झारखंड के खूंटी ज़िले के अनिगड़ा में हुई झड़प. पत्थलगड़ी आंदोलन रोकने और इसके नेता यूसुफ पूर्ति को गिरफ़्तार करने जा रही थी पुलिस. आंदोलन से जुड़े नेता यूसुफ पूर्ति का घर कुर्क.
झारखंड के खूंटी ज़िले के कोचांग गांव के एक स्कूल में नुक्कड़ नाटक करने गईं पांच युवतियों के साथ कथित सामूहिक बलात्कार का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि खूंटी ज़िला एक बार फिर सुलग उठा.
बीते मंगलवार को पुलिस और ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प हो गई है. दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, खूंटी ज़िला मुख्यालय से सात किलोमीटर दूर घाघरा में हो रहे पत्थलगड़ी आंदोलन को रोकने और उनके नेता यूसुफ पूर्ति को गिरफ़्तार करने के लिए 500 जवान वहां जा रहे थे.
हालांकि घाघरा से चार किलोमीटर पहले अनिगड़ा में पत्थलगड़ी समर्थकों और पुलिस की भिड़ंत हो गई. पुलिस ने लाठियां भांजी. इस झड़प में एक समर्थक जख़्मी हो गया. पुलिस ने छह समर्थकोंं को हिरासत में लिया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस से भागने के क्रम में पत्थलगड़ी समर्थकों ने अनिगड़ा के पास चांदीडीह स्थित भाजपा सांसद करिया मुंडा के आवास पर हमला बोल दिया.
पुलिस के अनुसार, करीब 300 की संख्या में पत्थलगड़ी समर्थकों ने हमले में तीन इंसास रायफल लूट ली. समर्थकों में बड़ी संख्या में महिलाओं के भी शामिल होने की सूचना है. इस हमले में समर्थक आवास पर तैनात हवलदार और तीन जवानों को अपने साथ ले जाने लगे.
हालांकि मौका पाकर हवलदार बैजू उरांव भाग निकले, लेकिन तीन जवानों को समर्थकों ने बंधक बनाकर अगवा कर ले गए. इन जवानों में सुबोध कुजूर, विनोद केरकेट्टा और सियोन सोरेन शामिल हैं.
सूचना है कि तीनों जवानों को घाघरा में बंधक बनाकर रखा है. इन जवानों को छुड़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
प्रभात खबर की रिपोर्ट के अनुसार, इसके बाद खूंटी डीसी सूरज कुमार और एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा 500 पुलिसकर्मियों के साथ शाम तकरीबन सात बजे घाघरा के पास आयोजित ग्रामसभा गए.
रिपोर्ट के अनुसार, इस ग्रामसभा का आयोजन पत्थलगड़ी आंदोलन से जुड़े नेता यूसुफ पूर्ति ने की थी. दोनों पुलिस अधिकारियों ने ग्रामसभा में शामिल ग्रामीणों से बातचीत करने की कोशिश की गई तो कहा गया कि पुलिस की ओर से सिर्फ पांच लोग ही बातचीत के लिए आगे आएं.
इसके बाद पुलिस की ओर से भी यहीं शर्त रखी गई. हालांकि इसके बाद भी दोनों पक्ष बातचीत के लिए राज़ी नहीं हुए. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस ने तीनों अगवा जवानों को छुड़ाने के लिए बुधवार को लाठीचार्ज कर दिया.
बीते बुधवार को झारखंड पुलिस के प्रवक्ता अपर पुलिस महानिदेशक आरके मलिक ने बताया कि खूंटी के घाघरा में पुलिस और प्रशासन ने रातभर ग्रामीणों को समझाने बुझाने का प्रयास किया लेकिन उनके न मानने और अपहृत जवानों को रिहा न करने पर पुलिस ने बुधवार तड़के कार्रवाई प्रारंभ की.
इस दौरान पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, लाठीचार्ज किया और साठ लोगों को हिरासत में ले लिया.
इस पर मौके से अन्य ग्रामीण भाग निकले और कथित भगदड़ में एक युवक की मौत हो गयी लेकिन पुलिस को अपने अपहृत सिपाहियों का अब तक पता नहीं चल सका है.
उन्होंने बताया, ‘कार्रवाई अभी भी जारी है और क्षेत्र में पत्थलगड़ी की आड़ में गुंडागर्दी कर रहे लोगों पर नकेल कसी जायेगी तथा कानून का राज कायम किया जाएगा.’
उन्होंने बताया कि जल्द ही स्थिति नियंत्रण में होगी. मौके पर भारी संख्या में सशस्त्र पुलिस बल और खूंटी के पुलिस अधीक्षक तथा उपायुक्त मंगलवार शाम से स्वयं उपस्थित हैं.
मलिक ने बताया कि पुलिस अधीक्षक एवं उपायुक्त के अथक प्रयास के बावजूद पत्थलगड़ी समर्थक अपहृत जवानों को रिहा करने को राज़ी नहीं हुए जिसके बाद सख्ती करनी पड़ी.
उन्होंने बताया, ‘पुलिस बल पर पत्थलगड़ी समर्थकों एवं उनके बहकावे में आए ग्रामीणों ने तीर-धनुष, तलवार एवं पत्थर से हमले किए जिससे निपटने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और फिर लाठीचार्ज किया. इस दौरान हुई भगदड़ में एक युवक की मौत हो गयी जबकि अनेक ग्रामीण एवं पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस की सख्ती देखते हुए घाघरा गांव में जमे पत्थलगड़ी समर्थक मौके से भाग निकले.’
