आठ अगस्त से जारी बारिश के बाद आई बाढ़ से केरल के सभी 14 ज़िले बुरी तरह प्रभावित. लोग सोशल मीडिया पर मदद के लिए लगा रहे गुहार. एनडीआरएफ की 12 और टीमें बचाव कार्य के लिए भेजी गईं. उच्चतम न्यायालय ने हालात को गंभीर बताया.
तिरुवनंतपुरम/कोच्चि/नई दिल्ली: केरल के पलक्कड़ ज़िले में गुरुवार सुबह बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन में आठ लोगों की मौत हो गई. राज्य में मूसलाधार बारिश लगातार जारी है, ऐसे में बचाव एवं राहत कार्य में तेज़ी लाने के लिए सेना के अतिरिक्त बलों को भेजा गया है.
आठ अगस्त के बाद से बारिश के प्रकोप से मरने वालों का आंकड़ा 75 पर पहुंच गया. सूत्रों ने बताया कि त्रिशूर ज़िले से भूस्खलन की खबर आई है और इसमें कुछ लोगों के लापता होने की ख़बर है.
केरल के सभी 14 ज़िले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं. 14 में से 12 में रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है.
दूरदराज़ की इमारतों और ऊंचे फ्लैटों में फंसे लोग सोशल मीडिया के ज़रिये मदद मांग रहे हैं. 16 अगस्त की सुबह बाढ़ के हालात और बिगड़ जाने के बाद विभिन्न अस्पतालों में भर्ती मरीज़ों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया.
Horrible visuals of landslide in Kottiyoor, Kannur district. This visuals will make us aware how drastic the situation in Kerala is. Hope the man who shot this video is safe. #KeralaFloods @dhanyarajendran @legaljournalist @varier_megha @jamewils pic.twitter.com/gTzQ3WCXVE
— M.Unnikrishnan (@unnis_m) August 16, 2018
बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित पथनमथिट्टा ज़िले में स्थित एक ईसाई धार्मिक संस्थान में फंसे करीब 20 लोगों को वायु सेना के हेलिकॉप्टर की मदद से तिरुवनंतपुरम लाया गया.
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने यहां संवाददाताओं को बताया कि उत्तरी पलक्कड़ के नेनमारा में हुए भूस्खलन में आठ लोगों की मौत हो गई.
विजयन ने कहा कि राज्य में हालात बहुत अधिक गंभीर हैं. उन्होंने सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह से बात की और राहत कार्य में केंद्र से और सहायता देने का अनुरोध किया.
उन्होंने कहा, ‘राज्य में इस तरह के हालात पहले कभी नहीं बने. ऐसे इलाके जहां पहले कभी भी बाढ़ नहीं आई, वह डूबे हुए हैं.’
राज्य की राजधानी से रेल सेवाएं फिलहाल निलंबित हैं, कोच्चि मेट्रो का परिचालन भी बंद है.
ट्रेन सेवाएं बाधित हैं और सड़क परिवहन सेवाएं भी अस्तव्यस्त हैं. जगह-जगह सड़कें पानी में डूब गई हैं. उत्तर में कासरगोड से लेकर दक्षिण में तिरुवनंतपुरम तक सभी नदियां उफान पर है और मुल्लपेरियार सहित कई बांधों का फाटक खोल दिया है.
अधिकारियों के अनुसार कसारगोड को छोड़कर बाकी सभी ज़िलों में शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टी की घोषणा कर दी गई है. कॉलेजों और महाविद्यालयों ने परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं.
राज्य के विभिन्न हिस्सों में विद्युत आपूर्ति, संचार प्रणाली, पेयजल आपूर्ति बाधित है. अतिरप्पली, पोनमुढी और मन्नार समेत कई बड़े पर्यटन केंद्र बंद कर दिए गए हैं जहां ओणम उत्सव के मौके पर बड़ी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने की उम्मीद होती है.
कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे ने शनिवार तक के लिए सभी उड़ानें रद्द करने की 15 अगस्त की शाम घोषणा की थी क्योंकि हवाई अड्डा क्षेत्र में पानी प्रवेश कर गया था.
