अविश्वास प्रस्ताव: टीडीपी- भाजपा आॅफिस डेढ़ साल में बन जाता है लेकिन आईआईटी-एम्स चार साल में नहीं

मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के पहले अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में चर्चा जारी है. चर्चा की शुरुआत तेदेपा के जयदेव गल्ला ने की. बीजद के सदस्य अविश्वास प्रस्ताव का बहिष्कार करते हुए सदन से वाकआउट कर गए. अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान शिवसेना अनुपस्थित रहेगी.

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New Delhi: A view of Parliament in New Delhi on Sunday, a day ahead of the monsoon session. PTI Photo by Kamal Singh (PTI7_16_2017_000260A)
(फोटो: पीटीआई)

मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के पहले अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में चर्चा जारी है. चर्चा की शुरुआत तेदेपा के जयदेव गल्ला ने की. बीजद के सदस्य अविश्वास प्रस्ताव का बहिष्कार करते हुए सदन से वाकआउट कर गए. अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान शिवसेना अनुपस्थित रहेगी.

New Delhi : A view of Parliament House in New Delhi on Wednesday. PTI Photo by Atul Yadav (PTI12_19_2012_000056A)
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: पिछले चार वर्षों में विपक्ष की ओर से नरेंद्र मोदी नीत राजग सरकार के खिलाफ पेश किए गए पहले अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार को लोकसभा में चर्चा शुरू हो गई. चर्चा की शुरूआत तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा)के जयदेव गल्ला ने की. उल्लेखनीय है कि तेदेपा आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों को पूर्ण रूप से लागू करने और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने की मांग को लेकर राजग गठबंधन से अलग हो गई थी. चर्चा शुरू होने पर अविश्वास प्रस्ताव रखने वाले तेदेपा के केसी नेनी ने स्पीकर सुमित्रा महाजन से अपने स्थान पर अपनी पार्टी के जयदेव गल्ला को बोलने का मौका देने का आग्रह किया.

लोकसभा में अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर बहस के अपडेट

8.10 PM: तेदेपा सांसद राममोहन नायडू ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा आॅफिस डेढ़ साल में बनकर तैयार हो जाता है लेकिन आईआईटी-एम्स का निर्माण चार साल में पूरा नहीं होता है.

7.25 PM: तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी ने कहा, आप राम पर भी अपनी मनॉपली (एकाधिकार) करना चाहते हैं.आज लोकतंत्र खतरे में है. उन्होंने कहा कि सरकार आज शुतुरमुर्ग की तरह सिर छुपाए हुए है और सच नहीं देखना चाहती. त्रिवेदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जजों ने कहा कि लोकतंत्र पर खतरा है. उन्होंने कहा कि आज मॉबोक्रेसी का दौर चल रहा है और लोगों पर डर का माहौल है. उन्होंने कहा कि सरकार से कोई सवाल पूछो जवाब मिलता है हिंदू-मुसलमान, भारत-पाकिस्तान और क्रबिस्तान-श्मसान.

6.25 PM: मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, देश के किसानों की बात सरकार ने कभी नहीं की, सरकार ने सिर्फ अडानी और अंबानी की बात की है. उन्होंने कहा, किसान आत्महत्या कर रहे हैं, मर रहे हैं.

6.20 PM: मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 2014 में नरेंद्र मोदी ने कहा था कि किसानों को स्वामीनाथन आयोग के मुताबिक फसल के दाम दिए जाएंगें और उन्होंने दूसरा झांसा दिया कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी. लेकिन आपने स्वामीनाथन आयोग के हिसाब से दाम नहीं दिया पर दावा आप ऐसा कर रहे हैं कि किसानों को लेकर ऐसा कभी किसी ने नहीं किया. मनमोहन सरकार के समय भी एमएसपी के दामों को बढ़ाया गया है. ऐसा सभी सरकारें करती रही हैं लेकिन आप यह नहीं बताते हैं. आप सिर्फ अपनी बात जोर से बोलते हैं.

6.10 PM: कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, भाजपा के मुंह में राम और बगल में छुरी है. हमने 6,10,000 गांवों को दिया था बिजली कनेक्शन, क्या यह उपलब्धि नहीं है. लोकपाल को लेकर आप एक संशोधन नहीं कर पाए हो और बड़ी बड़ी बात लोकतंत्र को लेकर करते हो.

