उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूल के नाम से ‘इस्लामिया’ शब्द हटाया, जुमे की छुट्टी भी रद्द

देवरिया ज़िले के सलेमपुर क्षेत्र में स्थित प्राथमिक स्कूल नवलपुर का मामला. स्कूल में शुक्रवार को छुट्टी होती थी और रविवार को स्कूल खुलता था.

सलेमपुर में स्थित प्राइमरी स्कूल. (फोटो साभार: ट्विटर)

देवरिया ज़िले के सलेमपुर क्षेत्र में स्थित प्राथमिक स्कूल नवलपुर का मामला. आरोप है कि स्कूल में शुक्रवार को छुट्टी होती थी और रविवार को स्कूल खुलता था.

सलेमपुर में स्थित प्राइमरी स्कूल. (फोटो साभार: ट्विटर)
सलेमपुर में स्थित प्राइमरी स्कूल. (फोटो साभार: ट्विटर)

देवरिया: उत्तर प्रदेश के सलेमपुर क्षेत्र के नवलपुर स्थित एक सरकारी प्राथमिक स्कूल का नाम इस्लामिया प्राइमरी स्कूल रखे जाने और शुक्रवार को छुट्टी किए जाने की ख़बरें मीडिया में आने के बाद स्कूल के नाम से ‘इस्लामिया’ शब्द हटा दिया है तथा शुक्रवार की जगह रविवार को छुट्टी किए जाने के आदेश दिए हैं.

इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्कूल का नाम बिना किसी इज़ाज़त के बदल दिया गया था. स्कूल के नाम के साथ जोड़े गए अतिरिक्त शब्द ‘इस्लामिया’ को हटा दिया गया है और अब इसका नाम सरकारी प्राथमिक विद्यालय हो गया है.

उन्होंने कहा कि अब यहां बच्चों की साप्ताहिक छुट्टी शुक्रवार के स्थान पर रविवार को ही हुआ करेगी. मामले की जांच की जा रही है और जो भी इस मामले में दोषी होगा, उसके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी.

आरोप है कि देवरिया ज़िले के सलेमपुर क्षेत्र में एक परिषदीय विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने शुक्रवार को स्कूल बंद रखने की परंपरा शुरू कर दी थी. यह विद्यालय रविवार को खुलता था.

इसका खुलासा बीते 20 जुलाई हुआ. जिसके बाद ज़िलाधिकारी सुजीत कुमार ने बेसिक शिक्षा अधिकारी से जांच पत्रावली तलब करते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया.

सलेमपुर के खंड शिक्षा अधिकारी ज्ञानचंद मिश्र को गुरुवार को जानकारी मिली थी कि प्राथमिक विद्यालय नवलपुर में तैनात प्रधानाध्यापक शुक्रवार को स्कूल बंद रखते हैं. इसकी जांच के लिए खंड शिक्षा अधिकारी ने बीते शुक्रवार 20 जुलाई को शिक्षा विभाग के अधिकारी देवी शरण सिंह और हरेंद्र द्विवेदी को विद्यालय भेजा.

दोनों लोग 9:45 बजे स्कूल पहुंचे तो वह बंद मिला. यही नहीं स्कूल की बिल्डिंग पर ‘प्राथमिक विद्यालय नवलपुर’ की जगह ‘इस्लामिया प्राइमरी स्कूल नवलपुर’ लिखा हुआ पाया गया.

इन दोनों ने खंड शिक्षा अधिकारी को इसकी जानकारी दी. इस पर खंड शिक्षा अधिकारी ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक खुर्शीद अहमद को सभी पत्रावलियों के साथ कार्यालय बुलाया. पत्रावलियों की जांच में पाया गया कि काफी समय से यह स्कूल शुक्रवार को बंद रहता है और इसके एवज में रविवार को खोला जाता है. रजिस्टर की जांच में भी इसकी पुष्टि हुई.

इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी के पूछने पर प्रधानाध्यापक ने कहा कि विद्यालय में पंजीकृत 91 छात्रों में से करीब 95 फीसदी मुस्लिम समुदाय के हैं, इसलिए जुमे के दिन शुक्रवार को विद्यालय बंद कर इसे रविवार को खोला जाता है.

यही नहीं प्रधानाध्यापक ने यह भी दावा किया कि वह जब 2008 में इस विद्यालय में पदस्थ हुए तो उसके पहले से ही यहां यह परंपरा चली आ रही थी.