केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की समिति की सिफारिश पर भारतीय दवा नियंत्रक ने प्रतिबंध लगाया है. दवा में ट्रांसक्युटोल तत्व पाया गया जो कि पूरी दुनिया में प्रतिबंधित है.
नई दिल्ली: दर्द निवारक दवा के तौर पर बाजार में बिकने वाले वोवेरान इंजेक्शन के उत्पादन और बिक्री पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की समिति की सिफारिश पर भारतीय दवा नियंत्रक (डीसीजीआई) ने प्रतिबंध लगा दिया है.
लाइवमिंट के मुताबिक, दवा में ट्रांसक्युटोल तत्व है जो कि पूरी दुनिया में प्रतिबंधित है.
वर्ष 2015 में ट्रोइका फार्मास्युटिकल लिमिटेड ने इस संबंध में डीजीसीआई और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को शिकायत दर्ज कराई थी.
ट्रांसक्युटोल के गंभीर दुष्परिणाम मरीजों की किडनी पर देखे जाते हैं.
शिकायत के बाद बनी समिति ने दवा में टॉक्सिक तत्व होने की बात कह कर इसे प्रतिबंधित करने की सिफारिश की थी.
हालांकि, वोवेरान बनाने वाली कंपनी थेमिस मेडिकेयर ने स्वास्थ्य मंत्रालय पहुंचकर दोबारा समिति बनाकर जांच की मांग की थी. दूसरी समिति ने जांच के बाद दवा को बनाने और बेचने की इजाजत दे दी थी. जिसके बाद ट्रोइका ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था.
एक सरकारी अधिकारी के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के हस्तक्षेप के बाद एक तीसरी समिति का गठन किया गया जिसके ट्रोइका के दावे को सही पाया. समिति को थेमिस और नोर्वाटिस की ओर से अपने पक्ष में कोई सबूत नहीं दिया गया. समिति ने पाया कि दवा में ट्रांसक्युटोल नाम का तत्व मिला है जो कि विश्व भर में प्रतिबंधित है.
इस संबंध में निर्देश डीसीजीआई ने 4 जुलाई को उत्तराखंड राज्य के ड्रग कंट्रोलर और दमन एवं दीव ड्रग लायसेंस अथॉरिटी को निर्देश दिया था कि ट्रांसक्युटोल का उपयोग करके डाइक्लोफिनेक सोडियम इंजेक्शन (75 एमजी/एमएल) बनाने का थेमिस मेडिकेयर लिमिटेड को दिया लायसेंस रद्द किया जाए.
डाइक्लोफिनेक इंजेक्शन मल्टीनेशनल कंपनी नोर्वाटिस द्वारा बाजार में वोवेरान 1एमएल के नाम से बेचा जाता है.
शिकायतकर्ता गुजरात की ट्रोइका कंपनी दर्दनिवारक दवा के क्षेत्र में थेमिस की प्रतिद्वंदी कंपनी है.
भारत में दर्द निवारक दवाओं का बाजार लगभग 2000 करोड़ रुपये का है. जिसमें डाइक्लोफिनेक 1एमएल की भागीदारी 260 करेड़ रुपये है. दवा बाजर शोध फर्म एआईसीओडी फार्मा ट्रेक क् अनुसार, ट्रोइका और नोवार्टिस दोनों मिलकर डाइक्लोफिनेक 1एमएल के 60 फीसद बाजार हिस्से पर कमान रखते हैं.
डीजीसीआई ने देश भर के बाजारों से वोवेरान को वापस मंगाने का आदेश दिया है.
डाइक्लोफिनेक सोडियम या वोवेरान दवा का निर्माण उत्तराखंड और लक्षद्वीप में थेमिस मेडिकेयर लिमिटेड कर रही थी. जिसकी मार्केटिंग मल्टीनेशनल कंपनी नोवार्टिस और गैटफोस करती थीं.
आदेशानुसार, उत्तराखंड और लक्षद्वीप की ड्रग्स लायसेंसिंग अथॉरिटी को तत्काल प्रभाव से दवा का उत्पादन रोकने के निर्देश दिए गए हैं.
समिति की रिपोर्ट दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष पेश कर दी गई है. कोर्ट ने तीन जुलाई को याचिका का निस्तारण कर दिया.