गुरुवार सुबह एम्स ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हालात नाज़ुक बने रहने का बुलेटिन जारी किया. एम्स और पूर्व प्रधानमंत्री के आवास के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम. धारा 144 लागू. पिछले 11 जून को मूत्र नली में संक्रमण के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती पूर्व प्रधानमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी बाजपेयी की हालत बेहद नाज़ुक है.
वाजपेयी को मूत्रनली में संक्रमण, गुर्दा (किडनी) नली में संक्रमण, छाती में जकड़न आदि की शिकायत के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था. मधुमेह से पीड़ित 93 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री का सिर्फ एक ही गुर्दा काम करता है.
सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि निमोनिया के कारण उनके दोनों फेफड़े सही से काम नहीं कर रहे हैं और दोनों किडनी भी कमज़ोर हो गई हैं. उनकी हालत नाज़ुक है.
बीते 15 अगस्त को एम्स की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन में कहा गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी बीते नौ हफ्तों से एम्स में भर्ती हैं. उनकी हालत स्थिर थी लेकिन पिछले 24 घंटों में उनकी हालत और बिगड़ गई है. उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है.
गुरुवार सुबह भी एम्स की ओर से एक मेडिकल बुलेटिन जारी कर बताया गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत नाज़ुक बनी हुई है.
Former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee's condition continues to remain the same. He is critical and on life support systems: AIIMS statement pic.twitter.com/OJKHHcTDSn
— ANI (@ANI) August 16, 2018
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त की शाम करीब सवा सात बजे वाजपेयी का हालचाल जानने के लिए एम्स गए थे. वह करीब 50 मिनट तक अस्पताल में रुके. उनके अलावा तमाम नेता पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को देखने अस्पताल पहुंच रहे हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री की भतीजी कांति मिश्रा ने कहा, ‘मैं भगवान से प्रार्थना कर रही हूं कि एक बार मैं उन्हें फिर से भाषण देते हुए देख पाऊं… हमारा परिवार उनकी वह छवि कभी अपने दिमाग से निकाल नहीं पाएगा… मैं चाहती हूं कि वह जल्द ही स्वस्थ हो जाएं.’
I have been praying to god that just once I can see him give a speech again. Our family can never ever erase that image of his from our minds. I hope he gets well soon: Kanti Mishra, Niece of #AtalBihariVaajpayee pic.twitter.com/vxhz7ur1fZ
— ANI (@ANI) August 16, 2018
फिलहाल पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सभी रिश्तेदारों को एम्स बुला लिया गया है. इस बीच आज गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर एम्स पहुंच चुके हैं. पिछले करीब 24 घंटे में मोदी दूसरी बार एम्स गए हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी में गुरुवार को एम्स पहुंचे.
गुरुवार को उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू एम्स में भर्ती पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का हालचाल जानने के लिए अस्पताल पहुंचे.
इसके अलावा रेल मंत्री पीयूष गोयल और भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी भी वाजपेयी का कुशलक्षेम जानने अस्पताल पहुंचे थे. 15 अगस्त की रात में केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु, जितेंद्र सिंह, हर्षवर्द्धन और शाहनवाज हुसैन सहित कई नेता और मंत्री अस्तपाल गए थे.
इससे पहले केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी भी वाजपेयी का हाल जानने अस्पताल गई थीं.
इसके अलावा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, उनकी बेटी प्रतिभा आडवाणी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह उन्हें देखने अस्पताल गए थे.
तमाम नेता उनका कुशलक्षेम जानने एम्स पहुंचे
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हालत आज लगातार दूसरे दिन भी बेहद नाजुक बनी हुई है और देशभर से तमाम नेता उनका कुशलक्षेम जानने के लिए एम्स पहुंच रहे हैं.
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्रियों सुषमा स्वराज और राजनाथ सिंह के एम्स पहुंचने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी के 93 वर्षीय नेता के स्वास्थ्य को लेकर अटकलें तेज़ हो गई हैं.
1990 के दशक में वाजपेयी सरकार के दौरान उनका बखूबी साथ देने वाले साथ लाल कृष्ण आडवाणी भी अस्पताल पहुंचे.
राजस्थान और मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों की सरकारों ने अपने कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं.
16 अगस्त को एम्स पहुंचने वालों में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, राधा मोहन सिंह और जेपी नड्डा भी शामिल हैं. इनके अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला, अनुप्रिया पटेल और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी एम्स पहुंचे.