पुलिस अपने सिपाहियों की तलाश में गांव के एक-एक मकान की तलाशी ले रही है.
उन्होंने बताया कि जब तक सांसद के सुरक्षाकर्मियों को पत्थलगड़ी समर्थकों के चंगुल से नहीं छुड़ाया जाता तथा दोषियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती पुलिस की सख्त कार्रवाई जारी रहेगी.
मलिक ने बताया कि पुलिस द्वारा मंगलवार को पत्थलगड़ी के स्वयंभू नेता युसूफ पूर्ति के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट तामील करने की कार्रवाई प्रारंभ करने पर लोगों ने विरोध की कोशिश की. पूर्ति तो भारी संख्या में पुलिस बल देखकर मौके से फरार हो गया.
मलिक ने बताया ‘उसके भड़काने पर पत्थलगड़ी समर्थक और कुछ और गुंडों ने घाघरा इलाके में मंगलवार को पत्थलगड़ी की कोशिश की. हालांकि उनके इस प्रयास को रोकने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बल वहां पहुंच गया. इस पर पत्थलगड़ी समर्थक उग्र होकर पुलिस के खिलाफ मोर्चेबंदी कर ली और अनिगड़ा-चांदीडीह इलाके में मंगलवार दोपहर स्थानीय सांसद करिया मुंडा के निवास पर हमला बोलकर उनके तीन अंगरक्षकों को हथियार समेत अपहृत कर लिया. इस दौरान वहां स्थानीय सांसद मौजूद नहीं थे.’
मंगलवार रात पुलिस ने अपने अपहृत जवानों की स्थिति का पता लगाया था और ग्रामीणों से उन्हें छोड़ने की अपील की थी. हालांकि उनके साथ एकत्रित कुछ व्यक्तियों ने पुलिस प्रशासन पर ही अपनी शर्तें मानने का दबाव बनाना प्रारंभ कर दिया.
स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार, पत्थलगड़ी समर्थक पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए अपने कुछ लोगों की रिहाई की मांग कर रहे थे और कह रहे थे कि उनकी रिहाई पर ही सांसद के अंगरक्षकों को छोड़ा जाएगा.
पुलिस प्रशासन ने मंगलवार रात ही इन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी कर ली थी.
पुलिस ने बताया, ‘राज्य सरकार की विकास की नीति के खिलाफ कुछ उग्रवादी तथा स्थानीय ईसाई मिशनरियां एकजुट होकर स्थानीय आदिवासियों को भड़का रही हैं और खूंटी में गांवों के बाहर पत्थर गाड़कर उस पर स्थानीय प्रशासन के प्रवेश को निषिद्ध करने की बात लिख रहे हैं. प्रशासन के लोगों के गांवों के भीतर जाने पर ये लोग गरीब आदिवासियों को एकजुट करके उन पर हमला कर देते हैं.’
पुलिस ने बताया कि इन्हीं पत्थलगड़ी समर्थकों और ईसाई मिशनरी के लोगों ने मिलकर 19 जून को खूंटी के कोचांग गांव में एक ईसाई मिशनरी में नुक्कड़ नाटक कर रहे समूह की पांच युवतियों का अपहरण कर उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और अप्राकृतिक यौनाचार किया. पुलिस ने उक्त मामले में मिशन के एक पादरी समेत तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया है और छह अन्य की तलाश कर रही है.
जहां इसाई मिशनरियों ने इस नृशंस कांड पर चुप्पी साध रखी है वहीं रविवार को रांची में एक संवाददाता सम्मेलन कर स्थानीय मीडिया से एक बिशप ने कहा कि पुलिस जानबूझ कर बदनीयत से उनके साथियों को फंसा रही है.
पुलिस ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि वह बलात्कार के आरोपियों के खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई कर रही है.
पत्थलगड़ी आंदोलन से जुड़े नेता यूसुफ पूर्ति का घर कुर्क
प्रभात ख़बर की रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले सोमवार 25 जून की रात पत्थलगड़ी आंदोलन से जुड़े नेता यूसुफ पूर्ति को गिरफ़्तार करने के लिए कुर्की वारंट लेकर पुलिस 200 जवानों के साथ उनके उदबुरू स्थित घर गई थी.
हालांकि पुलिस के पहुंचने से पहले ही यूसुफ भाग निकले थे. पुलिस जब उनके घर पहुंची तो उनकी सुरक्षा में तैनात पत्थलगड़ी समर्थकों ने उन पर तीर-धनुष से हमला कर दिया.
रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस के बल प्रयोग करने के बाद लोग शांत हुए उसके बाद पुलिस ने यूसुफ पूर्ति के घर की कुर्की-जब्ती की कार्रवाई की.
पुलिस ने उस जगह को भी क्षतिग्रस्त कर दिया जहां यूसुफ पूर्ति ने आदिवासी बैंक बनाने के लिए आधारशिला रखी थी.
रिपोर्ट के अनुसार, यूसुफ पूर्ति के ख़िलाफ़ खूंटी के विभिन्न थानों में पत्थलगड़ी और इससे जुड़ी घटनाओं को लेकर तकरीबन 12 मामले दर्ज हैं. उनके ख़िलाफ़ कई मामलों में पुलिस पहले ही कोर्ट से वारंट ले चुकी है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)