पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा कि उत्तर प्रदेश में हाल ही में 500 मुठभेड़ हुई हैं, जिनमें कुल 58 लोग मारे गए.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुई कई मुठभेड़ों के फर्जी होने का आरोप लगाने वाली एक याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा.
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने गैर सरकारी संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टी (पीयूसीएल) की जनहित याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह के अंदर जवाब देने को कहा है.
Alleged fake encounter cases in UP: Supreme Court asks Uttar Pradesh government to file a detailed reply within two weeks.
— ANI (@ANI) July 2, 2018
पीयूसीएल की ओर से वकील संजय पारिख ने आरोप लगाया कि हाल में उत्तर प्रदेश में 500 मुठभेड़ हुई है जिनमें कुल 58 लोग मारे गए.
पीयूसीएल ने इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी पक्षकार बनाने का अनुरोध को स्वीकार नहीं किया. मालूम हो कि आयोग ने भी इस मुद्दे पर पहले राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था.
फरवरी में मानवाधिकार संगठन ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर कहा था कि प्रशासन पुलिस को अपने अधिकारों का दुरूपयोग करने दे रहा है.
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फरवरी महीने में नोटिस देने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा था कि भय का माहौल बनाना जुर्म से निपटने का सही रास्ता नहीं है.
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यह कह चुके हैं कि वे अपराधियों का जीना मुश्किल कर देंगे. या तो अपराधी जेल जाएगा या पुलिस एनकाउंटर में मारा जाएगा.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)