सरकारी विज्ञापन में हुआ केजरीवाल का प्रचार, उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मुख्य सचिव को तीस दिन में पार्टी से पैसे वसूलने का आदेश दिया.
दिल्ली में सरकारी विज्ञापन पर ख़र्च किए गए 97 करोड़ रुपये आम आदमी पार्टी से वसूले जाएंगे. दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने मुख्य सचिव एमएम कुट्टी को पत्र लिखकर कहा है कि 30 दिनों के भीतर ये पैसे वसूले जाएं. दरअसल, दिल्ली सरकार के विज्ञापनों में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के फोटो के इस्तेमाल के साथ विज्ञापन प्रसारित हुए गए थे.
एनडीटीवी के मुताबिक़, ‘उपराज्यपाल ने दिल्ली के मुख्य सचिव से कहा है कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने विज्ञापन में जिस तरह से केजरीवाल को प्रोजेक्ट किया गया वह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है, इसलिए इन विज्ञापनों में जो सरकारी पैसा खर्च हुआ उसकी भरपाई आम आदमी पार्टी से 97 करोड़ रुपये वसूल करके की जाए.’
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ख़बर के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा पिछले महीने एक तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी, जिसने कहा था कि दिल्ली सरकार ने जनता के पैसों का दुरुपयोग कर विज्ञापन पर ख़र्च किया है. सत्ताधारी आप पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के उल्लंघन का भी आरोप लगा है.
विज्ञापन जांच समिति ने दिल्ली के मुख्य सचिव को पिछले वर्ष 16 सिंतबर को अपनी रिपोर्ट भेजी थी, जिसमें समिति ने निर्देश दिया है कि विज्ञापन की कुछ श्रेणियों में किए गए ख़र्च का भुगतान राजनीतिक पार्टी को करना होगा.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मीडिया सलाहकार अरुणोदय प्रकाश का कहना है, ‘मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री भी इस मामले से अवगत नहीं है. हम इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते और हमें इस मामले के संदर्भ में कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है.’ आप के वरिष्ठ पदाधिकारी ने भी मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.
सूत्रों के हवाले से अख़बार ने लिखा है, ‘ 17 मार्च को उप-राज्यपाल के दफ़्तर में 97 करोड़ वसूली के देरी के चलते एक रिमाइंडर आया है. मुख्य-सचिव से उप-राज्यपाल ने मामले में देरी का कारण भी तलब किया था. उप-राज्यपाल ने कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर निर्देश दिया है कि विज्ञापन पर किया गया ख़र्च राजनीतिक दलों से वसूला जाएगा, साथ ही विज्ञापन एजेंसी के बकाया पैसे को जल्द चुकता करने का भी निर्देश दिया है.
विभिन्न विज्ञापन एजेंसी को 42 करोड़ रुपये का भुगतान- भुगतान निदेशालय द्वारा किया गया है, जबकि अब भी 55 करोड़ रुपये बकाया है. यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य और केंद्र सरकार के विज्ञापनों के लिए जारी दिशा-निर्देश के उल्लंघन के तहत हो रही है, आप को 30 दिनों के भीतर पैसे चुकाने होंगे.
अदालत के निर्देश पर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त बीबी टंडन की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय समिति ने आप से वसूली की सिफ़ारिश की थी. पिछले महीने सीएजी की रिपोर्ट में भी आप सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के विज्ञापन निर्देशों का उल्लंघन करने की बात भी कही गई थी.