पुणे: स्कूल ने बताया किस रंग के इनर पहनें छात्राएं, विरोध के बाद वापस लिया आदेश

पुणे के एक निजी स्कूल ने लड़कियों के इनर के रंग के अलावा उनकी स्कर्ट की लंबाई तय की थी, जिसका अभिभावकों ने विरोध किया था. स्कूल प्रशासन का कहना था कि इसका उद्देश्य 'पवित्र' है. शिक्षा मंत्री ने दिए थे जांच के निर्देश.

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पुणे के एक निजी स्कूल ने लड़कियों के इनर के रंग के अलावा उनकी स्कर्ट की लंबाई तय की थी, जिसका अभिभावकों ने विरोध किया था. स्कूल प्रशासन का कहना था कि इसका उद्देश्य ‘पवित्र’ है. शिक्षा मंत्री ने दिए थे जांच के निर्देश.

MIT School Pune ANI
फोटो साभार: एएनआई

पुणे: पुणे के एक स्कूल ने वहां पढ़ने वाली छात्राओं को विशेष रंग के अंत:वस्त्र (इनरवियर) पहनने का निर्देश दिया है.

निजी स्कूल ‘एमआईटी विश्वशांति गुरुकुल स्कूल’ द्वारा जारी विचित्र दिशा-निर्देशों के बाद विवाद खड़ा हो गया है, इसमें लड़कियों को विशेष रंग के इनरवियर पहनने का निर्देश दिया गया है.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार अभिभावकों ने इस बात का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि हमसे उनकी स्कूल डायरी पर दस्तखत करने के लिए कहा गया है जिसमें लिखा है कि बच्चे वहां कई बार टॉयलेट का भी इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं.

स्कूल प्रशासन द्वारा यह भी कहा गया है कि अगर अभिभावक और बच्चे दिशा निर्देशों का पालन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

स्कूल ने छात्राओं को सफेद तथा बेज रंग के इनरवियर पहनने का निर्देश दिया है. साथ ही यह भी बताया है कि उनकी स्कर्ट की लम्बाई कितनी होनी चाहिए. अभिभावकों ने स्कूल के खिलाफ कदम उठाने की मांग की है.

हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार बुधवार को अपना विरोध दर्ज करवाने कई अभिभावक स्कूल पहुंचे और स्कूल के प्राइमरी शिक्षा के डायरेक्टर से मुलाकात की.

वहीं स्कूल प्रशासन का कहना है कि इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य गलत नहीं है. समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए एमआईटी समूह की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुचित्रा करड़ नागरे ने कहा, ‘स्कूल डायरी में दिए गए विशेष दिशा-निर्देशों देने का उद्देश्य बहुत पवित्र है. हमें पहले ऐसे कुछ अनुभव हुए हैं जिनके चलते ऐसा निर्णय लिया गया. हमारा कोई छिपा हुआ एजेंडा नहीं है.’

वहीं स्कूल अधिकारियों का भी कहना है कि यह दिशा-निर्देश छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जारी किए गए हैं.

शिक्षा (प्राथमिक) के निदेशक दिनकर दीमकर ने पुणे नगर निगम (पीएमसी) को मामले की जांच करने का निर्देश दिया है. पीएमसी के शिक्षा बोर्ड ने मामले की जांच के लिए दो अधिकारियों को नियुक्त किया है.

वहीं, राज्य के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं. तावड़े ने कहा, ‘मैंने इस मामले में शिक्षा विभाग को विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं. अगर ज़रूरत पड़ी तो हम कार्रवाई करेंगे.’

हालांकि मीडिया में खबर आने और इसके कड़े विरोध के बाद स्कूल प्रशासन ने यह आदेश वापस ले लिया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)