गुजरात में हफ़्ते भर में दूसरी बार सांप्रदायिक हिंसा, अमरेली में झड़प

दो समुदायों के बीच हुई हिंसा में तीन घायल, एक की हालत गंभीर, पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले.

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दो समुदायों के बीच हुए संघर्ष में तीन घायल, एक की हालत गंभीर, पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले.

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प्रतीकात्मक फोटो (पीटीआई)

गुजरात में एक हफ़्ते के भीतर दूसरी बार सांप्रदायिक झड़प और हिंसा की ख़बर है. समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, गुजरात के अमरेली जिले के सावरकुंदला शहर में गुरुवार को दो समुदायों के बीच हुए संघर्ष में तीन व्यक्ति घायल हो गए, जिनमें से एक की हालत गंभीर है.

इसके पहले बीते शनिवार को पाटन ज़िले के वडावली गांव में दो स्कूली बच्चों के बीच हुआ झगड़ा सांप्रदायिक हिंसा में तब्दील हो गया था. इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और क़रीब एक दर्जन लोग घायल हो गए थे. इस दौरान एक समुदाय की भीड़ ने दूसरे समुदाय के लोगों के करीब 90 घरों में आग लगा दी थी. इस घटना के सिलसिले में पुलिस ने 13 लोगों को गिरफ्तार किया था.

गुरुवार को झड़प के बाद पुलिस ने बताया कि संघर्ष तब हुआ जब भीड़ ने 24 वर्षीय एक व्यक्ति पर दूसरे समुदाय की एक अवयस्क लड़की के साथ बलात्कार करने का आरोप लगाते हुए उसे पीटा. अमरेली के पुलिस अधीक्षक जगदीश पटेल ने बताया, लोगों के एक समूह ने एक व्यक्ति को एक अवयस्क से कथित तौर पर बलात्कार करने के लिए पीटा. उसके दो मित्रों की भी पिटाई की गई. जल्द ही दोनों समुदाय के लोग एकत्र हो गए और एक दूसरे पर पथराव करने लगे. पुलिस ने हालांकि जल्द ही स्थिति पर काबू पा लिया.

अधिकारी ने बताया कि वहां से हटने के लिए लोगों के इन्कार के बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. पटेल ने बताया स्थिति अब नियंत्रण में है और हमने दोनों समुदाय के लोगों के बीच एक शांति बैठक कराई. किसी भी अप्रिय स्थिति को टालने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है.

उन्होंने बताया कि पुलिस ने अवयस्क से कथित बलात्कार के आरोप में 24 वर्षीय जाकिर भट्टी के खिलाफ मामला दर्ज किया है. पटेल ने बताया कि भीड़ ने तीन व्यक्तियों को पीटा था जिन्हें अमरेली के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहां एक व्यक्ति की हालत गंभीर बताई जाती है.

उन्होंने बताया हमने शहर में उन संवेदनशील स्थानों पर पुलिसकर्मी तैनात किए हैं जहां मिलीजुली आबादी है. हम लोगों को समूह नहीं बनाने दे रहे हैं ताकि दोनों समुदायों में संघर्ष की स्थिति न बने.