शीर्ष अदालत लोकपाल मामले में न्यायालय के फैसले पर अमल नहीं होने के कारण सरकार के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही है.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल की सर्च कमेटी के सदस्यों की नियुक्ति के संबंध में केंद्र की ओर से दिए गए जवाब पर नाखुशी जताई है. जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस नवीन सिन्हा की पीठ ने केंद्र से कहा है कि वह सर्च कमेटी पर उचित विवरण देने के लिए ताजा हलफनामा दायर करे.
सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने एक हलफनामा दायर करते हुए कहा कि चयन समिति की बैठक हुई थी लेकिन सर्च कमेटी के लिए नामों पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि ऐसी नियुक्तियों के लिए कानूनी प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए सर्च कमेटी के सदस्यों की नियुक्ति के लिए जल्दी ही फिर से बैठक होगी.
याचिका दायर करने वाले एनजीओ कॉमन कॉज की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि केंद्र ने अगली बैठक की तारीख तय नहीं की है और कानून पारित होने के पांच साल बाद भी वे लोकपाल की नियुक्ति में टाल-मटोल कर रहे हैं.
Appointment of Lokpal case: Supreme Court has expressed displeasure over non-appointment of Lokpal and also the affidavit filed by the Central government in the case, asked Centre to file a better affidavit within four weeks
— ANI (@ANI) July 24, 2018
उन्होंने कहा कि या तो संभावित प्राधिकार के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए या फिर न्यायालय संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत प्राप्त अधिकार का प्रयोग कर लोकपाल की नियुक्ति कर सकता है. अनुच्छेद 142 के तहत उच्चतम न्यायालय को अपने आदेशों को लागू करवाने का अधिकार प्राप्त है.
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि वह केंद्र के जवाब से असंतुष्ट है और सरकार चार सप्ताह के भीतर जरूरी सूचनाओं के साथ नया हलफनामा दायर करे. इससे पहले केंद्र सरकार ने न्यायालय को सूचित किया था कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली लोकपाल चयन समिति की बैठक 19 जुलाई को बैठक होनी है जिसमें सर्च कमेटी का गठन किया जाएगा.
शीर्ष अदालत इस मामले में न्यायालय के फैसले पर अमल नहीं होने के कारण सरकार के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही है.