्कार की धमकियां, धमकी भरे मैसेज, जो अक्सर सेक्सुअल होते हैं.
जहां एक ओर तो विदेश मंत्री ने उन्हें ट्रोल करने वाले ट्रोल्स को जवाब दिया है, लेकिन यह दुखद है कि वे अब तक उनकी पार्टी की आईटी सेल द्वारा महिला पत्रकारों और एक्टिविस्टों को योजनाबद्ध तरह से निशाना बनाए जाने और उनके सहकर्मियों द्वारा पत्रकारों को ‘प्रेस्टीट्यूट’ बुलाए जाने पर ख़ामोशी अख्तियार किये रहीं.
अब तक किसी भी भाजपा नेता ने सुषमा स्वराज के समर्थन में ट्वीट नहीं किया है. वहीं कांग्रेस द्वारा ट्रोल्स की निंदा करते हुए ट्विटर पर बयान जारी किया गया है.
ट्रोल्स करने वालों को फॉलो करते हैं प्रधानमंत्री और भाजपा सांसद
जहां एक ओर सुषमा स्वराज ने करीब ऐसे 200 ट्वीट लाइक किये हैं, वहीं इन ट्रोल्स के अकाउंट को भाजपा नेताओं द्वारा फॉलो किया जा रहा है.
हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा किये गए एक विश्लेषण के अनुसार भाजपा के 41 नेता, जो या तो केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा हैं या लोकसभा सांसद हैं स्वराज को ट्रोल करने वाले कम से कम एक अकाउंट को फॉलो करते हैं.
सुषमा स्वराज को ट्रोल करने वाले 8 एकाउंट्स को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फॉलो करते हैं.
स्वराज द्वारा लाइक किए गए ट्रोल्स के 211 ट्वीट्स 169 एकाउंट्स किए गए हैं. इनमें से 18 एकाउंट्स को कम से कम एक भाजपा सांसद तो फॉलो करते हैं.