तीखे हमलों के बाद राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी के पास पहुंचे और गले लगाया

राहुल गांधी ने कहा, ‘चौकीदार नहीं, भागीदार हैं प्रधानमंत्री, उन्हें पूरा विपक्ष मिलकर हराएगा.’

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New Delhi: Congress President Rahul Gandhi hugs Prime Minister Narendra Modi after his speech in the Lok Sabha on 'no-confidence motion' during the Monsoon Session of Parliament, in New Delhi on Friday, July 20, 2018. (LSTV GRAB via PTI)(PTI7_20_2018_000088B)
New Delhi: Congress President Rahul Gandhi hugs Prime Minister Narendra Modi after his speech in the Lok Sabha on 'no-confidence motion' during the Monsoon Session of Parliament, in New Delhi on Friday, July 20, 2018. (LSTV GRAB via PTI)(PTI7_20_2018_000088B)

राहुल गांधी ने कहा, ‘चौकीदार नहीं, भागीदार हैं प्रधानमंत्री, उन्हें पूरा विपक्ष मिलकर हराएगा.’

New Delhi: Congress President Rahul Gandhi hugs Prime Minister Narendra Modi after his speech in the Lok Sabha on 'no-confidence motion' during the Monsoon Session of Parliament, in New Delhi on Friday, July 20, 2018. (LSTV GRAB via PTI)(PTI7_20_2018_000088B)
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल विमान सौदे, किसानों की स्थिति, बेरोजगारी, भीड़ द्वारा हत्या और महिला सुरक्षा के मुद्दों को लेकर शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा और दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ‘चौकीदार नहीं, बल्कि भागीदार हैं.’

लोकसभा में ‍अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कई मुद्दों पर लगातार तीखे हमलों के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी सीट से प्रधानमंत्री के पास गए और उन्हें गले लगा लिया. कांग्रेस अध्यक्ष के इस सौहार्द पूर्ण भाव ने सत्ता पक्ष के सदस्यों को भी चकित कर दिया.

राहुल के इस कदम से मोदी भी चकित रह गए और गले लगने के लिए खड़े नहीं हो पाए, लेकिन तुरंत खुद को संभालते हुए उन्होंने राहुल गांधी को बुलाया और हाथ मिलाने के साथ-साथ उनकी पीठ थपथपाई. इस दौरान प्रधानमंत्री ने कुछ कहा भी, लेकिन इसे सुना नहीं जा सका.

अपनी सीट पर वापस आने के बाद राहुल ने कहा, ‘हिंदू होने का यही अर्थ है.’ इस दौरान उनकी मां सोनिया गांधी और पार्टी के नेताओं और सदन में उपस्थित अन्य नेताओं ने मेजें थपथपाकर उनकी सराहना की.

अपनी कथित टिप्पणी ‘कांग्रेस मुस्लिमों की पार्टी है‘ के लिए आलोचनाएं झेल रहे राहुल गांधी ने कहा ‘प्रधानमंत्री मोदी, बीजेपी और आरएसएस ने मुझे सिखाया है कि कांग्रेसी होने का अर्थ क्या है, असली भारतीय होने का अर्थ क्या है और एक असली हिंदू होने का अर्थ क्या है. इसके लिए मैं उनका धन्यवाद करता हूं. ’ उन्होंने कहा मेरे विरोधी मुझसे नफरत कर सकते हैं, मुझे ‘पप्पू’ कह सकते हैं, लेकिन मुझे इसका गुस्सा नहीं है और न ही प्रधानमंत्री और भाजपा से घृणा है.

राफेल सौदे पर उठाए सवाल

केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए गांधी ने यह भी कहा कि पूरा विपक्ष और सत्तापक्ष के कई लोग मिलकर प्रधानमंत्री मोदी को हराएंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि राफेल विमान सौदे के विभिन्न आयामों को लेकर प्रधानमंत्री के दबाव में आकर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश से असत्य बोला.

