राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के विधानसभा क्षेत्र झालावाड़ में भाजपा कार्यकर्ताओं ने 9 अगस्त को ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की तर्ज पर ‘वसुंधरा झालावाड़ छोड़ो’ आंदोलन चलाया. लगभग 1000 कार्यकर्ताओं ने 500 मोटरसाइकल पर सवार होकर रैली निकाली और नारे लगाए.
जयपुर: राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक आते- आते राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को अपने पार्टी के ही कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. भाजपा कार्यकर्ता प्रमोद शर्मा की अगुवाई में नौ अगस्त को ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की वर्षगांठ के मौके पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने एक बाइक रैली निकाली थी.
इस रैली में कार्यकर्ताओं ने हाथों में जो तख्तियां थाम रखी थीं उन पर ‘वसुंधरा वापस जाओ’ और ‘वसुंधरा झालावाड़ छोड़ो’ के नारे लिखे थे.
रैली में 1000 से ज्यादा कार्यकर्ता लगभग 500 मोटरसाइकिल पर सवार थे. रैली झालावाड़ और पड़ोसी क्षेत्र झालरापाटन शहरों के बाज़ार वाले क्षेत्र से होते हुए गुजरी थी जो कि वसुंधरा राजे का निर्वाचन क्षेत्र है.
आयोजनकर्ताओं ने बताया कि वे झालावार में विकास कार्य न होने और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.
पिछले 20 साल से भाजपा के कार्यकर्ता प्रमोद शर्मा ने बताया, ‘हमने ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की तर्ज पर ‘वसुंधरा झालावाड़ छोड़ो’ नाम से आंदोलन शुरु किया है. क्योंकि, पिछले 30 सालों से वसुंधरा राजे के विधानसभा क्षेत्र की जनता भ्रष्टाचार और क्षेत्र का विकास न होने से तंग आ चुकी है.
शर्मा ने कहा, ‘वसुंधरा पांच बार झालावाड़ क्षेत्र से सांसद और तीन बार विधायक चुनी गईं हैं और दूसरी बार मुख्यमंत्री का कार्यकाल खत्म करने वाली हैं, लेकिन उन्होंने यहां की आम जनता के लिए कुछ भी नहीं किया.’
प्रमोद शर्मा ने कहा कि वसुंधरा राजे ने सच्चे कार्यकर्ताओं को खत्म करके निजी हित वालों को पार्टी में जगह दी जिसकी वजह से इस क्षेत्र में पार्टी इकाई पूरी तरह से खत्म हो गई है.
वसुंधरा झालावाड़ छोड़ो आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ता ललित वैश्नव का कहना है कि कार्यकर्ता हमारी मांगों को आम जनता तक पहुंचा रहे हैं और उन्हें मना रहे हैं कि आने वाले चुनावों में वे वसुंधरा के खिलाफ वोट करें.
हालांकि, पूरे मामले में वसुंधरा राजे पर लगे आरोपों को झालावाड़ भाजपा जिलाध्यक्ष ने खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि राजे के मुख्यमंत्री रहते झालावाड़ में काफी विकास हुआ है.
हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि रैली भाजपा विधायक घनश्याम तिवाड़ी के समर्थकों द्वारा निकाली गई थी. बता दें कि घनश्याम तिवाड़ी राज्य के वरिष्ठ भाजपा नेता हैं जो वसुंधरा राजे के सत्ता में आने के समय से ही उनकी सरकार का विरोध कर रहे हैं.
(समाचार एजेंसी पीटीआई से इनपुट के साथ)