स्वराज इंडिया पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने किसानों को फसल की उचित कीमत दिलाने और हरियाणा के रेवाड़ी में शराब की दुकानों के ख़िलाफ़ आंदोलन छेड़ा हुआ है. यादव ने कहा कि आयकर विभाग ने मुझे डराने के लिए मेरी बहन के अस्पताल पर छापा मारा.
नई दिल्ली/चंडीगढ़: स्वराज इंडिया पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने बुधवार को आरोप लगाया कि उन्हें डराने और चुप कराने के लिए मोदी सरकार में उनके परिवार को निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हरियाणा के रेवाड़ी में उनकी बहन के अस्पताल पर इसी क्रम में आयकर विभाग ने छापा मारा गया है.
उन्होंने किसानों को फसल की उचित कीमत दिलाने और हरियाणा के रेवाड़ी में शराब की दुकानों के खिलाफ आंदोलन छेड़ा हुआ है. यादव ने दो दिन पहले, ‘पदयात्रा’ से अपना अभियान शुरू किया था. उन्होंने ट्विटर पर आरोप लगाया कि मोदी सरकार उनके परिवार को ‘निशाना’ बना रही है.
उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘मोदी सरकार मेरे परिवार को निशाना बना रही है. रेवाड़ी में मेरी पदयात्रा शुरू होने के दो दिन बाद और अधिकतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तथा शराब के ठेकों के खिलाफ आंदोलन शुरू करने के बाद रेवाड़ी में मेरी बहनों के अस्पताल और नर्सिंग होम पर आयकर विभाग ने छापा मारा है.’
Breaking:
Modi regime now targets my family.
Two days after my 9 day padyatra in Rewari and launching of agitation for MSP and against liquor thekas, a massive IT raid is on at the hospital cum nursing home of my sisters in Rewari.
Pl search me, my home, why target my family?
1/2— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) July 11, 2018
उन्होंने कहा, ‘कृपया मेरी, मेरे घर की तलाशी लीजिए, मेरे परिवार को निशाना क्यों बनाते हैं ?’ एक अन्य ट्वीट में यादव ने कहा, यह उन्हें डराने की कोशिश है.
यादव ने ट्वीट किया था, दिल्ली से आई 100 से ज़्यादा लोगों की टीम ने आज सुबह 11 बजे अस्पताल पर छापेमारी की. सभी डॉक्टरों (मेरी बहन, बहनोई और भांजे सहित) को उनके कमरों मे बंद कर दिया गया. नवजात शिशुओं के आईसीयू सहित पूरे अस्पताल को सील कर दिया गया. यह डराने की स्पष्ट कोशिश है. मोदी जी आप मुझे चुप नहीं करा सकते हैं.
Info from Rewari:
About 100+ force from Delhi raided hospitals at 11 am today
All doctors (my sisters, brother in law, nephew) detained in their chambers
Hospital sealed, including ICU for newly born babies
A clear attempt to intimidate.
Modiji you can't silence me.— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) July 11, 2018
आयकर विभाग ने यादव के इन आरोपों का खंडन किया कि विभाग की छापेमारी टीमों ने अस्पताल और आईसीयू सील कर दिया क्योंकि कुछ सीजेरियन प्रसव भी उस दौरान हुए. अधिकारियों ने कहा कि अस्पतालों समेत तलाशी वाले परिसरों के सभी सीसीटीवी चालू रखे गये थे और उन्होंने तलाशी प्रक्रिया की रिकार्डिंग भी की है.
इस बीच, भाजपा की हरियाणा इकाई के उपाध्यक्ष राजीव जैन ने कहा, ‘यादव का आरोप बेबुनियाद है. उनके आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है. किसी का धमकाने का प्रश्न ही कहां है. यदि आयकर विभाग को किसी के विरुद्ध कुछ मिला है तो उसे अपना काम करने दीजिए, सच्चाई सामने आ जाएगी.’
आयकर विभाग ने कहा, नीरव मोदी को भुगतान के संबंध में अस्पतालों पर मारा गया छापा
आयकर विभाग ने हरियाणा के रेवाड़ी में स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव से जुड़े एक अस्पताल समूह के विभिन्न परिसरों से करीब 22 लाख रुपये नकद बरामद किए है. उससे पहले यह सूचना मिली थी कि अस्पताल समूह ने गहने खरीदने के लिए नीरव मोदी के फर्म को नकद भुगतान किया था.
अधिकारियों ने बताया कि कर विभाग ने कलावती अस्पताल और कमला नर्सिंग होम, उसके मुख्य साझेदार डॉ. गौतम यादव और अन्य के निवासों की तलाशी ली.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘तीन परिसरों की तलाशी आयकर विभाग की हरियाणा जांच शाखा की टीमों द्वारा की जा रही हैं. करीब 40 कर अधिकारियों की टीम और पुलिसकर्मियों की एक टोली ने इस काम में हिस्सा लिया है.’
समझा जाता है कि गौतम यादव योगेंद्र यादव की बहन डॉ. नीलम यादव के बेटे हैं.
अधिकारियों के अनुसार, कर विभाग ने नीरव मोदी ग्रुप से मिली सूचनाओं के आधार यह कार्रवाई की है. नीरव मोदी दो अरब के पीएनबी धोखाधड़ी मामले की जांच से भाग रहा है. पाया गया है कि गौतम यादव ने हीरा कारोबारी की कंपनी से ज्वैलरी खरीदने पर साढ़े छह लाख रुपये में से सवा तीन लाख रुपये नकद में भुगतान किया था.
उन्होंने बताया कि तलाशी के दायरे में डॉ. नरेंद्र सिंह यादव भी थे और यादव परिवार के यहां से 22 लाख रुपये मिले.
एक अधिकारी ने कहा, ‘किसी भी व्यक्ति के हाथों में वर्तमान नकद सीमा दो लाख रुपये है और 22 लाख रुपये की इस नकद राशि के स्रोत की जांच की जा रही है.’
जब आयकर विभाग के आरोपों के बारे में योगेंद्र यादव से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘प्रश्न यह है कि क्या यह राशि बिना किसी लेखा-जोखा की है. मैं अस्पतालों के खातों के बारे में नहीं जानता.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)