मुंबई में बारिश की रफ्तार थमी. वेस्टर्न रेलवे की सेवाएं बहाल. मौसम विभाग ने कहा कि शनिवार तक शहर और आस-पास के इलाकों में अत्यधिक बारिश जारी रहने की संभावना.
मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि मानसून में हर वर्ष रेल की पटरियां डूब जाती हैं लेकिन रेलवे ने इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.
मूसलाधार बारिश से उपनगरीय रेल सेवाओं के ठप पड़ने के बाद अदालत ने यह टिप्पणी की.
जस्टिस एनएच पाटिल और जस्टिस जीएस कुलकर्णी की पीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही. याचिका में रेलवे स्टेशनों तथा प्लेटफॉर्मों को दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी.
अदालत ने पाया कि इस संबंध में अधिकारियों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है और उसने पटरियों पर पानी भरने का मामला भी उठाया.
जस्टिस कुलकर्णी ने पूछा, ‘हर वर्ष मानसून में निचले इलाकों में पटरियां पानी में डूब जाती हैं. रेलवे इन स्थानों को चिन्हित कर पटरियों को ऊपर क्यों नहीं उठा सकता?’
अदालत ने कहा कि अगर रेलवे इससे निपट नहीं सकता तो इसके निजीकरण पर विचार किया जाना चाहिए.
पीठ ने दो सप्ताह के लिए सुनवाई स्थगित करते हुए रेलवे के वकील से कहा कि अगली सुनवाई में अदालत को पटरियों पर पानी भरने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताए.
गौरतलब है कि बीते पांच दिनों से मुंबई लगातार बारिश से बेहाल है. हर ओर जल भराव की स्थिति है.
रेल सेवा पूरी तरह ठप पड़ने के बाद बुधवार को सीमित रफ्तार में शुरू की गई है. हालांकि, आज तक के मुताबिक, मुंबई से बाहर जाने वाली कई एक्सप्रेस और मेल ट्रेन रद्द की गई हैं.
एनडीटीवी के मुताबिक, बुधवार को लंबी दूरी की आठ ट्रेनों को रद्द किया गया है. कई ट्रेनों का रूट बदला गया है. मुंबई से सटे पालघर में सड़क हादसे में दो लोगों को मौत हो गई और चार लोग जख्मी हैं.
वहीं, बुधवार को बारिश की रफ्तार थमी है जिससे मुंबईकरों को बड़ी राहत मिली है और उपनगर में ट्रेन सेवाएं बहाल हो गई हैं.
अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
रेलवे ट्रैक पर पानी भर जाने के चलते वेस्टर्न रेलवे (डब्ल्यूआर) के एक खंड पर मंगलवार को स्थानीय ट्रेन सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो गई थीं.
चार दिन की लगातार बारिश के बाद हालांकि सड़क यातायात सुचारु ढंग से चल रहा था लेकिन भारी बारिश ने मुंबई के लोगों के जीवन को पंगु बना दिया.
बुधवार सुबह से ट्रेनों में लोगों की जबरदस्त भीड़ देखी गई, हालांकि वेस्टर्न रेलवे सीमित गति के साथ कुछ मार्गों पर ट्रेनें चला रहा है क्योंकि रेलवे ट्रैक पर अब तक पानी भरा है.
मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि महज 10 दिन में शहर में 864.5 मिमी बारिश हुई जो तकरीबन पूरे एक महीने में होने वाली बारिश के बराबर है.
लोकल ट्रेनों को मुंबई की जीवनरेखा माना जाता है. मंगलवार को यह सेवा नालासोपारा और विरार स्टेशनों के बीच निलंबित कर दी गयी थी, जिससे व्यस्त वेस्टर्न रेलवे लाइन पर यात्रा करने वालों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा.
डब्ल्यूआर के मुख्य प्रवक्ता रवींद्र भाकर ने कहा कि बुधवार को अपने-अपने गंतव्य स्थलों तक पहुंचने के लिए लोगों ने ट्रेनों का सहारा लिया. रेलवे स्टेशनों पर कई यात्रियों का तांता लगा रहा.