5.50 PM: केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने जजों की नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए मांग की आईएएस/आईपीएस की तरह जजों की नियुक्ति के लिए न्यायिक सर्विस बने. रामविलास पासवान ने कहा कि एससी/एसटी में बदलाव हमें मंजूर नहीं और जरूरत पड़ी तो सरकार इस मामले पर अध्यादेश लाएगी. उन्होंने कहा कि लंबे समय तक कांग्रेस की सरकार रही लेकिन गरीबी बरकरार है. आज भी लोगों को रहने के लिए छत नहीं है. हमारी प्राथमिकता गरीबों के लिए काम करने की होनी चाहिए. मुझे खुशी है कि मोदी सरकार इस दिशा में काम कर रही है. पासवान ने राहुल गांधी को इंगित करते हुए कहा कि आप मेहनत करिए यह अच्छी बात है लेकिन 2019 तक प्रधानमंत्री की कोई वैकेंसी नहीं है. आप 2024 के बारे में सोचिए.

4.45 PM: राजनाथ सिंह ने कहा, मॉब लिंचिंग की घटनाएं बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं. हमने राज्य सरकारों से कहा है कि इससे कड़े तरीके से निपटे. लेकिन जो लोग इस मसले को उठा रहे हैं उन्हें यह बता देना चाहता हूं कि देश में मॉब लिंचिंग की सबसे बड़ी घटना 1984 में सिख नरसंहार के समय हुई थी.

4.10 PM: राजनाथ सिंह ने कहा, किसी के मन में अहंकार नहीं होना चाहिए. भाजपा दो सदस्यों से बहुमत तक पहुंची. त्रिपुरा में बीजेपी अपने दम पर सरकार बनाई.नोटबंदी के बाद यूपी में बहुमत की सरकार बनी. नोटबंदी के बाद कई राज्यों में हमारी सरकार बनी. जिसके कहने पर गैस सब्सिडी छोड़ी, उस पर अविश्वास क्यों. अविश्वास प्रस्ताव में जनता का विश्वास नहीं.

4.05 PM: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा,  इस सदन में किसी भी पार्टी के पास अकेले हमारे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की ताकत नहीं है, इसी वजह से कई पार्टियों को मिलकर यह प्रस्ताव लाना पड़ा है. सरकार के पास जनता का समर्थन है, इसलिए उसे चलने देना चाहिए… इसी वजह से हमने डॉ मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान कभी अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश नहीं की. 15 साल बाद अविश्वास प्रस्ताव आया है. यूपीए के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाए. लोकतंत्र में विपक्ष की इच्छा का सम्मान किया जाना चाहिए.

4.00 PM: सीपीएम सांसद मोहम्मद सलीम ने सरकार से पूछा क्या हुआ तेरा वादा? स्विस बैंकों में काला धन बढ़ गया है, वित्त मंत्री कहते हैं काला धन मिल आंकड़े नहीं, इसका क्या अर्थ है. मुंह में कुछ, घोषणा में कुछ, विज्ञापन में कुछ. किसानों को क्या जवाब देगी सरकार? डिजिटल इंडिया में नोटबंदी के आंकड़े क्यों नहीं?

3.25PM: लोकसभा में मुलायम सिंह मे कहा कि अगर सरकार किसान, नौजवानों के लिए कुछ कर दे तो ही काम हो जाए. उन्होंने कहा कि किसान की पैदावार को दोगुना कर दें तो किसान को बहुत राहत मिलेगी. मुलायम ने कहा कि किसान को पैदावार पर घाटा हो रहा और खाद से लेकर बीज, पानी, सिंचाई सब महंगी हो गई है. देश में 2 करोड़ पढ़े-लिखे नौजवान बेरोजगार हैं उनके लिए कुछ करना चाहिए.  उन्होंने कहा कि इस सरकार के दौरान किसान और कारोबारी परेशान हैं और बेरोजगारों को नौकरी नहीं मिल सकी है.

02.55 PM: लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगात राय ने कहा, पश्चिम बंगाल में रैली के लिए पीएम गुजरात वाले अपने मोटा भाई को भेजे, पीएम क्यों घूम-घूमकर रैली कर रहे हैं, यह शर्म की बात है. उन्होंने कहा कि पीएम को फेरी वाले की तरह घूमना नहीं चाहिए लेकिन आज पीएम को इसकी आदत पड़ गई है. पीएम की विदेश यात्रा पर 1800 करोड़ रुपये का खर्चा हुआ है.

