जस्टिस एके गोयल बीते 6 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे. सरकार ने उसी दिन उन्हें एनजीटी का अध्यक्ष बना दिया था. गोयल ने ही एससी/एसटी क़ानून में संशोधन का फैसला सुनाया था.
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने सोमवार को कहा कि एनडीए के कई दलित मंत्रियों ने जस्टिस एके गोयल को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) का चेयरपर्सन नियुक्त करने पर चिंता व्यक्त की है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पासवान ने कहा कि गोयल की नियुक्ति करने से समाज में गलत संदेश गया है. उन्होंने ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम, 1989 के खिलाफ फैसला दिया था.
राम विलास पासवान के बेटे और लोकसभा सदस्य चिराग पासवान ने कहा कि वे सरकार से मांग करेंगे कि जस्टिस गोयल को एनजीटी के पद से हटाया जाए.
बता दें कि इसी साल 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट की एके गोयल और यूयू ललित की पीठ ने फैसला दिया था कि एससी-एसटी के तहत कथित उत्पीड़न की शिकायत को लेकर तुरंत गिरफ्तारी नहीं होगी और प्रारंभिक जांच के बाद ही कार्रवाई की जाएगी.
इस फैसले से नाराज लोगों ने देश भर में भारी विरोध प्रदर्शन किया था और दो अप्रैल को भारत बंद का आह्वान किया गया था. भारत बंद के दौरान हुई हिंसा में 11 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
एके गोयल 6 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे और सरकार ने उसी दिन उन्हें एनजीटी का मुखिया नियुक्त किया. उन्होंने अपने फेयरवेल भाषण में इस फैसले का समर्थन भी किया था.
20 मार्च को कोर्ट ने कहा, ‘अगर कोई निर्दोष व्यक्ति झूठे मामलों में फंसा दिया जाता है तो उसके लिए क्या नियम है? क्या किसी निर्दोष व्यक्ति को गिरफ्तार करने की इजाजत दी जानी चाहिए.’
पीठ ने कहा था, ‘हमने एससी/एसटी क़ानून के किसी भी प्रावधान को कमज़ोर नहीं किया है लेकिन सिर्फ़ निर्दोष व्यक्तियों को गिरफ़्तारी से बचाने के लिए उनके हितों की रक्षा की है. न्यायालय ने स्पष्ट किया कि इस फैसले में निर्दोष व्यक्तियों के ‘मौलिक अधिकारों की रक्षा’ के लिए अतिरिक्त उपाय किए गए हैं.’
2 अप्रैल को भारत बंद करने के बाद एक बार फिर कई संगठनों ने इस मुद्दे को लेकर 9 अगस्त को देश भर में आंदोलन करने को कहा है. चिराग पासवान ने कहा कि सरकार को सदन में एक विधेयक लाकर एससी/एसटी कानून को उसके मूल रूप में बदलना चाहिए.
उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार विधेयक नहीं लाती है तो 7 अगस्त को सदन का सत्र खत्म करके 8 अगस्त को इस मामले में अध्यादेश लाया जाए ताकि 9 अगस्त को होने वाले विरोध प्रदर्शन को रोका जा सके.
सोमवार को राम विलास पासवान के घर पर एनडीए के दलित सांसदों की बैठक हुई थी. इसके बाद पासवान ने कहा, ‘काफी सदस्यों ने मामला उठाया कि जिस जज ने एससी/एसटी एक्ट और यूजीसी के खिलाफ फैसला दिया उसे एनजीटी का चेयरमैन बना दिया गया. इससे गलत संदेश जाता है.’
दिल्ली मे आवास 12, जनपथ पर संसद के माननीय अनुसूचित जाति /जनजाति सदस्यों के साथ SC/ST मुद्दों पर बैठक मे चर्चा करते हुए pic.twitter.com/vlF5myPOW0
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) July 23, 2018
उन्होंने कहा कि जिन मामलों को लेकर हमारे बीच चर्चा हुई है उसे लेकर सांसदों का एक दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेगा.
चिराग पासवान ने कहा, ‘गोयल की नियुक्ति की वजह से लोगों में काफी गुस्सा है. हमें इस पर आपत्ति है. उन्हें एनजीटी के चेयरमैन पद से हटाया जाना चाहिए. एक एलजीपी नेता होने के नाते सरकार से मैं इसकी मांग करूंगा.’