सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान 3.85 लाख करोड़ की 403 सड़क परियाजनाएं ठप पड़ी थीं. वर्तमान सरकार ने मई 2014 में सत्ता संभालने के बाद 3 लाख करोड़ की ठप परियोजनों को चालू किया.
नई दिल्ली: सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि देश में हर साल लगभग पांच लाख सड़क हादसों में करीब डेढ़ लाख लोगों की मौत हो जाती है.
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान भावना गवली के पूरक प्रश्न के उत्तर में गडकरी ने यह भी कहा कि हर जिले में सांसदों के नेतृत्व वाली समिति गठित जा रही है जो सड़कों में गड्ढों के बारे में पता लगाएंगी जिसके बाद उनकी मरम्मत की जाएगी.
मंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए, लेकिन दुख का विषय है कि हादसों की संख्या कम नहीं हो पा रही है.
उन्होंने कहा कि वार्षिक स्तर पर करीब पांच लाख सड़क हादसे हो रहे हैं जिनमें लगभग डेढ़ लाख लोगों की मौत हो जाती है.
गडकरी ने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के आने से पहले देश में 90,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग था और गत चार वर्षों में यह 1,80,000 किलोमीटर तक पहुंच गया है.
उन्होंने कहा, ‘संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार के दौरान 3.85 लाख करोड़ के 403 प्रोजेक्ट रुके हुए थे. वर्तमान राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने मई 2014 में सत्ता संभालने के के बाद से 3 लाख करोड़ की इन ठप परियोजनों को चालू किया.’
गडकरी ने कहा कि सड़कों के लिए फंड के संबंध में उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री, रिजर्व बैंक के गवर्नर और बैंकों के साथ बैठकें कीं.
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान गडकरी ने कहा, ‘बैंकों ने मुझे लिखित में सूचना दी कि वे ईपीसी (इंजीनियरिंग प्रोक्यूरमेंट कंस्ट्रक्शन) मोड के तहत बनने वाली हाईवे परियोजनाओं के लिए 1.30 लाख करोड़ का फंड देने तैयार हैं.
उन्होंने कहा कि मई 2014 तक देश में राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 91,000 किलोमीटर थी, जो कि वाहनों की बढ़ती संख्या के लिहाज से पर्याप्त नहीं थी, वाहन उद्योग में 22 प्रतिशत की दर से वृद्धि हो रही थी.
वर्तमान सरकार ने अब राजमार्गों की लंबाई दोगुनी करके 1.80 लाख किलोमीटर कर दी है.
इनमें से, 1.30 लाख किलोमीटर तक केंद्र के तहत आते हैं और बाकी 50,000 किलोमीटर की देखरेख राज्यों द्वारा की जाती है.
उन्होंने कहा, ‘अप्रैल से जून के बीच 87,663 करोड़ रुपये भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को आवंटित किए गए, जिनमें से 20,743 करोड़ जारी कर दिए गए हैं.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)