मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर 19 फरवरी की देर रात एक बैठक के दौरान उन पर हमला किया गया.
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में मामले की अंतिम रिपोर्ट दायर की गई. अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी.
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने गत फरवरी में दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर कथित हमले के सिलसिले में सोमवार को अदालत में आरोप-पत्र दाख़िल किया और इसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आरोपी के रूप में नामज़द किया गया है.
आरोप-पत्र में जिन अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है उसमें आप के 11 विधायक अमानतुल्लाह ख़ान, प्रकाश जारवाल, नितिन त्यागी, रितुराज गोविंद, संजीव झा, अजय दत्त, राजेश ऋषि, राजेश गुप्ता, मदन लाल, प्रवीण कुमार और दिनेश मोहनिया शामिल हैं.
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के समक्ष अंतिम रिपोर्ट दायर की गई जिन्होंने मामले पर सुनवाई की तारीख 25 अगस्त निर्धारित की.
भारतीय दंड संहिता की धारा 186 (लोक सेवक के लोक कृत्यों के निर्वहन में बाधा डालना), धारा 323 (जान-बूझकर किसी को चोट पहुंचाना), धारा 332 (लोक सेवक को अपने कर्तव्य का पालन करने को लेकर चोट पहुंचाना), धारा 342 (ग़लत तरीके से क़ैद करने के लिए दंड), धारा 353 (लोक सेवक को अपने कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए आपराधिक बल का प्रयोग), धारा 504 (शांति भंग करने के इरादे से जान-बूझकर अपमान करना), धारा 120B (आपराधिक षड्यंत्र), धारा 109 (अपराध के लिए उकसाने के लिए दंड, यदि वह कार्य उसके परिणामस्वरूप किया जाए), धारा 114 (अपराध किए जाते समय उकसाने वाले की उपस्थिति), धारा 149 (ग़ैरक़ानूनी तरीके से जमा समूह), धारा 34 (अपराध के लिए साझा साज़िश), धारा 36, धारा 506(ii) के तहत चार्जशीट दाख़िल की गई है.
दिल्ली पुलिस ने प्रकाश पर कथित हमले के सिलसिले में 18 मई को केजरीवाल से तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी.
मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल के सरकारी आवास पर 19 और 20 फरवरी की दरमियानी रात में एक बैठक के दौरान उन पर हमला किया गया. पुलिस ने कहा कि जिस समय कथित हमला हुआ उस समय मुख्यमंत्री उपस्थित थे.
पुलिस ने बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के आवास पर मौजूद आप के 11 विधायकों और मुख्यमंत्री के पूर्व सलाहकार वीके जैन से भी पूछताछ की थी. ये सभी लोग उस समय मुख्यमंत्री आवास पर मौजूद थे. इस सिलसिले में पार्टी के दो विधायकों अमानतुल्ला ख़ान और प्रकाश जारवाल को गिरफ़्तार भी किया गया था.
मुख्य सचिव पर कथित हमले के कारण दिल्ली सरकार और इसके नौकरशाहों के बीच टकराव पैदा हो गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)