सहरसा ज़िले की घटना. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर ने बताया कि श्रमिकों की मौत दम घुटने के कारण हुई है क्योंकि सेप्टिक टैंक कार्बन डाई ऑक्साईड गैस से भरा हुआ था.
सहरसा: बिहार के सहरसा जिले में नवनिर्मित सेप्टिक टैंक में प्रवेश करने के बाद दम घुटने से रविवार को चार श्रमिकों की मौत हो गई और एक अन्य अचेत हो गया.
सहरसा के अनुमंडल अधिकारी शम्भु नाथ झा ने बताया कि सोनबरसा पुलिस थाने के सोनबरसा राज बाजार इलाके में यह हादसा उस वक्त हुआ जब श्रमिक सुबह सेप्टिक टैंक में मचान हटाने के लिए उतरे.
सोनबरसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक कुमार विवेकानंद ने बताया कि श्रमिकों की मौत दम घुटने के कारण हुई है क्योंकि सेप्टिक टैंक कार्बन डाई ऑक्साईड गैस से भरा हुआ था.
दैनिक भास्कर की ख़बर के अनुसार, सोनबरसा में एक नवनिर्मित भवन में बने सैप्टिक टैंक का शटरिंग खोलने के लिए मजदूर गए थे. मजदूर जैसे ही सेप्टिक टैंक में घुसे, थोड़ी देर में उनका दम घुटने लगा और वहां मौजूद लोगों ने सभी मजदूरों को बाहर निकाला और तुरंत सदर अस्पताल पहुंचे.
झा ने बताया कि मृतकों की पहचान मनोज कुमार (26) राकेश कुमार (28) सुजीत कुमार (20) और मुकेश कुमार (22) के रूप में की गई है.
उन्होंने बताया कि अचेत पड़े एक अन्य श्रमिक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सभी श्रमिक सोनबरसा बाजार के रहने वाले हैं और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.
पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल मामले की जांच की जा रही है.
ज्ञात हो कि इससे पहले 27 जून को सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र की सिमरिया पंचायत में भी सेप्टिक टैंक में दम घुटने से चार मजदूरों की मौत हो गई थी. बताया गया था कि जहरीली गैस के रिसाव के कारण मजदूरों की मौत हुई है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)