महागठबंधन में शामिल होने के सवाल पर जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने राजद को ‘भ्रष्ट’ बताया. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राजग में है और वह 2019 का चुनाव अपने सहयोगियों के साथ लड़ेगी.
पटना/नई दिल्ली: भाजपा द्वारा बिहार में सरकार से समर्थन वापस लेने औैर जदयू के महागठबंधन में शामिल होने की चर्चाओं के बीच बिहार के मुख्यमंत्री व जदयू प्रमुख नीतीश कुमार ने दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक नीतीश कुमार ने कहा है कि भाजपा और जदयू केवल बिहार में एक साथ हैं लेकिन बिहार के बाहर गठबंधन को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है. राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा और जदयू के बीच कोई गठबंधन नहीं हुआ है.
As far as our political relations with BJP is concerned, it isn’t possible to get together with some other party at some other place, leaving them behind. When you run a political party you need to keep in mind sentiments of those attached to your party: Bihar CM Nitish Kumar pic.twitter.com/ujf0CYN6hd
— ANI (@ANI) July 9, 2018
भाजपा के साथ जदयू के राजनीतिक संबंधों पर नीतीश ने कहा, ‘हमारे लिए यह मुमकिन नहीं कि राज्य में हम भाजपा के साथ गठबंधन करें और किसी अन्य जगह उन्हें (भाजपा) छोड़कर दूसरी पार्टी के साथ तालमेल करें. जब आप एक राजनीतिक पार्टी चला रहे होते हैं तो आपको उन लोगों के भावनाओं का ध्यान रखना होता है जो आपकी पार्टी से जुड़े होते हैं.’
We favour it on ideological ground. But there’s no favourable situation for it today. Forget 2019, don’t think it’s possible even in 2024. Several provisions will have to be discarded. Atmosphere should be created so it can be implemented in future: Bihar CM #OneNationOneElection pic.twitter.com/lH4vH2y9Vo
— ANI (@ANI) July 9, 2018
वहीं पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने के मसले पर नीतीश कुमार ने कहा, ‘हम वैचारिक तौर पर इसका समर्थन करते हैं लेकिन अभी इसके लिए अनुकूल समय नहीं है. 2019 के चुनाव को भूल जाइए, ऐसा 2024 में भी संभव नहीं है. इसके लिए कई तरह के प्रावधानों को त्यागना होगा. इसके लिए देश भर में वातावरण बनाने की जरूरत है तभी कहीं भविष्य में यह संभव हो सकेगा.’
गौरतलब है कि इससे पहले रविवार को नई दिल्ली में जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पारित एक प्रस्ताव में एक साथ चुनाव करवाए जाने का समर्थन किया गया था.
जदयू के प्रस्ताव में कहा गया था कि उसने एकसाथ चुनाव करवाए जाने का सदैव समर्थन किया है. इस कदम का भाजपा नीत राजग सरकार ने जोरदार समर्थन किया है. इससे देश में अनवरत चलने वाले चुनाव चक्र में इस्तेमाल होने वाले काले धन पर लगाम कसने में मदद मिलेगी.
इसमें कहा गया, ‘अनवरत चुनाव चलने के कारण विकास गतिविधियों, समग्र शासन और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है… चुनाव लड़ने के लिए राजनीतिक दल, हर कल्पनीय स्रोत से धन की व्यवस्था करने के लिए बाध्य होते हैं जिससे प्राय: भ्रष्टाचार बढ़ता है.’
वहीं, पार्टी ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 का यह कहकर विरोध किया था कि यह असम की स्थानीय भाषाओं और संस्कृति के लिए स्पष्ट खतरा है.
पार्टी की कार्यकारिणी में पारित एक प्रस्ताव में कहा गया कि केंद्र को इस विधेयक को लेकर लोगों की चिंताएं दूर करने के बारे में काम करना चाहिए.
सरकार द्वारा 2016 में लाये गए विधेयक में प्रावधान है कि अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान से आये हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी एवं ईसाई यदि छह साल तक देश में वास करते हैं तो वे भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के योग्य हो जाएंगे.
नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 के प्रति अपने विरोध को जाहिर करते हुए जदयू ने अपने प्रस्ताव में इसे लेकर अखिल असम छात्र संघ (आसू) की आशंकाओं का हवाला दिया. पार्टी ने कहा कि इन आशंकाओं का मजबूत आधार है.
प्रस्ताव में कहा गया, ‘ऐसा कोई भी कदम जिससे असम एवं पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र की सामाजिक शांति एवं सांप्रदायिक भाईचारा खतरे में पड़ता हो, उसे गंभीरता से विचार कर उठाया जाना चाहिए.’ इसमें विधेयक को ‘असम की स्थानीय भाषाओं एवं संस्कृति के लिए स्पष्ट खतरा’ बताया गया है.
इससे पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार, अपराध और सांप्रदायिकता के खिलाफ अपना रुख दोहराया.
पार्टी महासचिव केसी त्यागी के अनुसार नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा जब कोई प्रस्ताव करती है, तब जदयू पार्टी हित में फैसला करेगी.
रविवार को त्यागी ने इन अटकलों को खत्म करने का प्रयास किया कि उनकी पार्टी लालू प्रसाद नीत राजद के साथ अपने गठबंधन को पुनर्जीवित करना चाहती है. उन्होंने राजद को ‘भ्रष्ट’ बताया. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राजग में है और वह 2019 का चुनाव अपने सहयोगियों के साथ लड़ेगी.
पार्टी ने सीटों के आवंटन सहित विभिन्न राजनीतिक मुद्दों पर निर्णय लेने के लिए नीतीश कुमार को अधिकृत किया है. पार्टी सूत्रों ने कहा कि नीतीश कुमार ने अपने भाषण में कहा था कि उनकी पार्टी को बिहार में हाशिए पर नहीं लाया जा सकता और इस बारे में सोचने वाले हाशिए पर चले जाएंगे.
पार्टी कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार ने जोर दिया कि वह हमेशा भ्रष्टाचार, अपराध और सांप्रदायिकता के खिलाफ रहे हैं.
नीतीश कुमार के भाषण के बाद जदयू ने केंद्रीय मंत्रियों गिरिराज सिंह और जयंत सिन्हा पर निशाना साधा. सिंह ने दंगों के आरोपी कुछ लोगों से मुलाकात की थी और दावा किया कि राज्य सरकार हिंदुओं को दबा रही है. वहीं, सिन्हा ने झारखंड के रामगढ़ जिले में एक आदमी की पीट-पीट कर हत्या के मामले में दोषी लोगों को सम्मानित किया था.
त्यागी ने कहा, ‘हम नहीं समझते कि उन्होंने जो किया, वह अच्छा है. हम इसकी निंदा करते हैं.’ नीतीश कुमार के साथ एक बार फिर हाथ मिलाने के संबंध में कुछ कांग्रेस नेताओं की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए त्यागी ने कहा कि जब तक कांग्रेस राजद जैसी ‘भ्रष्ट पार्टी’ के साथ अपने संबंध नहीं तोड़ती तब तक यह बहस व्यर्थ है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)