बिहार बालिका गृह बलात्कार मामले में लड़कियों के साथ बलात्कार की पुष्टि

मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले के एक बालिका गृह से पिछले माह यौन उत्पीड़न की शिकार 50 बच्चियों को आज़ाद कराया गया था. पूछताछ में पता चला कि स्टाफ के साथ असहमति जताने पर एक बच्ची को मारकर ज़मीन में गाड़ दिया गया था. पुलिस ने आश्रय गृह की खुदाई शुरू की है.

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Patna: All India Progressive Women's Association (AIPWA) activists raise slogans as they protest against atrocities on women, in Patna on Friday, June 22, 2018. (PTI Photo) (PTI6_22_2018_000026B)
Patna: All India Progressive Women's Association (AIPWA) activists raise slogans as they protest against atrocities on women, in Patna on Friday, June 22, 2018. (PTI Photo) (PTI6_22_2018_000026B)

मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले के एक बालिका गृह से पिछले माह यौन उत्पीड़न की शिकार 50 बच्चियों को आज़ाद कराया गया था. पूछताछ में पता चला कि स्टाफ के साथ असहमति जताने पर एक बच्ची को मारकर ज़मीन में गाड़ दिया गया था.  पुलिस ने आश्रय गृह की खुदाई शुरू की है.

Patna: All India Progressive Women's Association (AIPWA) activists raise slogans as they protest against atrocities on women, in Patna on Friday, June 22, 2018. (PTI Photo) (PTI6_22_2018_000026B)
पटना में घटना के विरोध में होते प्रदर्शन की एक तस्वीर. (फोटो: पीटीआई)

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले में 31 मई को एक बालिका गृह में बच्चियों के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया था. कुछ बच्चियों के गर्भवती होने की भी पुष्टि हुई थी.

एनडीटीवी के मुताबिक, मामले में पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (पीएमसीएच) की 21 लड़कियों की हालिया मेडिकल रिपोर्ट में डॉक्टरों ने खुलासा किया है कि आश्रय गृह की 16 बच्चियों के साथ बलात्कार हुआ था.

बालिका गृह में रहने वाली बाकी लड़कियों की रिपोर्ट अभी आई नहीं है.

वहीं, आश्रय गृह में रही एक लड़की ने खुलासा किया कि जब आश्रय गृह की एक लड़की ने वहां के स्टाफ के साथ असहमति जताई तो उसे पीट-पीट कर मार दिया गया और जमीन में गाड़ दिया.

राज्य द्वारा संचालित इस आश्रय गृह में लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में एक जिला प्रशासन के अधिकारी को गिरफ्तार भी किया गया है.

जबकि आश्रय गृह को बंद कर दिया गया है.

वहीं, मृत बच्ची के शव के अवशेषों की बरामदगी के लिए पुलिस की एक टीम ने आश्रय गृह के मैदान की भी सोमवार को खुदाई की है. लेकिन, अब तक शव की बरामदगी नहीं हुई है.

मुजफ्फरपुर की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरप्रीत कौर ने कहा, ‘हम एक लड़की के बयान के आधार पर खुदाई कर रहे हैं. जगह की पहचान उस लड़की ने की थी.’

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘खुदाई के दौरान अब तक कुछ भी अहम सबूत नहीं मिला है. लेकिन, आरोप लगाने वाली लड़की से और पूछताछ करने के बाद खुदाई का दायरा बढ़ाया जा सकता है.’

उन्होंने साथ ही कहा कि बालिका गृह में 40 से अधिक लड़कियां थीं और मेडिकल रिपोर्ट बताती है कि संभव है कि उनमें से आधे से अधिक के साथ कभी न कभी यौन संबंध बनाए गए हों.

दैनिक जागरण के मुताबिक, आश्रय गृह में रही एक लड़की ने न्यायिक दंडाधिकारी के सामने दर्ज कराए अपने बयान में इसका दावा किया था. जिसके आधार पर पुलिस ने पॉक्सो कोर्ट से चिन्हित स्थानों पर खुदाई करने क आदेश प्राप्त किया.

वहीं, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने मुजफ्फरपुर सहित प्रदेश के अन्य जिलों में अल्पावास गृह की लड़कियों और महिलाओं के साथ दुष्कर्म को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर प्रहार करते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि राज्य सरकार आरोपियों को बचाने में लगी है.

वहीं, प्रभात खबर की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस की जांच में आधा दर्जन बच्चियों के गायब होने का भी मामला सामने आया है. पुलिस उनकी तलाश में जुट गई है.

 

मामले में अब तक दस लोग गिरफ़्तार, विपक्ष की सीबीआई जांच की मांग

गौरतलब है कि मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस) के ऑडिट में हुए इस मामले के खुलासे के बाद राज्य के समाज कल्याण विभाग ने पिछले महीने प्राथमिकी दर्ज कराई थी और दस लोग गिरफ्तार किए गए हैं.

हरप्रीत कौर ने बताया, ‘अब तक जिला बाल संरक्षण अधिकारी और बालिका गृह की महिला कर्मियों समेत कुल दस लोग गिरफ्तार किए गए हैं.’

उन्होंने बताया कि बालिका गृह को चलाने वाले एनजीओ को काली सूची में डाल दिया गया है.

साथ ही, नारी निकेतन को भी सील किए जाने की उन्होंने पुष्टि की और बताया कि वहां की लड़कियों को अन्य जिलों के नारी निकेतनों में भेज दिया गया है.

वहीं, राज्य के विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने विधानसभा और विधानपरिषद में यह मुद्दा उठाया है और आरोपों की सीबीआई जांच की मांग की है. उसने दावा किया इस स्कैंडल में कई बड़े लेाग शामिल हैं जिन्हें नीतीश कुमार सरकार बचाने का प्रयास कर रही है.

तेजस्वी यादव ने कहा, पूर्वी चंपारण, सीवान और वैशाली ज़िलों के अल्पावास गृहों में भी हो रहा शोषण

तेजस्वी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आरोप लगाया कि गत मार्च महीने से इस बात की जानकारी होने के बावजूद राज्य सरकार द्वारा आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं गई और अब वहां एक लड़की को मारकर उसके शव को दफना दिए जाने की बात सामने आई है.

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि सरकार द्वारा संचालित इन अल्पावास गृहों में शरण लिए हुईं लड़कियों और महिलाओं के साथ लगातार दुष्कर्म होता रहा, पर यह ‘अंतरात्मा बाबू’, बेटी बचाओ पीएम, मीडिया और देश के अन्य नागरिकों की अंतरात्मा को नहीं झकझोर पाया जो दुर्भाग्यपूर्ण है.’

तेजस्वी ने कहा कि ऐसा केवल मुजफ्फरपुर में ही नहीं हुआ, बल्कि पूर्वी चंपारण जिला, सीवान और वैशाली में अन्य अल्पावास गृहों में भी शोषण की सूचना है.

वहीं, मधेपुरा से सांसद और जन अधिकार पार्टी के संरक्षक राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि पुलिस को यह खुलासा करना चाहिए कि पटना में कौन ऐसे 12 विधायक, दो सांसद और चार मंत्री हैं जिनके यहां मुजफ्फरपुर और अन्य जगहों से लड़कियों को लाया गया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)