पाकिस्तान की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ और उनकी बेटी मरियम नवाज़ को भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी माना है.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के एक मामले में 10 साल और उनकी बेटी मरियम नवाज को सात साल की सजा हुई है. पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के हवाले से यह खबर है.
यह मामला लंदन के रिहायशी एवनफील्ड हाउस में चार मकानों के स्वामित्व से जुड़ा हुआ है.
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक अदालत ने मरियम नवाज के पति कैप्टन सफदर को भी एक साल की सजा सुनाई है. शरीफ, मरयम और सफदर के साथ ही अपदस्थ प्रधानमंत्री के दो पुत्र – हसन और हुसैन – भी इस मामले में वांछित हैं. उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया गया है.
गौरतलब है कि ये फैसला पाकिस्तान में 25 जुलाई को होने वाले आम चुनावों से कुछ सप्ताह पहले सुनाया गया है. नवाज की बेटी मरियम पाकिस्तान में चुनाव लड़ रहीं है. जाहिर है कि कोर्ट के इस फैसले से पाकिस्तान के सियासी संग्राम पर असर पड़ेगा.
अदालत के फैसले के बाद नवाज शरीफ की पार्टी मुस्लिम लीग (नवाज) के कार्यकर्ताओं ने देशभर में प्रदर्शन किए हैं.
गौरतलब है कि इससे पहले अदालत ने तीन जुलाई 2018 को मुकदमे की सुनवाई पूरी करके फैसला सुरक्षित कर लिया था.
इससे पहले अदालत ने नवाज शरीफ की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के चार मामलों में से एक में फैसला एक हफ्ते देरी से सुनाने की अपील की थी.
अदालत ने कहा था कि एवनफील्ड भ्रष्टाचार मामले में फैसला शुक्रवार को ही सुनाएगी. गौरतलब है कि शरीफ अब भी अपनी बेटी मरियम के साथ लंदन में हैं.
उन्होंने कहा था कि वह इस मामले का फैसला अदालत कक्ष में मौजूद रहकर सुनना चाहते हैं जहां वह अपनी बेटी के साथ 100 से ज्यादा सुनवाइयों में शामिल हुए हैं.
शरीफ परिवार के अधिवक्ता ने जवाबदेही अदालत से एवनफील्ड मामले में एक हफ्ते देरी से फैसला सुनाने की अपील की थी.
शरीफ और मरियम की ओर से दायर इसी तरह के आवेदनों में अधिवक्ता ने शरीफ की पत्नी कुलसुम नवाज की खराब सेहत का हवाला देकर शरीफ परिवार के फैसले के वक्त मौजूद न रह सकने का कारण बताया.
शरीफ ने कहा कि फैसलों को महीनों तक बेवजह सुरक्षित रखने का पाकिस्तान का इतिहास रहा है इसलिए एवनफील्ड मामले का फैसला सुनाने में कुछ दिन की देरी करने से किसी तरह से कानून और न्याय का उल्लंघन नहीं होता है.
बता दें कि शरीफ और उनके तीन बच्चों के खिलाफ जवाबदेही अदालत में भ्रष्टाचार के चार मामले चल रहे हैं. पनामा पेपर मामले में पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के फैसला सुनाने के बाद नेशनल अकाउंटबिलिटी ब्यूरो ने जवाबदेही अदालत में मामला दायर किया था. पनामा पेपर्स मामले में न्यायालय के फैसले के बाद शरीफ प्रधानमंत्री पद के लिये अयोग्य हो गए थे