उन्होंने कहा, ‘हमने एहतियात के साथ लोकल ट्रेन सेवा शुरू करने का फैसला किया. सुबह करीब पौने सात बजे हमने चर्चगेट (दक्षिण मुंबई) और भयंदर (ठाणे जिला) स्टेशनों के बीच 10 किलोमीटर प्रति घंटे की सीमित रफ्तार के साथ सेवा शुरू की.’
इस बीच, मुंबई उपनगर के प्रभारी मंत्री विनोद तावड़े बुधवार को नागपुर से शहर लौटेंगे, जहां वह भारी बारिश के बाद मेगाशहर में स्थिति की समीक्षा के लिए विधानसभा सत्र में हिस्सा लेंगे.
मंत्री के निकाय अधिकारियों और पुलिस के साथ अहम बैठक करने की संभावना है.
मौसम विभाग ने बताया कि शनिवार तक शहर एवं इसके आस-पास के इलाकों में अत्यधिक बारिश जारी रहने की संभावना बनी हुई है.
रेलवे स्टेशनों पर फंसे यात्रियों को बाहर निकालने में लगी नौसेना
वहीं, लगातार हो रही बारिश से नालासोपारा और वसई रोड स्टेशनों के बीच रेल की पटरियों के पानी में डूबे होने के कारण नालासोपारा स्टेशन में फंसे यात्रियों को निकालने के लिए नौसेना को तैनात किया गया है.
रक्षा प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि पश्चिम रेलवे के अनुरोध के बाद पश्चिमी नौसेना कमान ने अत्याधुनिक वाहनों को काम पर लगाया है जो बाढ़ग्रस्त इलाके को पार कर फंसे हुए यात्रियों तक पहुंच सकते हैं.
मुंबई में पिछले 48 घंटे से तेज बारिश हो रही है जिससे कई इलाकों में पानी भर गया है और इससे सड़क तथा रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
उन्होंने बताया कि पश्चिमी नौसेना कमान आपात स्थितियों मे मुंबईवासियों को सहायता पहुंचाने के लिए बचाव दल तथा आपातकालीन उपकरण रखता है.
बारिश के कारण मुंबई से बाहर ट्रेनों में फंसे 2,000 यात्री सुरक्षित बचाए गए
इस बीच, नालासोपारा और वसई स्टेशनों के बीच में फंसी लंबी दूरी की दो ट्रेनों के करीब 2,000 यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया गया है.
पालघर जिले के अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, पुलिस और अग्निशमन दल के संयुक्त प्रयास से मुंबई आने वाली शताब्दी एक्सप्रेस और बड़ोदरा एक्सप्रेस में फंसे करीब 2,000 यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है.
बड़ोदरा जंक्शन से सोमवार रात रवाना हुई बड़ोदरा एक्सप्रेस को मंगलवार सुबह पौने पांच बजे मुंबई सेंट्रल पहुंचना था.
पालघर उप जिलाधिकारी डॉक्टर नवनाथ जारे ने बताया कि भारी बारिश और सुबह उठी लहरों के कारण नालासोपारा और वसई स्टेशनों के बीच जलस्तर दो मीटर से भी ज्यादा बढ़ गया.
उन्होंने बताया कि हमने 43 कर्मियों और छह नौकाओं के साथ एनडीआरएफ की टीम को बुलाया. वह पुलिस और अग्निशमन दल के कर्मचारियों की मदद कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि बड़ोदरा एक्सप्रेस में कुछ यात्री सुबह चार बजे से ही फंसे हुए थे. अभी तक हमने दोनों ट्रेनों से करीब 2,000 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला है.
पालघर जिले में सोमवार सुबह साढे़ आठ बजे से मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे के बीच, चौबीस घंटे में करीब 240 मिलीमीटर वर्षा हुई.
जारे ने बताया कि राज्य परिवहन की 30 से ज्यादा बसों को ट्रेन में फंसे यात्रियों को लाने के लिए भेजा गया था, लेकिन वसई और आसपास जलभराव के कारण बसें फंस गईं.
ट्रेनों से सुरक्षित निकाले गए यात्रियों को वसई स्टेशन ले जाया गया. स्टेशन से उन्हें लोकल ट्रेनों और विशेष बसों से गंतव्य तक भेजा जा रहा है.
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पालघर जिले के विभिन्न गांवों में फंसे 400 से ज्यादा लोगों को भी सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)