बालिका गृह मामले पर नीतीश की मीडिया को नसीहत, ज़रा पॉज़िटिव भी दिखाइए

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी पार्टियों के विरोध प्रदर्शन को बताया राजनीतिक हित साधने की कोशिश, राज्य के सभी ज़िलाधिकारियों को बाल एवं महिला शेल्टर होम की जांच करने का निर्देश दिया.

Patna: Bihar Chief Minister Nitish Kumar addressing at a function for the inauguration of developmental schemes of Department of Energy in Patna on Thursday. PTI Photo (PTI5_11_2017_000111A)

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी पार्टियों के विरोध प्रदर्शन को बताया राजनीतिक हित साधने की कोशिश, राज्य के सभी ज़िलाधिकारियों को बाल एवं महिला शेल्टर होम की जांच करने का निर्देश दिया.

Patna: Bihar Chief Minister Nitish Kumar addressing at a function for the inauguration of developmental schemes of Department of Energy in Patna on Thursday. PTI Photo (PTI5_11_2017_000111A)
नीतीश कुमार (फोटो: पीटीआई)

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अगर मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह बलात्कार मामले में समाज कल्याण विभाग की मंत्री मंजू वर्मा के खिलाफ कुछ भी पाया जाता है तो उन्हें बाहर जाने को बोला जा सकता है. यदि इस मामले में कोई मंत्री दोषी पाया जाता है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा.

नीतीश कुमार ने बालिका गृह बलात्कार मामले में मंजू वर्मा के इस्तीफे की मांग कर रहे विपक्ष पर ये बातें कहीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने अब फैसला किया है कि राज्य में ऐसे सभी बालिका गृह सीधे राज्य सरकार द्वारा चलाए जाएंगे.

वहीं नीतीश ने रविवार को कहा था, ‘जरा पॉजिटिव फीड पर भी आप लोग कृपा करके देख लें. एकाध निगेटिव चीज हो गया उसी को लेकर चल रहे हैं. जो गड़बड़ करेगा वो अंदर जाएगा. उसको बचाने वाला भी नहीं बचेगा. वो भी अंदर जाएगा.’

कुमार ने आज इस मामले में न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा, ‘ये एक शर्मनाक घटना है. इस घटना ने हर एक बिहार के छवि को मिट्टी में मिला दिया. लेकिन, यह केवल एक बिहारी है जिसने मामले में स्वतंत्र जांच शुरू की. मैं अपनी छवि के बारे में चिंतित नहीं हूं, मैं प्रतिबद्धता के साथ काम करता हूं. जनता इसका न्याय करेगी.’

बीते शनिवार को बालिका गृह की घटना के विरोध में दिल्ली के जंतर मंतर पर विपक्षी दल एकजुट हुआ था और नीतीश और मोदी सरकार की जमकर आलोचना की थी. इस पर नीतीश ने कहा, ‘धरने की वजह से भ्रष्टाचार पर बातचीत विफल हो गई है. राजनीतिक हित साधने के लिए लोग वहां एक मंच पर इकट्ठा हुए थे. कई मामलों में आरोपी नेता और महिलाओं के खिलाफ गलत शब्द का इस्तेमाल करने वाले लोग कैंडिल मार्च निकाल रहे हैं.’

बता दें कि नीतीश कुमार ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे बाल एवं महिला शेल्टर होम की जांच करें. वहीं तीन सदस्यीय मेडिकल टीम आरोपी ब्रजेश ठाकुर की मेडिकल जांच के लिए शहीद खुदीराम बोस सेंट्रल जेल में गई थी जहां पर वो बंद है.

वहीं इस मामले में सुशील मोदी ने कहा, ‘जो नैतिकता की बात कर रहे हैं, जिनके घर में चारा घोटाले के दोषी बैठे हैं, जिस तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी को रेलवे टेंडर मामले समन किया जा चुका है वो दूसरों से इस्तीफा मांग रहे हैं.’

(समाचार एजेंसी पीटीआई की इनपुट के साथ)