मेडिकल कॉलेज प्रशासन पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर चारों डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया. ट्रामा सेंटर, इमरजेंसी, सर्जरी और आईसीयू सेवाएं हो सकती हैं प्रभावित.
गोरखपुर: पहले से ही डॉक्टरों की कमी का सामना कर रहे उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज से चार डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है. चारों डॉक्टरों के एक साथ इस्तीफा देने से सर्जरी और आईसीयू के संचालन में समस्याएं आ सकती हैं.
कॉलेज के एनस्थीसिया विभाग में केवल छह डॉक्टर हैं, जिनमें से चार ने इस्तीफा दे दिया है. बुधवार सुबह विभाग में संविदा पर तैनात डॉक्टरोंं डॉक्टर नरेंद्र देव, डॉ. राका रानी, डॉ. प्रियंका और डॉ. परवेज़ ने डॉ. शाहबाज़ अहमद को अपना इस्तीफा दे दिया.
डॉक्टर नरेंद्र देव ने कहा, ‘हम चार डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया है. हम प्राध्यापक के रवैये से परेशान थे. हमने सप्ताहभर पहले शिकायत की थी. उन्होंने हमें समस्या सुनने के लिए बुलाया लेकिन हमारी बात सुनने की बजाय उन्होंने हमें अपने कार्यालय से निकाल दिया. अंतत: हमने इस्तीफा दे दिया.’
उन्होंने कहा कि वह तीसरे वर्ष के छात्रों से काम चला लेंगे. वह भूल रहे हैं कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज केवल अस्पताल नहीं, बल्कि मेडिकल कॉलेज भी है.
दैनिक जागरण से बातचीत में डॉ. नरेंद्र देव ने कहा, ‘मेडिकल कॉलेज में काम करने लायक स्थितियां नहीं रह गई थीं, इसलिए यह कदम उठाना पड़ा. कॉलेज प्रशासन छोटी-छोटी शिकायतों पर बिना पक्ष सुने कार्रवाई कर रहा था.’
हफ्ते के सातों दिन लगातार चलने वाले इमरजेंसी, ट्रामा सेंटर और आईसीयू को दो डॉक्टर्स कैसे संभाल पाएंगे, ये बड़ा सवाल बना हुआ है. इसके पहले एनेस्थीसिया विभाग के एचओडी रहे डॉ. सतीश आॅक्सीजन कांड के बाद से ही निलंबित चल रहे हैं.
उन्होंने एक प्रवक्ता पर प्राचार्य के नाम पर धौंस देने और उत्पीड़न करने का भी आरोप लगाया.
उधर, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने कहा, ‘डॉक्टरों के इस्तीफा देने की बात पता चली है. हालांकि उन्होंने किन कारणों से इस्तीफा दिया इस बारे में अभी साफ पता नहीं चल सका है क्योंकि मैं पूरे दिन चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन के साथ था. कारणों के बारे में डॉक्टरों से बात कर समस्या को दूर किया जाएगा. इसके बाद भी अगर डॉक्टर नहीं लौटते तो वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी.’
मालूम हो कि अब दो एनेस्थीसिया डॉक्टरों- एचओडी एनेस्थीसिया डॉ. शाहबाज़ अहमद और डॉ. संतोष कुमार शर्मा, के कंधे पर पूरे बीआरडी मेडिकल कॉलेज के मरीजों की जिम्मेदारी आ गई है. ऐसे में ट्रामा सेंटर, इमरजेंसी, आईसीयू जैसी चिकित्सीय सेवाएं ठप होने का खतरा उत्पन्न हो गया है.
मालूम हो कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पूर्वी उत्तर प्रदेश के 10 ज़िलों- गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, आजमगढ़, बलिया, देवीपाटन आदि के अलावा पश्चिमी बिहार से गोपालगंज, सीवान, पश्चिमी चम्पारण, पूर्वी चम्पारण आदि जिलों के लोग इलाज के लिए आते हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)