2.05 PM: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, मैं प्रधानमंत्री, भाजपा और आरएसएस का आभारी हूं कि इन्होंने मुझे कांग्रेस, हिंदुस्तानी का मतलब सिखाया. आपने मुझे मेरा धर्म समझाया और हिंदू होने का मतलब समझाया, इसके लिए मैं आपका आभारी हूं. आप लोगों के अंदर मेरे लिए नफरत है, गुस्सा है, आप मुझे पप्पू कह सकते हो और बहुत गालियां देकर बुला सकते हैं लेकिन मेरे अंदर आपके लिए नफरत नहीं है. एक एक करके मैं आप सबके अंदर से गुस्सा निकालूंगा और सबको कांग्रेस में शामिल करूंगा.राहुल गांधी ने भाषण के बाद लोकसभा में पीएम मोदी की सीट पर जाकर उन्हें गले लगाया. पीएम ने भी पीठ थप थपाकर राहुल को बधाई दी.

1.43 PM: राहुल गांधी ने कहा, मैं उन्हें (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) मुस्कुराते हुए देख रहा हूं… लेकिन उनकी आंखों में घबराहट है, और वह मुझसे नज़रें नहीं मिला रहे हैं… मैं समझ सकता हूं… वह मेरी आंखों में नहीं देख सकते, मैं यह जानता हूं, क्योंकि वह सच्चे नहीं रहे हैं.

1.35 PM: राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि राफेल विमान सौदे के विभिन्न आयामों को लेकर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश से असत्य बोला. उन्होंने दावा किया, ‘मैं फ्रांस के राष्ट्रपति से स्वयं मिला था. उन्होंने मुझे बताया कि राफेल विमान सौदे को लेकर भारत और फ्रांस की सरकार के बीच गोपनीयता का कोई समझौता नहीं हुआ है.’

1:20 PM: कांग्रेस अध्यक्ष ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए कि राफेल सौदे के प्रारूप को अचानक से क्यों बदला गया और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से कांट्रैक्ट लेकर उस उद्योगपति को क्यों दिया गया जिस पर 35 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि वह देश के चौकीदार हैं, लेकिन ‘वह चौकीदार नहीं, बल्कि भागीदार हैं.’

1.15 PM: राहुल गांधी ने कहा कि पूरा देश प्रधानमंत्री की ‘जुमला स्ट्राइक’ से परिचित हो गया है. उन्होंने कहा कि हर खाते में 15 लाख भेजने का वादा और हर साल दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा प्रधानमंत्री की ‘जुमला स्ट्राइक’ हैं

1.05 PM: लोकसभा में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का संबोधन शुरू. राहुल गांधी ने तेदेपा सांसद गल्ला को संबोधित करते हुए कहा कि आप आज राजनीतिक हथियार के शिकार है जिसे जुमला स्ट्राइक कहा जाता है. उन्होंने कहा कि टीडीपी ही नहीं पूरा देश भाजपा की इस जुमला स्ट्राइक का शिकार है.

12.45 PM: राकेश सिंह ने कहा कि यह प्रस्ताव सरकार के कामकाज के विरुद्ध नहीं बल्कि 2019 में नरेंद्र मोदी की सरकार फिर बनने के डर से पैदा हुई हताशा में लाया गया है. उन्होंने कहा कि देश में जवाहरलाल नेहरू से लेकर पिछली संप्रग सरकार तक 70 साल में 48 साल एक ही परिवार के लोग सत्ता चलाते रहे. पूर्ववर्ती संप्रग सरकार का श्रेय भी कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को जाता है. उसके बाद भी कांग्रेस अभी तक सत्ता से तृप्त नहीं हुई है.  सिंह ने कहा, ‘इन 48 साल में कांग्रेस ने स्कैम्स (घोटालों) की राजनीति की और हमने 48 महीने में स्कीम्स (योजनाओं) का शासन किया.’

12.30 PM: भाजपा सांसद  राकेश सिंह ने कहा, कांग्रेस ने कहा था देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है. हमारी सरकार कह रही है कि पहला हक गरीबों का है. कांग्रेस ने देश को दागदार सरकार दी. मोदी जी के नेतृत्व में साफ-सुथरी और दमदार सरकार मिली घोटालों से भारत का सिर झुका. गरीबी हटाओ के नारे बहुत लगाए गए. कांग्रेस ने समाज का भावनात्मक शोषण किया.

