नागपुर ज़िले की नरखेड तहसील के 11 किसानों ने पुलिस में शिकायत की है कि उनमें से हरेक को 40 से 50 लाख रुपये ऋण नहीं चुकाने का एक सरकारी बैंक ने नोटिस दिया है जबकि उन्होंने कोई ऋण नहीं लिया है.
नागपुर: महाराष्ट्र में किसानों के एक समूह में प्रत्येक को करीब 40 से 50 लाख रुपये की ऋण वसूली के लिए बैंक से नोटिस जारी किया गया है लेकिन इस बारे में इन किसानों का दावा है कि उन्होंने बैंक से कोई ऋण नहीं लिया है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
एक पुलिस अधिकारी ने सोमवार को बताया कि नागपुर जिले के नरखेड तहसील के सिंजर गांव के किसानों से प्राप्त शिकायतों के बारे में नागपुर ग्रामीण पुलिस की अपराध शाखा ने जांच शुरू की है.
पुलिस के मुताबिक, 11 किसानों ने जलालखेड़ा पुलिस स्टेशन में शिकायत दायर की है जिसमें उनका कहना है कि उनमें से हरेक को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक से 40 लाख से 50 लाख रुपये ऋण नहीं चुकाए जाने को लेकर नोटिस मिला है.
हालांकि, किसानों ने दावा किया कि उन्होंने बैंक से कोई ऋण नहीं लिया है.
इन किसानों में से एक, प्रकाश गायकवाड़ ने बताया कि करीब 10 दिन पहले, उनके परिवार को बैंक से नोटिस मिला कि लगभग 50 लाख रुपये के ऋण के एवज में मासिक किस्त का भुगतान नहीं किया गया है.
गायकवाड़ और दूसरे किसानों को एक व्यक्ति पर शक है जिसने उनसे सरकारी योजना में पंजाकरण कराने के नाम पर दस्तावेज लिए थे. ग्रामीणों को लगता है कि हो सकता है उसी ने दस्तावेजों का दुरुपयोग किया हो और जाली हस्ताक्षर के माध्यम से बैंक से उनके नाम पर खेती ऋण ले लिया हो.
उक्त व्यक्ति की पहचान नहीं हो पाई है.
पुलिस निरीक्षक जीआर टम्टे ने 11 किसानों से शिकायतें प्राप्त होने की पुष्टि की है. उन्होंने कहा, ‘इस मुद्दे की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए विभाग ने स्थानीय अपराध शाखा से मामले की जांच करने को कहा है.’
नागपुर ग्रामीण अपराध शाखा के निरीक्षक संजय पुरनदरे ने कहा कि सिंजर गांव के किसानों से मिली शिकायत पर हमने जांच शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि बैंक से ऋण लेने की पूरी प्रक्रिया की वे जांच करेंगे. जांच के दौरान बैंक से सभी जरूरी सूचना मांगी जाएंगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)