सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की मांग को लेकर मराठा समुदायों की ओर से बुलाए गए बंद में बुधवार को हुई हिंसा में घायल एक व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, उसने दम तोड़ दिया है.
मुंबई: महाराष्ट्र के नवी मुंबई में मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान घायल हुए प्रदर्शनकारी की मुंबई के सरकारी जेजे अस्पताल में मौत हो गई.
अस्पताल के डीन डॉक्टर मुकुंद तायडे ने बताया कि बुधवार को कोपर खैराने में हुई हिंसा के दौरान 25 वर्षीय रोहन थोकदार के सिर, हाथों और पैरों में कई जगह चोटें आई थीं. तायडे ने बताया कि थोकदार को गुरुवार को जेजे अस्पताल लाया गया, जहां उसे आईसीयू में रखा गया था. लेकिन शुक्रवार को उसकी मौत हो गई.
सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की मांग को लेकर मराठा समुदायों की ओर से बुलाए गए बंद में बुधवार को नवी मुंबई के कोपर खैराना और कलंबोरी में हिंसा हुई थी.
इस दौरान प्रदर्शनकारियों के पथराव से आठ अधिकारियों सहित करीब 20 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. हिंसा में पुलिस के 20 वाहनों सहित करीब 150 वाहन क्षतिग्रस्त हुए थे. पुलिस ने बताया कि हिंसक भीड़ के खिलाफ लाठी चार्ज और रबड़ तथा पैलेट गन के इस्तेमाल से नौ लोग घायल हुए हैं.
एहतियात के तौर पर नवी मुंबई में गुरुवार को इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी. पुलिस ने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि सोशल मीडिया तथा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अफवाहों को रोका जा सके.
नवी मुंबई के कोपर खैरने और कलमबोली में बुधवार को प्रदर्शनकारियों के पथराव में करीब 20 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए थे जिनमें आठ अधिकारी भी शामिल हैं.
नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन के तेज़ होते ही आंदोलन की अगुवाई कर रहे मराठा क्रांति मोर्चा ने बुधवार को मुंबई बंद का आह्वान किया है.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर एक प्रदर्शनकारी की सोमवार को आत्महत्या कर लेने के बाद मंगलवार को आंदोलन शुरू हुआ था. इसमें एक कॉन्स्टेबल की मौत हो गई थी, जबकि एक अन्य जख़्मी हो गया था.
मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर पांच विधायकों का इस्तीफा
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अब तक महाराष्ट्र के पांच विधायक इस्तीफा दे चुके हैं. महाराष्ट्र विधानसभा के सूत्रों ने बताया कि भरत भाल्के (कांग्रेस), राहुल अहेर (भाजपा) और दत्तात्रेय भारणे (राकांपा) ने गुरुवार को विधायक पद से इस्तीफे दे दिए.
इससे पहले बुधवार को शिवसेना के हर्षवर्धन जाधव और राकांपा के भाऊसाहब पाटिल चिकटगांवकर ने आरक्षण की मांग के समर्थन में इस्तीफा देने की पेशकश की थी.
जाधव ने बुधवार सुबह विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय को अपना इस्तीफा पत्र सौंपा. चिकटगांवकर ने कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को ईमेल के जरिये भेज दिया.
फडणवीस कल करेंगे सर्वदलीय बैठक
आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुद्दे पर विचार करने के लिए शनिवाक को एक सर्वदलीय बैठक बुलाने का फैसला किया है.
गुरूवार देर रात कैबिनेट मंत्री विनोद तावड़े के आवास पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में इसका फैसला लिया गया. इस बैठक में भाजपा मंत्री चंद्रकांत पाटिल, गिरीश महाजन, सुभाष देशमुख और पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख रावसाहब दानवे समेत कई अन्य नेता उपस्थित थे.
बैठक रात करीब 11 बजे शुरू हुई और तीन घंटे तक चली .
राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने बताया कि विधान भवन में शनिवार को होने वाली बैठक के निमंत्रण पत्र शुक्रवार को भेज दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि बैठक में मराठा आरक्षण के मुद्दे का समाधान तलाशने का प्रयास किया जाएगा.
दानवे ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है और इसीलिए उसने इस आशय का एक अध्यादेश पारित किया है.
उन्होंने बताया कि अदालत ने सरकार के इस फैसले पर स्थगनादेश जारी कर दिया है लेकिन हम राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट अदालत में पेश करेंगे और उनसे निवेदन करेंगे कि वह इस मुद्दे पर जल्द फैसला ले.
मैं मराठा आरक्षण पर निर्णय में देरी नहीं करती: पंकजा मुंडे
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर निशाना साधते हुए उनकी कैबिनेट सहयोगी पंकजा मुंडे ने गुरूवार को कहा कि यदि वे प्रभारी होतीं तो निर्णय लेने में विलंब नहीं करतीं.
मुंडे ने बीड जिले के पारली में मराठा प्रदर्शनकारियों से कहा, ‘मराठा आरक्षण की फाइल यदि मेरी मेज पर होती, मैं उसे एक पल के लिए भी विलंबित नहीं करती. इस मुद्दे पर इसलिए देरी हो रही है क्योंकि यह उच्च न्यायालय में लंबित है.’
भाजपा नेता एवं ग्रामीण विकास मंत्री मुंडे ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि वे उन्हें सुनने के लिए आई हैं और वे उन्हें कोई समझौता करने के लिए नहीं कहेंगी.’
मुंडे की ओर से फडणवीस पर यह अप्रत्यक्ष निशाना ऐसे समय आया है जब शिवसेना सांसद संजय राउत ने दावा किया है कि बुधवार को आंदोलन हिंसक होने के बाद भाजपा के भीतर मुख्यमंत्री को बदलने की बात हो रही है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)