16 अगस्त को ही केजरीवाल का जन्मदिन है और वह 50 साल के हो रहे हैं. वाजपेयी के बिगड़ते स्वास्थ्य के मद्देनज़र मुख्यमंत्री ने आप कार्यकर्ताओं से जन्मदिन का जश्न नहीं मनाने का अनुरोध किया है.
केजरीवाल ने ट्वीट किया है, ‘अटलजी के स्वास्थ्य के बारे में सुनकर दुख हुआ. मैं ईश्वर से उनके जल्दी स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.’
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नागेंद्र शर्मा ने कहा कि केजरीवाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं से जन्मदिन का जश्न नहीं मनाने और इस अवसर पर उनके आवास पर आने से बचने का अनुरोध किया है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह दिल्ली पहुंच गए हैं.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल सहित अन्य मुख्यमंत्रियों के भी दिल्ली पहुंचने की संभावना है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज दोपहर दिल्ली के लिए रवाना हो गए. वाजपेयी के नेतृत्व वाली केंद्र की राजग सरकार में मंत्री रहे नीतीश ने दिल्ली के लिए रवाना होने के पूर्व एक संदेश जारी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की स्वास्थ्य की स्थिति अत्यंत नाज़ुक होने की सूचना मिल रही है. हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनके स्वास्थ्य में सुधार हो.
उन्होंने कहा कि मुझे व्यक्तिगत रूप से हमेशा अटल जी का विशेष स्नेह एवं मार्गदर्शन प्राप्त होता रहा है. उनसे सार्वजनिक जीवन की बारिकियों को समझने का मौका मिला. वह मेरे लिए अभिभावक समान हैं. मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं.
आजीवन अविवाहित रहे वाजपेयी के कुछ रिश्तेदार भी ग्वालियर से दिल्ली पहुंच चुके हैं.
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक एम्स में भर्ती पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत जानने के लिए दिल्ली रवाना हुए.
पटनायक ने दिल्ली रवाना होने से पहले संवाददाताओं से कहा, ‘वाजपेयीजी बहुत ही अस्वस्थ हैं. मैं दिल्ली जा रहा हूं. आप याद कर सकते हैं कि मैं उनकी सरकार में दो साल तक कैबिनेट मंत्री रहा. उनके ख़राब स्वास्थ्य की ख़बर बहुत दुखद है.’
वाजपेयी के साथ काम करने के उनके अनुभव के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘वाजपेयी एक महान नेता हैं और उनके साथ करना सदैव एक अच्छा अनुभव था.’
पटनायक मार्च, 1998 से मार्च 2000 तक वाजपेयी सरकार में केंद्रीय इस्पात एवं खान मंत्री रहे थे. उसके बाद वह ओड़िशा के मुख्यमंत्री बने.
सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम, धारा 144 लागू
इस बीच गुरुवार को एम्स के आसपास सुरक्षा इंतज़ाम पुख़्ता कर दिए गए हैं और धारा 144 भी लागू कर दी गई है. इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री के नई दिल्ली के कृष्णा मेनन मार्ग स्थित आवास के आसपास भी धारा 144 लागू कर दी गई है. अटल बिहारी वाजपेयी के घर नेताओं का जुटना शुरू हो गया है.
वाजपेयी के स्वास्थ्य के बारे में ताजी जानकारी प्राप्त करने के लिए अस्पताल के बाहर भारी संख्या में मीडियाकर्मी और अन्य लोग मौजूद हैं जिसके कारण सड़क पर यातायात प्रभावित हो रही है.
अस्पताल के बाहर भीड़ और यातायात प्रबंधन के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.
फिल्मकार मुज़फ़्फ़र अली ने कहा, ‘मैं उनके लिए प्रार्थना कर रहा हूं. अटल बिहारी वाजपेयी की मौजूदगी हमारे लोकतंत्र के लिए महान शक्ति की तरह है. हालांकि मैंने उनका विरोध किया था, लेकिन अपने पूरे व्यवहार में वे बहुत शालीन रहे. वह बहुत उदार हैं और स्पष्टवादी हैं.’