11.50 AM: जयदेव गल्ला ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में आंध्रप्रदेश के साथ न्याय का वादा किया था लेकिन न तो कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने और पिछले चार वर्षो में राजग सरकार ने ही वादा पूरा नहीं किया. तेदेपा सदस्य ने कहा, ‘आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग की उसकी लड़ाई धर्मयुद्ध है, यह बहुमत और नैतिकता के बीच युद्ध है, यह प्रदेश की जनता और मोदी सरकार के बीच युद्ध है.’

11.45 AM:  जयदेव गल्ला ने कहा कि गुजरात में सरदार पटेल के लिए जितना पैसा दिया जा रहा है उससे कम पैसा आंध्र की राजधानी अमरावती के लिए दिया जा रहा है. पीएम ने दिल्ली से भी बड़ी राजधानी बनाने का वादा किया था. टीडीपी सांसद ने कहा कि आंध्र प्रदेश में परियोजनाओं के लिए जितनी पैसे का ऐलान किया गया था उतना पैसा कभी नहीं दिया गया. पिछड़े इलाकों के लिए दिए जाने वाले पैकेज तक में कटौती की गई. पूरे फंड का सिर्फ 2-3 फीसद हिस्सा ही दिया गया, क्या इसे वादा पूरा करना कहते हैं.

11.35 AM: अलोकतांत्रिक ढंग से कांग्रेस ने किया बंटवारा: जयदेव गल्ला ने आरोप लगाया कि 2014 में कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने आंध्र प्रदेश का बंटवारा ‘अलोकतांत्रिक ढंग’ से किया गया और भाजपा ने भी इसमें साथ दिया. इस पर तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सदस्यों ने पुरजोर विरोध किया और सदन में कुछ देर व्यवधान की स्थिति पैदा हो गई. टीआरएस के एक सदस्य ने रिकार्ड से अलोकतांत्रित शब्द हटाने की मांग की.

11.30 AM: जयदेव गल्ला ने लोकसभा में कहा कि 4 कारणों से यह अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. इसमें विश्वास की कमी, भेदभाव, विश्वास की कमी, प्राथमिकता की कमी की वजह से मोदी सरकार के खिलाफ यह प्रस्ताव लाया गया है. आंध्र की 5 करोड़ जनता के साथ धोखा किया गया.

11.25 AM: विशेष राज्य के दर्जा की मांग आंध्र प्रदेश की जनता और मोदी सरकार के बीच धर्मयुद्ध है: विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरूआत करते हुए तेदेपा के जयदेव गल्ला ने कहा कि आंध्र प्रदेश के विभाजन और तेलंगाना राज्य के गठन सबसे ज्यादा नुकसान आंध्र प्रदेश को हुआ, लेकिन संसद के भीतर और बाहर जो वादे किए गए थे वो पूरे नहीं हुए. उन्होंने आंध्र प्रदेश में एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र के भाषण का हवाला देते हुए कहा कि ‘मोदी ने उस समय कहा था कि कांग्रेस ने मां (आंध्र प्रदेश) को मार दिया और बच्चे (तेलंगाना) को बचा लिया और अगर वह होते तो मां को भी बचा लेते.’ गल्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री अपने ये शब्द भूल गए जिसके लिए आंध्र प्रदेश की जनता भाजपा को कभी माफ नहीं करेगी.

11.20 AM:  सांसद जयदेव गल्ला ने प्रस्ताव पर पार्टी का समर्थन करने वाले दलों का आभार जताया. गल्ला ने कहा कि पहली बार सांसद बनने के साथ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरु करना मेरे लिए गौरव की बात. जयदेव गल्ला ने कहा कि आंध्र प्रदेश से किए गए वादों को पूरा करना जरूरी है और यह हमारे लिए भावनात्मक मुद्दा है.

बीजद सांसद सदन से वाकआउट कर गए

इससे पहले बीजू जनता दल (बीजद) के सदस्य अविश्वास प्रस्ताव का बहिष्कार करते हुए सदन से वाकआउट कर गए. सदन में बीजद के 19 सदस्य हैं. बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने तेदेपा के एस केसीनेनी को अविश्वास प्रस्ताव पेश करने को कहा था.

अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस कांग्रेस, राकांपा, तेदेपा आदि दलों ने दिया था. पिछले बजट सत्र में इस विषय पर अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया था लेकिन सदन में व्यवस्था नहीं होने के कारण इसे नहीं लिया जा सका था.

मानसूत्र सत्र के पहले दिन बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा था कि अविश्वास प्रस्ताव पर 20 जुलाई (शुक्रवार) को पूरे दिन चर्चा होगी और उसी दिन मत विभाजन होगा.

