आरक्षण की मांग को लेकर मराठा मोर्चा ने गुरुवार को एक बार फिर से महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया है. बंद के चलते मुंबई, ठाणे, पुणे में स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी कर दी गई है.
मुंबई: मराठा प्रदर्शनकारियों ने आरक्षण की मांग को लेकर गुरुवार को महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में सड़क यातायात बाधित कर दिया. अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने लातूर, जालना, सोलापुर और बुलढाणा जिलों में सड़कों पर बसों तथा अन्य वाहनों को रोक दिया.
मराठा समूह की एक संस्था सकल मराठा समाज ने नवी मुंबई को छोड़कर पूरे महाराष्ट्र में गुरुवार को ‘बंद’ बुलाया है. नवी मुंबई में समुदाय के प्रदर्शनों के दौरान पिछले महीने बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी.
सकल मराठा समाज के एक नेता अमोल जाधवराव ने बुधवार को कहा कि वे गुरुवार सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे. बहरहाल, एक अन्य मराठा समूह ने मुंबई उपनगर जिलाधीश के कार्यालय के बाहर धरने का आह्वान किया है.
प्रशासन ने हिंसा की आशंका से पुणे समेत कुछ शहरों में स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया है. हालांकि नवी मुंबई बंद की जद से बाहर है लेकिन एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमिटी (एपीएमसी) ने गुरुवार को बंद रखने का फैसला किया है.
एपीएमसी के अधिकारियों ने बताया कि मराठा समूहों ने आवश्यक सेवाओं को बंद के दायरे से बाहर रखा है लेकिन राज्य के कुछ हिस्सों में सब्जियों की आपूर्ति प्रभावित है. मुंबई के दादर इलाके में एक सब्जी विक्रेता ने कहा कि उन पर बंद का दबाव नहीं है लेकिन उन्होंने आरक्षण की मांग के समर्थन में स्वेच्छा से काम ना करने का फैसला किया है.
सतारा में गुरुवार को राज्य परिवहन की कोई बस नहीं चल रही है और सभी वाहन बस स्टैंड पर खड़े हैं. सतारा में सभी पेट्रोल पंप और सब्जी बाजार भी बंद हैं.
आरक्षण समर्थक प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को पुणे जिले में बाइक रैली निकालने का फैसला किया है. लातूर में आरक्षण समर्थक एक समूह ने आधी रात से सड़कों को बाधित कर दिया ओर वाहनों की आवाजाही प्रभावित की.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नासिक, बुलढाणा और सोलापुर जिलों में भी ऐसे ही प्रदर्शन हुए जहां प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार सुबह कुछ इलाकों में सड़कों को अवरुद्ध कर दिया.
ओस्मानाबाद और बुलढाणा जिलों में सरकारी परिवहन सेवाएं आंशिक तौर पर प्रभावित हैं ताकि किसी तरह की क्षति से बचा जा सके. प्रदर्शनकारियों ने पिछले महीने प्रदर्शन के दौरान कई बसों को निशाना बनाया था.
कोल्हापुर से शिवसेना विधायक प्रकाश आबिटकर ने बुधवार रात दावा किया कि उन्होंने मराठा समुदाय की आरक्षण की मांग को समर्थन देने के लिए गुरुवार मुंबई में विधान भवन परिसर में प्रदर्शन करने की विधानसभा अध्यक्ष से अनुमति मांगी है.
बहरहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि अनुमति मिली या नहीं. मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने आश्वासन दिया था कि उनकी सरकार सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में मराठाओं को आरक्षण देने पर काम कर रही है लेकिन इसके बावजूद बंद बुलाया गया. महाराष्ट्र पुलिस ने कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक़, महाराष्ट्र मुस्लिम एकता परिषद और जमात उलमा-ए-महाराष्ट्र जैसे मुस्लिम संगठनों ने महाराष्ट्र बंद को समर्थन दिया है.
मराठा क्रांति मोर्चा के संयोजक जाधवराव ने कहा, ‘बंद 8 बजे से शाम 6 बजे तक मनाया जाएगा. लेकिन हमने बंद से चिकित्सा, स्कूलों और कॉलेजों, दूध और सार्वजनिक परिवहन जैसे सभी आवश्यक सेवाओं को बाहर रखा है. हम दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को बंद रखने के लिए अनुरोध करेंगे और ऑटोरिक्शा और टैक्सियों से सड़कों से दूर रहने के लिए अनुरोध करेंगे.’
मराठा क्रांति मोर्चा के एक और नेता केदार सूर्यवंशी ने बताया कि उनकी प्रमुख मांगे हैं कि मराठा समुदाय के युवाओं पर 25 जुलाई हिंसा के जो मामले हैं, वो वापस हो जाने चाहिए. मुख्यमंत्री को आरक्षण का आश्वासन लिखित रूप में देना होगा और समयबद्ध होना चाहिए.
उन्होंने बताया कि ठाणे जिले में कोई बंद नहीं होना है वहां सिर्फ पिछले दो हफ़्तों में आरक्षण की मांग को लेकर आत्महत्या कर चुके युवकों के लिए श्रद्धांजलि सभा है. इसके अलावा ऑल इंडिया किसान सभा भी गुरुवार को चर्चगटे रेलवे स्टेशन से लेकर हुतात्मा चौक तक जेल भरो आंदोलन शाम पांच बजे करेंगे. भारतीय कामगार यूनियन के मुंबई महासचिव पीएम वर्तक ने बताया, ‘ये प्रदर्शन भाजपा सरकार के दलित विरोधी, आदिवासी विरोधी और मजदूर विरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन है.’
मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद संगठन में हुए दो फाड़
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा था कि नवंबर महीने की 15 तारीख तक मराठा समुदाय के 16 प्रतिशत आरक्षण की मांग का समाधान करेंगे, जिसके बाद मराठा क्रांति मोर्चा में भी दो फाड़ देखने को मिल रहा है.
मराठा क्रांति मोर्चा के एक गुट ने ऐलान किया है कि वे बांद्रा पूर्व स्थिति मुंबई उपनगर जिला अधिकारी के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करेंगे, लेकिन वे बंद नहीं करेंगे क्योंकि वे आम नागरिकों के लिए दिक्कत नहीं पैदा करना चाहते.
संगठन में विभाजन को लेकर संयोजक जाधवराव से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘हम विरोध नहीं करते क्योंकि वे भी समुदाय के मुद्दों के लिए लड़ रहे हैं. इसलिए, कुछ अन्य लोगों के साथ भाईखला, दादर, घाटकोपर, भंडूप और कंदिवली के मराठा प्रभुत्व वाले इलाकों में बंद किया जाएगा.’
मराठा क्रांति मोर्चा के एक अन्य संयोजक नानासाहेब कुटे ने कहा, ‘मतभेद के बावजूद भी हम लोग मुंबई उपनगर जिला अधिकारी के बांद्रा पूर्व के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करेंगे. जो प्रदर्शन में नहीं आ सकते वे विरोध में काली पट्टी बांध लें. मराठा क्रांति मोर्चा बिना प्रमुख का संगठन है और हर व्यक्ति संगठन का प्रमुख है. हो सकता है कुछ लोग किसी की बात से सहमत न हो.
महाराष्ट्र सरकार में वरिष्ठ मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने बुधवार को कहा कि 15 नवंबर तक मराठा आरक्षण की मांगों के बारे में कुछ नहीं किया जा सकता.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)