My prayers are with him, his presence is a great power to our democracy, He is a large-hearted person. Even if I opposed him, he was very dignified about it which speaks volume. He is very generous & very forthcoming: Muzaffar Ali, filmmaker #AtalBihariVajpayee pic.twitter.com/yBF46vJK6F
— ANI (@ANI) August 16, 2018
वाजपेयी साल 2009 से बीमार हैं. वर्ष 2009 में उन्हें आघात आया था, जिसके बाद उन्हें लोगों को पहचानने की दिक्कत होने लगी थी. बाद में उन्हें डिमेंशिया हो गया. अब तक उनका इलाज उनके घर पर ही किया जाता था, लेकिन तबियत बिगड़ने पर उन्हें 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था.
जनसंघ की स्थापना में अहम भूमिका निभाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार प्रधानमंत्री के तौर पर देश का नेतृत्व कर चुके हैं. पहली बार साल 1996 में 16 मई से एक जून तक वह प्रधानमंत्री पद पर आसीन हुए थे.
इसके बाद 1998 में 19 मार्च से 26 अप्रैल 1999 तक प्रधानमंत्री रहे और फिर 1999 में 13 अक्टूबर से 22 मई 2004 तक देश के प्रधानमंत्री रहे.
कुशल राजनीतिज्ञ होने के अलावा वह हिंदी के प्रखर कवि, वक्ता और पत्रकार भी रहे हैं. वह 1968 से 1973 तक जनसंघ के अध्यक्ष रहे थे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्पित प्रचारक रहे वाजपेयी आजीवन अविवाहित रहे.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने के लिए राष्ट्रीय राजधानी के लिए रवाना हुईं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है, ‘मैंने आज के अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं. मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला था. वह एक कुशल राजनीतिज्ञ हैं. जब उनकी सरकार गिर रही थी तो हमने उनका समर्थन किया था. उनके काम करने का ढंग आज की राजनीति की तरह नहीं बल्कि एकदम अलग था.’
I have cancelled my work to visit #AtalBihariVajpayee today. I got chance to work with him. He is a statesman like figure. We supported him when his govt was falling. His pattern of work was different & not like present politics: Mamata Banerjee, West Bengal CM pic.twitter.com/CmdFV0aJ0V
— ANI (@ANI) August 16, 2018
बनर्जी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग सरकार में एक कैबिनेट मंत्री थीं और वह अक्तूबर 1999 से मार्च 2001 तक रेल मंत्री और इसके बाद उन्होंने जनवरी से मई 2004 तक खान मंत्रालय का पदभार संभाला था.
इस बीच वह मार्च 2001 से जनवरी 2004 तक बिना विभाग की मंत्री रही थीं.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘वह हमारे आदर्श हैं. उनकी मौजूदगी भर से हमें प्रेरणा और उत्साह मिलता है. हमने उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना कर रहे हैं. अटल जी की तरह कोई दूसरा नहीं हो सकता है. उनके लिए प्रचार करना मेरे लिए गर्व की बात थी.’
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा, ‘अटल जी के ख़राब स्वास्थ्य की ख़बर सुनकर दुखी हूं. उनके स्वास्थ्य के लिए कामना कर रहा हूं.’
अपने प्रिय पूर्व सांसद के लिए उत्तर प्रदेश में चल रहा है प्रार्थनाओं का दौर
लखनऊ: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के लिए उनकी कर्मभूमि उत्तर प्रदेश की लखनऊ में प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया गया.
शहर के पूर्व सांसद की ख़राब सेहत के बारे में ख़बर आग की तरह फैली और मंदिरों, मदरसों में दुआओं का सिलसिला शुरू हो गया. वाजपेयी के समर्थक उनकी लंबी ज़िंदगी के लिए मंदिरों में हवन और प्रार्थना करने लगे.
केवल आम जनता ही नहीं बल्कि विपक्षी समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर वाजपेयी के शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना की.
वाजपेयी के लंबे समय तक साथी रहे और उनके प्रतिनिधि रहे वरिष्ठ भाजपा नेता पूर्व सांसद लाल जी टंडन ने बताया, ‘देश के लाखों लोगों की तरह, मैं भी अटलजी के लिए प्रार्थना कर रहा हूं. मैं भगवान से उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना कर रहा हूं.’
शहर के दक्षिणामुखी हनुमान मंदिर, भाजपा कार्यालय और कई स्कूलों और मदरसों में विशेष प्रार्थना की जा रही है.
उत्तर प्रदश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जो गोरखपुर में थे वह वहां से लखनऊ आए और फिर अटल जी को देखने दिल्ली रवाना हो गए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)