सीबीआई ने आरोप पत्र में आरोपियों को हत्या समेत विभिन्न धाराओं में आरोपित किया है. 76 गवाहों और 53 दस्तावेज़ों के सबूत पेश किए हैं. जांच एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि मामले में विधायक समेत अन्य की भूमिका का पता लगाने के लिए जांच जारी है.
नई दिल्ली/लखनऊ: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उन्नाव बलात्कार मामले की पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के सिलसिले में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई और चार अन्य के खिलाफ शनिवार को अपना पहला आरोप पत्र दायर किया.
उस व्यक्ति की बेटी से कथित तौर पर बलात्कार करने को लेकर भाजपा विधायक जेल में हैं.
जांच एजेंसी ने विधायक के भाई जयदीप सिंह उर्फ अतुल सिंह सेंगर, उसके साथी विनीत मिश्रा उर्फ विनय मिश्रा, बीरेंद्र सिंह उर्फ बऊवा, रामशरण सिंह उर्फ सोनू सिंह और शशि प्रताप सिंह उर्फ सुमन सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. सभी राज्य के उन्नाव जिले के माखी गांव के निवासी हैं.
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने दिल्ली में बताया कि एजेंसी ने आरोपी पर हत्या और अन्य संबंधित अपराधों के आरोप लगाए हैं.
सत्तरह वर्षीय लड़की ने आरोप लगाया था कि भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने अपने आवास पर पिछले साल उससे उस वक्त बलात्कार किया जब वह नौकरी मांगने के लिए अपने एक रिश्तेदार के साथ वहां गई थी.
वह न्याय पाने के लिए दर-दर भटक रही थी और उसने पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने आत्मदाह करने का प्रयास भी किया था.
पीड़िता के पिता पर विधायक के खिलाफ बलात्कार के संबंध में मामला दर्ज कराने के लिए गत तीन अप्रैल को अदालत की सुनवाई में हिस्सा लेने के लिए आए थे. शाम में आरोपी ने उनके साथ कथित तौर पर गाली-गलौज की और उनकी पिटाई की. इसमें उन्हें गंभीर चोट आई. उन पर स्थानीय पुलिस ने शस्त्र अधिनियम के खिलाफ मामला भी दर्ज किया और उन्हें जेल में डाल दिया, जहां उपचार के अभाव में गत आठ अप्रैल को उनकी मौत हो गई.
प्रवक्ता ने बताया कि जांच के दौरान प्राथमिकी में नामजद सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और फिलहाल वे न्यायिक हिरासत में हैं.
उन्होंने कहा, ‘इस मामले में विधायक समेत अन्य की भूमिका का पता लगाने के लिए जांच जारी है.’
आरोप पत्र को रिकॉर्ड में लेते हुए लखनऊ में विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सपना त्रिपाठी ने उसमें उल्लेखित अपराधों का संज्ञान लेने के लिए 11 जुलाई की तारीख तय की.
न्यायाधीश ने शैलेंद्र सिंह उर्फ शैलू को जेल से रिहा करने का भी निर्देश दिया क्योंकि सीबीआई ने उसे इस मामले में दोषमुक्त कर दिया है.
आरोपपत्र में सीबीआई जांचकर्ता अनिल कुमार ने आरोपियों को भारतीय दंड संहिता के तहत हत्या समेत विभिन्न धाराओं में आरोपित किया है. सीबीआई ने 19 पन्ने के अपने आरोप पत्र में 76 गवाहों और 53 दस्तावेजों का सबूत पेश किया है.
कुलदीप सिंह सेंगर बलात्कार कांड में मुख्य आरोपी हैं और वे फिलहाल जेल में हैं.