केरल के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में ट्रांसजेंडर्स को भी मिलेगा आरक्षण

आदेश सामाजिक न्याय विभाग की सिफारिशों पर आधारित है. इस पहल का उद्देश्य हाशिये पर चल रहे समूहों को उच्च शिक्षा में बेहतर अवसर उपलब्ध कराना और समाज की मुख्य धारा में लाना है.

Chennai: Lesbian, Gays, Bi-Sexual and Transgenders (LGBT) people along with their supporters take part in Chennai Rainbow Pride walk to mark the 10th year celebrations, in Chennai on Sunday, June 24, 2018. (PTI Photo)(PTI6_24_2018_000130B)
Chennai: Lesbian, Gays, Bi-Sexual and Transgenders (LGBT) people along with their supporters take part in Chennai Rainbow Pride walk to mark the 10th year celebrations, in Chennai on Sunday, June 24, 2018. (PTI Photo)(PTI6_24_2018_000130B)

आदेश सामाजिक न्याय विभाग की सिफारिशों पर आधारित है. इस पहल का उद्देश्य हाशिये पर चल रहे समूहों को उच्च शिक्षा में बेहतर अवसर उपलब्ध कराना और समाज की मुख्य धारा में लाना है.

Chennai: Lesbian, Gays, Bi-Sexual and Transgenders (LGBT) people along with their supporters take part in Chennai Rainbow Pride walk to mark the 10th year celebrations, in Chennai on Sunday, June 24, 2018. (PTI Photo)(PTI6_24_2018_000130B)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

तिरुवनंतपुरम: राज्य सरकार ने आदेश जारी कर विश्वविद्यालयों और राज्य के मान्यता प्राप्त कला एवं विज्ञान कॉलेजों में हर पाठ्यक्रम के लिए दो सीट विशेष तौर पर किन्नरों के लिए आरक्षित की हैं।

उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि ट्रांसजेंडर या किन्नरों के लिए आरक्षित सीटों पर नामांकन योग्यता पूरा होने पर ही होगा।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य हाशिये पर चल रहे समूहों को उच्च शिक्षा में बेहतर अवसर उपलब्ध कराना और समाज की मुख्य धारा में लाना है।

आदेश सामाजिक न्याय विभाग की सिफारिशों पर आधारित है.

आदेश में कहा गया है , ‘सामाजिक कारणों से इन छात्रों को या तो पढ़ाई छोड़नी पड़ती है या एक शैक्षणिक वर्ष के बाद दूसरे शैक्षणिक संस्थानों में जाना पड़ता है.’

माकपा नीत एलडीएफ सरकार ने हाल में ऐसे किन्नरों को आश्रय गृह मुहैया कराने का निर्णय किया था जो राज्य साक्षरता मिशन के तहत शिक्षा कार्यक्रमों में शामिल होना चाहते हैं।

मिशन द्वारा हालिया किए गए एक सर्वे में पाया गया था कि ट्रांसजेंडर समुदाय के करीब 50 प्रतिशत सदस्य 1000 और उससे कम मासिक आय में अपना जीवनयापन कर रहे हैं.

सर्वे में शामिल 28.53 प्रतिशत की मासिक आय 1000 से 5000 रूपये रही, 19.46 प्रतिशत की 5000 से 10000 रुपये की बीच रही.

सर्वेक्षण में शामिल 20.35 प्रतिशत ट्रांसजेंडर बेरोजगार थे, और 30 प्रतिशत से अधिक किसी न किसी प्रकार के स्वरोजगार में थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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