विजयन ने बताया कि केरल राज्य बिजली बोर्ड के 58 बांध और केरल जल प्राधिकरण के 22 बांध अधिकतम क्षमता तक पहुंच चुके हैं, पहले ऐसा कभी नहीं हुआ.
पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) की एक विज्ञप्ति में बताया गया कि प्रधानमंत्री के निर्देश पर मंत्रिमंडल सचिव की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक हुई. इसके अलावा सेना, नौसेना, वायुसेना, तटरक्षक बल और एनडीआरएफ से अतिरिक्त मानव संसाधन, नौकाओं और हेलिकॉप्टर को लगाने को कहा गया है ताकि राहत एवं बचाव कार्य में तेज़ी लाई जा सके.
Entire building in landslide #KeralaFloods pic.twitter.com/ruhi07e5Vt
— Muhammed Ashref (@ashref_c) August 16, 2018
सूत्रों ने बताया कि 1.5 लाख से ज़्यादा लोगों को 1,067 राहत शिविरों में भेजा गया है. सेना की एक टुकड़ी 15 अगस्त की शाम रन्नी, कोझहेनचरी और अरनमुला में राहत एवं बचाव कार्य के लिए राज्य की राजधानी पहुंच गई है.
रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि मध्य और दक्षिणी केरल में हज़ारों की संख्या में लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं और वह नौसेना से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
बारिश के चलते पेरियार नदी में बाढ़ का पानी बढ़ने और मुल्लापेरियार सहित सभी बड़े बांधों का फाटक खोले जाने से निचले इलाकों में रहने वाले लोग प्रभावित हुए हैं.
कोच्चि हवाई अड्डा 18 अगस्त तक के लिए बंद
कोच्चि हवाई अड्डा पर 18 अगस्त तक विमानों का परिचालन बंद कर दिया गया है और आने-जाने वाले सभी उड़ानों को तिरुवनंतपुरम या कालीकट स्थानांतरित कर दिया. नागर विमान मंत्रालय ने उड़ानों को मुंबई या अन्य स्थानों पर भेजने के बजाय केरल के अन्य हवाई अड्डों का इस्तेमाल करने का राज्य का अनुरोध मान लिया है.
इंडिगो, एयर इंडिया और स्पाइस जेट ने कोच्चि हवाई अड्डा से अपना परिचालन बंद करने की घोषणा की है.
कोच्चि हवाई अड्डा के एक प्रवक्ता ने बताया कि बढ़ते हुए जलस्तर को देखते हुए शनिवार दोपहर दो बजे तक अस्थायी रूप से, कोच्चि हवाई अड्डे पर विमानों का परिचालन बंद कर दिया गया है.
प्रवक्ता ने बताया, ‘हम बाढ़ का पानी निकालने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. सभी से सहयोग करने का अनुरोध करते हैं.’
कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (सीआईएल) ने एहतियाती उपाय के तहत पहले आज सुबह चार बजे से सात बजे तक हवाईअड्डे पर विमानों का परिचालन बंद करने का निर्णय लिया था लेकिन बाद में दोपहर दो बजे तक हवाई अड्डा बंद रखने का निर्णय भी लिया गया था.
बाढ़ प्रभावित केरल में दक्षिण रेलवे और कोच्चि मेट्रो ने परिचालन बंद किया
बाढ़ के कारण दक्षिण रेलवे और कोच्चि मेट्रो ने गुरुवार को अपना परिचालन निलंबित कर दिया जिससे मध्य केरल के कई हिस्सों में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली चरमरा गई.
लगातार हो रही बारिश के कारण पेरियार नदी में जलस्तर बढ़ गया है और मुल्लापेरियार, चेरुतोनी, इडुक्की जलाशय और इदामालयार सहित सभी प्रमुख बांधों के सभी फाटक खोल दिए गए हैं. इसके कारण निचले इलाकों में रहने वाले लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है.
बाढ़ से कोच्चि शहर में परिवहन व्यवस्था प्रभावित हुई है.
दक्षिण रेलवे के एक प्रवक्ता ने गुरुवार तड़के एक बयान में कहा, ‘अंगमाली और अलुवा के बीच डाउनलाइन पर पुल नंबर 176 पर जलस्तर बढ़ने के कारण इस पुल पर सेवा बंद कर दी गयी है.’
कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड (केएमआरएल) ने अलुवा के निकट मट्टम में अपने यार्ड के बाढ़ के पानी में डूबे जाने के बाद गुरुवार सुबह अपना परिचालन बंद कर दिया.
केएमआरएल ने एक बयान में बताया, ‘मट्टम यार्ड क्षेत्र में जलस्तर बढ़ने के कारण कोच्चि मेट्रो ट्रेन सेवा बंद कर दी गई है.’
प्रवक्ता ने बताया कि एक बार जलस्तर कम होने और प्रणाली के अच्छी स्थिति में आने के बाद सेवा फिर से शुरू हो जाएगी.
अधिकारियों ने बताया कि कमलसेरी इलाके में शहर को जोड़ने व वाली राष्ट्रीय राजमार्ग के डूब जाने के कारण कोच्चि में बस सेवा भी प्रभावित हुई है.
बाढ़ में फंसे लोगों ने सोशल मीडिया के ज़रिये मदद की गुहार लगाई
बारिश से तबाह हुए केरल में जहां कई जगहों पर सड़कों का नामोंनिशान नहीं है या यूं कहें सड़कें ‘नदियां’ बन गई हैं, ऐसी जगहों पर ऊंचे-ऊंचे फ्लैट में फंसे परिवार, हॉस्टलों में फंसे छात्र और गिरिजाघरों में फंसे श्रद्धालु सोशल मीडिया के जरिये मदद की गुहार लगा रहे हैं अपने-अपने स्थान के बारे में सूचना दे रहे हैं.
लोग हाथ जोड़कर मदद की याचना करते हुए वीडियो पोस्ट कर रहे हैं और बीती रात से वॉट्सऐप ग्रुप पर सैकड़ों लोग इसे शेयर भी कर चुके हैं.
घबराये हुए रिश्तेदार विभिन्न स्थानों पर फंसे अपने प्रियजनों की जगह के बारे में गूगल मैप की मदद से जानकारी दे रहे हैं.
विभिन्न क्षेत्रीय चैनल अपने-अपने समाचार बुलेटिन में अपने नंबर प्रकाशित कर रहे हैं तथा अपने स्थान की विस्तृत जानकारी दे रहे हैं ताकि फंसे हुए लोग उनसे संपर्क कर सकें और ये जानकारी वे अधिकारियों तक पहुंचा सकें.
रन्नी से एक व्यक्ति का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. इस वीडियो में व्यक्ति गुहार लगाते हुए कह रहा है, ‘हमलोग घर की दूसरी मंज़िल पर हैं… पहली मंज़िल लगभग डूब चुकी है… मोबाइल फोन की भी बैटरी ख़त्म होने वाली है… कृपया हमें बचाए.’
उन्होंने कहा, ‘हमारे साथ छोटे-छोटे मवेशी भी हैं और बुजुर्ग भी… पानी दूसरी मंज़िल को भी छूने वाला है.’
एक एनआरआई महिला को भी एक टीवी चैनल पर मदद की गुहार लगाते सुना गया. उसने अपील करते हुए कहा कि उसके रिश्तेदार पथनमथिट्टा ज़िले में एक घर में फंसे हैं. बीती शाम वहां भारी बारिश हुई थी.
कोच्चि के पास अथानी में दो माह के बच्चे के साथ एक घर में फंसे परिवार ने वॉट्सऐप के जरिये मदद मांगी.
कोझनचेरी में एक निजी अस्पताल का पहला तल पानी में डूब चुका है. अस्पताल के मरीज़ों ने भी मदद की अपील की है.
एनडीआरएफ की 12 और टीमें केरल भेजी गईं
केंद्र ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 12 नई टीमों को गुरुवार सुबह बारिश और बाढ़ से प्रभावित केरल राज्य भेजा है. एनडीआरएफ के एक प्रवक्ता ने बताया कि दिल्ली और गांधीनगर (गुजरात) से छह-छह टीमों को गुरुवार को विमान के ज़रिये तिरूवनंतपुरम पहुंचाया गया.
