आम आदमी पार्टी ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी जिसमें उसने दिल्ली को एक केंद्रशासित प्रदेश बताते हुए उपराज्यपाल को इसका प्रशासनिक मुखिया बताया था.
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार एवं केंद्र के बीच सत्ता की रस्साकशी पर एक ऐतिहासिक फैसले में उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि उपराज्यपाल अनिल बैजल को स्वतंत्र फैसला लेने का अधिकार नहीं है और उन्हें मंत्रिपरिषद की मदद और सलाह पर काम करना होगा.
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली उच्चतम न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि उपराज्यपाल अवरोधक के तौर पर कार्य नहीं कर सकते हैं.
दो अन्य न्यायाधीशों न्यायमूर्ति एके सीकरी एवं न्यायमूर्ति एएम खानविलकर ने इस फैसले पर सहमति जताई.
इसने कहा कि मंत्रिपरिषद के सभी फैसले से उपराज्यपाल को निश्चित रूप से अवगत कराया जाना चाहिए लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि इसमें उपराज्यपाल की सहमति आवश्यक है.
अदालत ने अपने फैसले में कहा, ‘न तो निरंकुशता के लिए और न ही अराजकता के लिये कोई जगह है.’
यह फैसला दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए एक बड़ी जीत है. मुख्यमंत्री एवं उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच लगातार सत्ता की रस्साकशी देखी गई है.
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि जमीन और कानून-व्यवस्था सहित तीन मुद्दों को छोड़कर दिल्ली सरकार के पास अन्य विषयों पर कानून बनाने एवं शासन करने का अधिकार है.
पिछले साल 6 दिसंबर को शीर्ष अदालत ने आम आदमी पार्टी की 4 अगस्त 2016 के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. उस फैसले में दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि दिल्ली एक केंद्रशासित प्रदेश है और उपराज्यपाल इसका प्रशासनिक मुखिया.
फैसले में आगे कहा गया था कि उपराज्यपाल मंत्रिपरिषद की सहायता या सलाह के लिए बाध्य नहीं है.
उच्च न्यायालय के आदेश के बिल्कुल उलट उच्चतम न्यायालय ने कहा कि उपराज्यपाल को यांत्रिक तरीके से कार्य नहीं करना चाहिए और ना ही उन्हें मंत्रिपरिषद के फैसलों को रोकना चाहिए.
उसने कहा कि उपराज्यपाल को स्वतंत्र अधिकार नहीं सौंपे गए हैं और वह सामान्य तौर पर नहीं बल्कि सिर्फ अपवाद मामलों में मतभेद वाले मुद्दों को ही राष्ट्रपति के पास भेज सकते हैं.
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा उपराज्यपाल को मंत्रिपरिषद के साथ सौहार्दपूर्ण तरीके से काम करना चाहिए और मतभेदों को विचार-विमर्श के साथ सुलझाने का प्रयास करना चाहिए.
सीजेआई ने कहा, ‘दिल्ली के उप राज्यपाल के पास स्वतंत्र निर्णय लेने के लिए कोई स्वतंत्र अधिकार नहीं है, जब तक कि संविधान उन्हें अनुमति नहीं देता है. उपराज्यपाल एक अवरोधक नही बन सकते हैं, उन्हें मंत्रिपरिषद से सलाह लेना जरूरी है. मंत्रिपरिषद को अपने फैसलों से उपराज्यपाल को अवगत कराना होता है. उपराज्यपाल को राज्य सरकार के साथ सामंजस्यपूर्ण तरीके से काम करना चाहिए. उपराज्यपाल और मंत्री परिषद को लगातार एक दूसरे से संपर्क में रहना चाहिए. अराजकता के लिए कोई जगह नहीं है.’
सीजेआई ने आगे कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच संबंध स्वस्थ होने चाहिए.
उन्होंने जोड़ा. संविधान का पालन करना सभी का दायित्व और कर्तव्य है.
इस बीच, अन्य जज ने कहा, उप राज्यपाल सभी मामलों को राष्ट्रपति को नहीं भेज सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘नौ जजों द्वारा दिए पिछले एक फैसले के परिदृश्य में दिल्ली के पास पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं हो सकता है.’
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है और इसे शहर के लोगों और लोकतंत्र के लिए एक बड़ा फैसला करार दिया.
फैसले के कुछ देर बाद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘दिल्ली के लोगों की एक बड़ी जीत…लोकतंत्र के लिए एक बड़ी जीत…’
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार के लिए यह एक बड़ी जीत है जिनका उपराज्यपाल अनिल बैजल के साथ सत्ता पर अधिकार को लेकर लगातार टकराव जारी रहा है.
इस बीच भाजपा के नरेन्द्र कोहली ने बयान दिया है कि दिल्ली सरकार इसे अपनी जीत न समझे.
Don't understand how Delhi govt is claiming this to be a victory?Their main plank was that this is a state whereas Court has unequivocally said its not a state.They said they had exclusive executive control that was rejected too.This is a UT,Centre has a role to play:N Kohli, BJP pic.twitter.com/RwR9EYlVM4
— ANI (@ANI) July 4, 2018
उन्होंने कहा, ‘समझ नहीं आता कि कैसे दिल्ली सरकार इसे अपनी जीत बता रही है. उनका मुख्य मुद्दा था कि दिल्ली एक राज्य है जबकि अदालत ने स्पष्ट ने कहा कि यह राज्य नहीं है. उन्होंने कहा उनके पास विशेष कार्यकारी नियंत्रण है, उसे भी खारिज कर दिया गया. दिल्ली एक केंद्रशासित प्रदेश है, जहां केंद्र को ही भूमिका अदा करनी है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)