भीड़ के हमले में अजमल मोहनिया की मौत हो गई है जबकि गंभीर रूप से घायल एक अन्य शख्स भारू माथुर पलाश का इलाज चल रहा है.
दाहोद: देश के अलग-अलग हिस्सों में हो रही भीड़ द्वारा हत्या की घटनाओं में एक और नाम जुड़ गया है. गुजरात के दाहोद जिले में लूटपाट के संदेह में भीड़ ने अजमल मोहनिया नाम के एक शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी जबकि एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया. पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी.
लिमडी पुलिस थाने के इंस्पेक्टर पीएम जुडाल ने बताया कि शनिवार रात एक दर्जन से ज्यादा लोगों का एक समूह यहां से करीब 35 किलोमीटर दूर झालौड़ प्रशासनिक संभाग के काली माहुड़ी गांव में लूटपाट करने के मकसद से गया था.
जुडाल ने बताया, ‘जब गांव वालों को उनकी गतिविधियों के बारे में पता चला तो वे एक जगह इकट्ठा हो गए. जैसे ही उन्होंने लुटेरों को देखा तो उन्हें खदेड़ दिया और उनमें से दो को पकड़ लिया जबकि अन्य लोग भागने में कामयाब रहे.’
उन्होंने बताया कि आक्रोशित ग्रामीणों ने दोनों की बुरी तरह पिटाई की. पुलिस के पहुंचने तक दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इसके बाद पुलिस दोनों को दाहोद सरकारी अस्पताल ले गई, जहां मोहनिया को मृत घोषित कर दिया गया. वहीं गंभीर रूप से घायल एक अन्य शख्स भारू माथुर पलाश का इलाज चल रहा है.
इंस्पेक्टर ने बताया कि मोहनिया और पलाश को अलग-अलग आपराधिक मामलों में सजा हो चुकी थी और हाल ही में सजा काटने के बाद उन्हें दाहोद उप-जेल से रिहा किया गया था. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस को दिए गए बयान में पलाश ने बताया कि वह जेल में मोहनिया से मिला था. दोनों ने गांव में मिलने का फैसला किया था, लेकिन करीब 100 ग्रामीणों की भीड़ ने धारदार हथियारों से उन पर हमला कर दिया.
उन्होंने बताया कि पुलिस ने करीब 100 ग्रामीणों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है.
बता दें कि हाल ही में राजस्थान के अलवर जिले में गौ-तस्करी के संदेह में 28 साल के अकबर खान की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. कुछ हफ्ते पहले, महाराष्ट्र के धुले जिले के एक गांव में बच्चा चोर समझ कर पांच बंजारों को पीट-पीटकर मार डाला गया था.
इसी तरह कुछ समय पहले, मध्य प्रदेश में एक भीड़ ने बच्चा चोर समझ कर एक महिला की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.
इस तरह की बढ़ती घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए बीते हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने ‘भीड़तंत्र’ से निपटने के लिए सरकार को कानून बनाने को कहा था, जिसके बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लिंचिंग की घटनाओं से निपटने के लिए दो उच्च स्तरीय समितियां गठित करने की घोषणा की है. साथ ही उन्होंने कहा है कि अगर जरूरी हुआ तो मॉब लिंचिंग पर कानून भी बनाया जाएगा.
(समाचार एजेंसी भाषा की इनपुट के साथ)