राहुल गांधी ने कहा कि संप्रग सरकार के समय राफेल लड़ाकू विमान के लिए जो सौदा किया गया था उसके मुताबिक प्रत्येक विमान की कीमत 520 करोड़ रुपये थी, लेकिन पता नहीं क्या हुआ कि प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस गए और विमान का दाम 1600 करोड़ रुपये कर दिया. उन्होंने कहा, ‘रक्षा मंत्री ने कहा था कि मैं विमान की कीमत बताउंगी. लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि मैं यह आंकड़ा नहीं दे सकती क्योंकि भारत और फ्रांस के बीच गोपनीयता का समझौता है.’

गांधी ने दावा किया , ‘मैं फ्रांस के राष्ट्रपति से स्वयं मिला था. उन्होंने मुझे बताया कि राफेल विमान सौदे को लेकर भारत और फ्रांस की सरकार के बीच गोपनीयता का कोई समझौता नहीं हुआ है.’

कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि राफेल विमान सौदे का कांट्रैक्ट हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से लेकर प्रधानमंत्री के करीबी एक उद्योगपति को दिया गया जबकि इस उद्योगपति पर 35 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. गांधी ने दावा किया कि इस उद्योगपति को 45 हजार करोड़ रुपये का फायदा हो रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए कि राफेल सौदे के प्रारूप को अचानक ही क्यों बदला गया और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से कांट्रैक्ट लेकर उस उद्योगपति को क्यों दिया गया जिस पर 35 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या सौदे का प्रारूप बदलने की अनुमति सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने दी थी? प्रधानमंत्री पर राहुल गांधी के आरोप को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ और सदन की कार्यवाही एक बजकर करीब 40 मिनट पर पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई.

जुमला स्ट्राइक

बैठक पांच मिनट बाद शुरू होने पर राहुल गांधी ने सत्तापक्ष पर अपने प्रहार जारी रखे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की ‘जुमला स्ट्राइक’ के पीड़ित किसान, युवा, दलित और महिलाएं हैं. उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री के शब्द का मतलब होना चाहिए और यही सवाल आज पूरा देश पूछ रहा है. यही सवाल आज पूरा हिंदुस्तान पूछ रहा है.’

गांधी ने कहा, ‘पहली जुमला स्ट्राइक थी, हर व्यक्ति के खाते में 15-15 लाख रुपये डालने का वादा…और दूसरी जुमला स्ट्राइक थी हर साल दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा …’

उन्होंने दावा किया कि दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा किया गया था, लेकिन 2016-17 में केवल चार लाख लोगों को रोजगार दिया गया. गांधी ने कहा कि नोटबंदी के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने छोटे कारोबारियों, दुकानदारों और आम लोगों को बहुत नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने कहा, ‘जो शक्तियां प्रधानमंत्री की मदद करती हैं उनके लिए प्रधानमंत्री सबकुछ करते हैं. देश के कमजोरों और गरीबों के लिए प्रधानमंत्री के दिल में थोड़ी सी भी जगह नहीं है.’

मॉब लिंचिंग और बेराजगारी

गांधी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने कहा था कि मैं देश का चौकीदार हूं. लेकिन जब भाजपा अध्यक्ष के पुत्र का मामला सामने आया तो प्रधानमंत्री ने एक शब्द नहीं बोला.’

कांग्रेस अध्यक्ष ने किसानों, रोजगार, भीड़ द्वारा हत्या और महिला सुरक्षा के मुद्दे उठाए और सरकार पर वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया. गांधी ने देश में भीड़ द्वारा हत्या की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि जब किसी व्यक्ति को मारा जाता है, दबाया जाता है और कुचला जाता है तो यह आंबेडकर के संविधान और इस सदन पर हमला होता है.

गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष किसी भी सूरत में सत्ता खोने का जोखिम मोल नहीं ले सकते क्योंकि सत्ता गई तो दूसरी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. दोनों में डर है.

उन्होंने कहा कि पूरे देश में सरकार के खिलाफ भावना है और पूरा विपक्ष तथा खुद सत्तापक्ष के कई लोग मिलकर प्रधानमंत्री को चुनाव में हराने का जा रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी अपने प्रचार के लिए जो विज्ञापन करते हैं उनमें उनके कुछ उद्योगपति मित्र मदद करते हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)