पीट-पीटकर हत्या की घटनाओं के बारे में केंद्र के पास नहीं है कोई आंकड़ा: गृह मंत्रालय

गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर का कहना है कि क़ानून व्यवस्था बनाए रखना और जान माल की रक्षा राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है. मॉब लिंचिंग के संबंध में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो कोई आंकड़े नहीं रखता है.

New Delhi: A view of Parliament in New Delhi on Sunday, a day ahead of the monsoon session. PTI Photo by Kamal Singh (PTI7_16_2017_000260A)
New Delhi: A view of Parliament in New Delhi on Sunday, a day ahead of the monsoon session. PTI Photo by Kamal Singh (PTI7_16_2017_000260A)

गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर का कहना है कि क़ानून व्यवस्था बनाए रखना और जान माल की रक्षा राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है. मॉब लिंचिंग के संबंध में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो कोई आंकड़े नहीं रखता है.

New Delhi: A view of Parliament in New Delhi on Sunday, a day ahead of the monsoon session. PTI Photo by Kamal Singh  (PTI7_16_2017_000260A)
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने राज्यसभा में कहा कि केंद्र सरकार के पास देश में पीट-पीटकर हुई हत्या की घटनाओं से संबंधित कोई आंकड़ा नहीं है. उन्होंने कहा कि देश भर से अपराध के आंकड़ों को इकट्ठा करने वाली एजेंसी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ऐसी घटनाओं के संबंध में कोई विशिष्ट आंकड़े नहीं रखता है.

अहीर का कहना है कि कानून व्यवस्था बनाए रखना और जान माल की रक्षा राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है. अहीर ने सदन में लिखित जवाब में कहा कि राज्य सरकारें कानून के मौजूदा प्रावधानों के तहत ऐसे अपराधों से निपटने में सक्षम हैं.

उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए गृह मंत्रालय ने राज्यों को समय-समय पर परामर्श पत्र जारी किया है. ऐसा एक परामर्श इसी महीने की चार तारीख को भी जारी किया गया था.

वहीं, सीपीआई(एम) ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार मॉब लिंचिंग पर जल्द से जल्द कानून लेकर आए. पार्टी ने कहा, ‘ये राज्य का कर्तव्य है कि वो कानून और व्यवस्था के रखरखाव को सुनिश्चित करे ताकि धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की रक्षा की जा सके और भीड़तंत्र को रोका जा सके.’

स्क्रॉल डॉट इन की खबर के मुताबिक, बुधवार को सदन में तृणमूल कांग्रेस ने इस मामले को लेकर शून्य काल में नोटिस दिया था और राज्यसभा में इस पर बहस कराने की मांग की थी. वहीं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद डी राजा ने झारखंड में सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश के ऊपर भीड़ द्वारा किए गए हमले पर एक स्थगन प्रस्ताव पेश किया था.

सीपीआई (एम) ने स्वामी अग्निवेश के ऊपर तथाकथित रूप से भारतीय जनता युवा मोर्चा और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए हमले की निंदा की. पार्टी ने कहा कि राज्य की बीजेपी सरकार आरोपियों के साथ नरमी बरत रही है.

(समाचार एजेंसी भाषा की इनपुट के साथ)