सांप्रदायिक हिंसा की सबसे ज़्यादा घटनाएं उत्तर प्रदेश में हुईं. यहां 2014 से लेकर 2017 तक में 645 मामले सामने आए जिसमें 121 लोग मारे गए. ये आंकड़ा सभी राज्यों में मारे गए लोगों का लगभग 32 प्रतिशत है.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को बताया कि साल 2017 में देश में सांप्रदायिक हिंसा की 822 घटनाएं हुईं जिनमें 111 लोगों की मौत हो गई. गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने राज्यसभा को बताया कि साल 2016 में सांप्रदायिक हिंसा की 703 घटनाएं हुईं जिनमें 86 लोगों की जान गई.
वहीं 2015 में सांप्रदायिक हिंसा की 751 घटनाओं में 97 लोग मारे गए थे. हालांकि 2015 से पहले तक के आंकड़ों को देखें तो 2014 से लेकर 2017 तक में सांप्रदायिक हिंसा की 2,920 घटनाएं हुईं हैं जिसमें 389 लोगों की मौत हो गई. वहीं इन घटनाओं में 8,890 लोग घायल हुए.
एक प्रश्न के लिखित जवाब में अहीर ने बताया कि कानून व्यवस्था, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है. उन्होंने कहा कि शांति और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने में केंद्र राज्य सरकारों को अलग-अलग तरीके से मदद करता है.
इसके लिए समय-समय पर खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाता है, सतर्कता संबंधी संदेश भेजे जाते हैं और महत्वपूर्ण घटनाक्रम पर परामर्श भी दिया जाता है.
2014 से लेकर अब तक के आंकड़ों को देखें तो सांप्रदायिक घटनाओं में लगातार इजाफा हुआ है. जहां एक तरफ 2014 में सांप्रदायिक हिंसा की 644 घटनाएं हुई थीं वहीं साल 2017 में सबसे ज्यादा 822 सांप्रदायिक हिंसा के मामले सामने आए.
इसमें सबसे ज्यादा घटनाएं उत्तर प्रदेश से सामने आए हैं. साल 2017 में यूपी में 195 सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुईं जिसमें 44 लोगों की मौत हो गई और 542 लोग घायल हो गए. दूसरे नंबर पर कर्नाटक है. कर्नाटक में इस तरह की 100 घटनाएं हुईं जिसमें 9 लोगों की मौत हुई और 229 लोग घायल हो गए.
उत्तर प्रदेश में 2014 से लेकर 2017 तक इस तरह की 645 घटनाएं हुईं जिसमें 121 लोग मारे गए. सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए लोगों में से लगभग 32 प्रतिशत लोग उत्तर प्रदेश से हैं.
वहीं बिहार में भी पिछले साल 85 सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुईं. इसमें तीन लोग मारे गए और 321 लोग घायल हो गए. राजस्ठान में हुई 91 सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं में 12 लोग मारे गए और 175 लोग घायल हुए.
पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. जहां 2016 में पश्चिम बंगाल में इस तरह की 32 घटनाएं हुईं, वहीं 2017 में 58 सांप्रदायिक हिंसा के मामले सामने आए. इस दौरान नौ लोगों की मौत हुई और 230 लोग घायल हो गए.
बिहार, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में ज्यादातर सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुई हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा की इनपुट के साथ)