सदस्यों की ओर से चर्चा के लिए कुछ और समय बढ़ाने की मांग पर स्पीकर ने कहा कि सात घंटे का समय चर्चा के लिए रखा गया है. इस दिन प्रश्नकाल नहीं चलेगा और गैर-सरकारी कामकाज नहीं होगा. सिर्फ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी.

निचले सदन में भाजपा नीत राजग के सदस्यों की संख्या 313 है जबकि कांग्रेस नीत संप्रग के सदस्यों की संख्या 63, अन्नाद्रमुक के सदस्यों की संख्या 37, तृणमूल सदस्यों की संख्या 34, बीजद के 20, तेदेपा के 16 और टीआरएस के 11 सदस्य हैं.

मोदी सरकार को जनता का समर्थन प्राप्त: अनंत कुमार

केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने शुक्रवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को जनता का समर्थन प्राप्त है और विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को पराजित कर राजग सरकार और अधिक मजबूत होकर उभरेगी.

संसदीय कार्य मंत्री ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि सदन में पूरे देश की भावना का प्रतिरूप उभरेगा और हम पहले से अधिक मजबूत होंगे. उन्होंने कहा कि विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सरकार को राजग से बाहर के दलों का भी समर्थन मिलेगा. कुमार ने जोर दिया कि राजग के सभी सहयोगी एकजुट हैं और हम बड़े बहुमत से विजयी होंगे.

वहीं, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने संवाददाताओं से कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान हम 130 करोड़ लोगों की समस्याएं और सरकार की गलतियों को उठायेंगे.

उन्होंने कहा कि नोटबंदी, बेरोजगारी समेत महत्वपूर्ण मुद्दे अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उठाये जाएंगे. कांग्रेस नेता ने हालांकि कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए और समय मिलना चाहिए था. उन्होंने कहा कि हमारी तैयारी पूरी है और हम सरकार को तमाम मुद्दों पर घेरेंगे.

अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान अनुपस्थित रहेगी शिवसेना

शिवसेना नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ लोकसभा में पेश अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाले मतदान में अनुपस्थित रहेगी. पार्टी सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

गौरतलब है कि लोकसभा में शिवसेना के मुख्य सचेतक चन्द्रकांत खैरे ने गुरुवार को व्हिप जारी कर पार्टी के सभी सांसदों को प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन में उपस्थित रहने और सरकार का समर्थन करने को कहा था.

लेकिन व्हिप जारी होने के कुछ ही घंटे के भीतर शिवसेना ने अपना रूख बदल दिया और कहा कि पार्टी अविश्वास प्रस्ताव पर मोदी सरकार का समर्थन करने के संबंध में फैसला सुबह चर्चा शुरू होने से पहले लेगी. पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी सांसदों को दिल्ली में ही रहने को कहा है.

शिवसेना प्रमुख के करीबी सहयोगी ने बताया, ‘अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान उद्धव जी ने शिवसेना सांसदों से अनुपस्थित रहने को कहा है.’

मोदी ने सदन में सकारात्मक बहस की उम्मीद जताई

सरकार के खिलाफ लोकसभा में होने वाले अविश्वास प्रस्ताव के कुछ घंटे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अनुरोध किया कि सदन में व्यवधान रहित और सकारात्मक बहस होने दी जाए.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘हमारे संसदीय लोकतंत्र में आज का दिन महत्वपूर्ण है. मुझे विश्वास है कि मेरे साथी सांसद मौके की नजाकत को समझेंगे और सकारात्मक, व्यापक तथा व्यवधान रहित बहस सुनिश्चित करेंगे.’ उन्होंने कहा कि यह जनता और संविधान निर्माताओं के प्रति सांसदों का दायित्व है.

उन्होंने कहा , ‘भारत हमें करीब से देख रहा है.’ लोकसभा में बीते चार वर्ष में यह पहली बार है जब मोदी सरकार को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ रहा है हालांकि उम्मीद है कि इससे मोदी सरकार बड़ी ही आसानी से पार पा लेगी.

हालांकि विपक्ष के पास पर्याप्त संख्याबल नहीं है लेकिन कांग्रेस और अन्य दलों ने संकेत दिए हैं कि वह इस बहस के मार्फत सरकार पर कई मुद्दों को लेकर हमला करने से चूकने नहीं वाली. इनमें किसानों की दयनीय हालत, धीमा आर्थिक विकास और लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं जैसे मुद्दे प्रमुख हैं.