संघीय आपदा आपात बल की चार टीमों को बीते 15 अगस्त को केरल भेजा गया है और इसके साथ ही राज्य में एनडीआरएफ की कुल 18 टीम हो गई हैं.
प्रवक्ता ने बताया कि इडुक्की, एर्नाकुलम, पलक्कड, अलप्पुझा, कोझीकोड, वायनाड, त्रिशूर और पथनमथिट्टा के बाढ़ प्रभावित इलाकों में टीमों को तैनात किया गया है.
एनडीआरएफ की एक टीम में करीब 45 सदस्य होते हैं.
उन्होंने बताया कि बारिश एवं बाढ़ के कारण बुरी तरह प्रभावित राज्य में अब तक एनडीआरएफ की टीमों ने सात लोगों को बचाया है और 685 लोगों को बाहर निकाला है.
केरल में बाढ़ की स्थिति गंभीर: उच्चतम न्यायालय
उच्चतम न्यायालय ने केरल में बाढ़ की स्थिति को गुरुवार को गंभीर बताया. साथ ही शीर्ष न्यायालय मुल्लापेरियार बांध में जलस्तर 142 फुट पार कर जाने के मुद्दे पर केरल एवं तमिलनाडु सरकारों के बीच केंद्र की मध्यस्थता की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है.
On this India Independence Day, praying for my parents hometown of Kerala that’s struggling so much rn! #StandWithKerala #KeralaFloods pic.twitter.com/ZzL9FEnFND
— nissi thomas (@chikoo_27) August 15, 2018
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और जस्टिस इंदु मल्होत्रा की सदस्यता वाली एक पीठ ने एक वकील की दलील पर विचार किया और वे याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करने के लिए राज़ी हो गए.
बाढ़ के मद्देनज़र याचिका के ज़रिये आपदा प्रबंधन के क़दमों, केरल में 33 बांधों के फाटक खोले जाने, मुल्लापेरियार बांध में जलस्तर 142 फुट को पार कर जाने पर केरल और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों के बीच भ्रम की स्थिति होने को लेकर एक फैसला करने का अनुरोध किया गया है.
बड़े पैमाने पर चलाए जा रहे हैं राहत व बचाव अभियान
केंद्र सरकार ने बाढ़ प्रभावित राज्य केरल में गुरुवार को बड़े पैमाने पर राहत और बचाव अभियानों को शुरू किया है, जिनमें तीनों सेना और कई अन्य एजेंसियां शामिल हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के बाद कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक की गई.
गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि थलसेना, नौसेना, वायुसेना के अलावा तटरक्षक बल और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल से मैनपावर, नौकाएं और हेलीकॉप्टरों की सहायता से राहत और बचाव अभियान चलाने के लिए कहा गया है.
केरल में बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित 14 ज़िलों के लोगों के बीच वितरित करने के लिए खाद्य सामग्रियों के पैकेटों और पेयजल को केरल भेजा जा रहा है, जबकि इन अभियानों में स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीमों को भी भेजा गया है.
प्रवक्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री के आदेश के बाद इस दक्षिणी राज्य में बाढ़ की स्थिति का जायज़ा लेने और वहां चलाए जा रहे राहत और बचाव अभियानों की समीक्षा करने के लिए कैबिनेट सचिव ने एक उच्चस्तरीय बैठक की.
बैठक में गृह सचिव राजीव गौबा, रक्षा मंत्रालय, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और एनडीआरएफ के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया.
बैठक में फैसला किया गया कि बढ़ते जलस्तर और तेज़ प्रवाह को देखते हुए केरल के मुल्लापेरियार बांध की निगरानी केंद्रीय जल आयोग करेगा.
प्रधानमंत्री ने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से गुरुवार सुबह बात की और बाढ़ की स्थिति पर उनके साथ चर्चा की. मोदी ने 15 अगस्त को भी विजयन से बात की थी.
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी गुरुवार सुबह केरल के मुख्यमंत्री से फोन पर मौजूदा स्थिति पर चर्चा की. सिंह ने 15 अगस्त को भी दो बार विजयन से बात की थी.
रविवार को केरल के अपने दौरे पर गृह मंत्री ने तत्काल राहत पैकेज के रूप में 100 करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)