पूर्व क्रिकेटर और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान ख़ान पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री बने हैं. समारोह में पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू भी शामिल हुए.
इस्लामाबाद: क्रिकेट से सियासत का 22 साल लंबा सफ़र तय करने के बाद इमरान ख़ान ने शनिवार को पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली.
पाकिस्तान के राष्ट्रपति भवन ‘एवान-ए-सद्र’ में आयोजित एक समारोह में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) प्रमुख 65 वर्षीय ख़ान को राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने पद की शपथ दिलाई.
समारोह की शुरुआत सुबह साढ़े नौ बजे होनी थी लेकिन वह 40 मिनट की देरी से शुरू हुआ. इसकी शुरुआत राष्ट्रगान से हुई और बाद में क़ुरान की आयतों का तिलावत किया गया.
पारंपरिक स्लेटी-काले रंग की शेरवानी पहने ख़ान की आंखों में आंसू नज़र आ रहे थे. वह कुछ नर्वस भी थे और इसका अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि शपथ पढ़ने के दौरान वह उर्दू के शब्द बोलने में अटक रहे थे.
Islamabad: #ImranKhan takes oath as the Prime Minister of #Pakistan pic.twitter.com/nhzRqpJQ6I
— ANI (@ANI) August 18, 2018
1992 में क्रिकेट विश्व कप में पाकिस्तान को जीत दिलाने वाले कप्तान खान ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पुराने साथी क्रिकेटरों को भी बुलाया है.
सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू, क्रिकेटर से कमंटेटर बने रमीज़ राजा, पूर्व तेज़ गेंदबाज़ वसीम अकरम सहित अन्य कई विशिष्ट अतिथि समारोह में उपस्थित थे.
सरकारी टीवी चैनल ‘पीटीवी’ से बातचीत के दौरान सिद्धू ने ख़ान की तारीफ करते हुए कुछ लाइनें पढ़ीं, ‘नई सरकार के साथ पाकिस्तान में नई सुबह हुई है जो इस देश की तक़दीर बदल सकती है.’
उन्होंने आशा जतायी कि ख़ान की जीत पाकिस्तान-भारत शांति के लिए बेहतर साबित होगा. पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने दो बार सिद्धू को गले लगाया और दोनों में संक्षिप्त बातचीत भी हुई.
समारोह में इमरान ख़ान की तीसरी और मौजूदा पत्नी बुशरा बीबी भी उपस्थित थीं. वह सफेद नकाब में थीं.
शपथ लेने के बाद ख़ान और बुशरा अपने अतिथियों से मिले.
Islamabad: Navjot Singh Sidhu was seated next to President of PoK Masood Khan at Imran Khan's oath ceremony. #Pakistan pic.twitter.com/MPrBQ9XtXD
— ANI (@ANI) August 18, 2018
ख़ान के शपथ ग्रहण के साथ ही देश में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ (पीएलएम-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बीच चल रही सत्ता की अदला-बदली का सिलसिला ख़त्म हो गया. देश में सैन्य शासन नहीं रहने के दौरान अभी तक इन्हीं दोनों पार्टियों की सरकार रही है.
पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को अपना हीरो बताते हुए ख़ान ने वादा किया कि वह भ्रष्टाचार से जूझ रहे पाकिस्तान को कल्याणकारी इस्लामी राष्ट्र में बदल देंगे.
ऑक्सफोर्ड में पढ़ाई करने वाले पश्तून ख़ान ने बीते 17 अगस्त को अपने एकमात्र प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ के प्रमुख शहबाज़ शरीफ़ को नेशनल असेंबली में हुए एकतरफ़ा चुनाव में हराकर प्रधानमंत्री पद के लिए जीत हासिल की.
342 सदस्यीय नेशनल एसेंबली में सरकार बनाने के लिए पार्टी को 172 मतों की ज़रूरत होती है. बीते 17 अगस्त को हुए चुनाव में ख़ान को 176 वोट मिले जबकि शरीफ़ को 96 वोट मिले.
बिलावल भुट्टो जरदारी की अगुवाई वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी), जिसके पास 54 सीटें हैं, के मतदान में हिस्सा नहीं लेने के फैसले के बाद 15वीं नेशनल असेंबली में चुनाव महज एक औपचारिकता रह गई थी. शरीफ की उम्मीदवारी को लेकर पीपीपी और पीएमएल-एन के बीच मतभेद उभर आए थे.
नतीजों की घोषणा के बाद पीएमएल-एन के सांसदों ने इमरान के खिलाफ नारे भी लगाए थे और सदन में विरोध प्रदर्शन भी किया. जेल में बंद पूर्व प्रधनमंत्री नवाज शरीफ की तस्वीरें हाथ में लिए प्रदर्शन कर रहे पीएमएल-एन के समर्थकों ने ‘वोट को इज्जत दो’ के नारे लगाए थे.
17 अगस्त को चुनाव के बाद संसद को पहली बार संबोधित करते हुए ख़ान ने पाकिस्तान को लूट रहे लोगों के ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई करने की बात कही. उन्होंने कहा, ‘मैं आज अपने वतन से वादा करता हूं कि हम वह तब्दीली लाएंगे जिसके लिए यह मुल्क लंबे समय से कोशिश करता रहा है.’
इमरान ने कहा, ‘हमें इस देश में सख़्त जवाबदेही कायम करनी है. मैं वादा करता हूं कि मैं पाकिस्तान को लूटने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करूंगा. जिस काले धन को सफेद किया गया, मैं उसे वापस लाऊंगा. जो पैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और पानी पर ख़र्च होने चाहिए थे, वे लोगों की जेब में चले गए.’
ख़ान को सात सीटों वाली मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट, पांच सीटों वाली बलूचिस्तान आवामी पार्टी, चार सीटों वाली बलूचिस्तान नेशनल पार्टी, तीन सीटों वाली पाकिस्तान मुस्लिम लीग, तीन सीटों वाली ग्रैंड डेमोक्रेटिक एलायंस, एक-एक सीटों वाली आवामी मुस्लिम लीग और जमूरी वतन पार्टी का भी समर्थन प्राप्त है.
25 जुलाई को हुए आम चुनावों में 116 सीटों के साथ पीटीआई सबसे बड़े दल के रूप में उभरी. बाद में नौ निर्दलीय उम्मीदवारों के ख़ान की पार्टी में शामिल होने से उनकी संख्या बल बढ़कर 125 हो गई.
11 अगस्त को पाकिस्तान निर्वाचन आयोग द्वारा जारी महिलाओं और अल्पसंख्यक समुदायों के लिए आरक्षित सीटों पर सफल उम्मीदवारों की घोषणा की सूचना जारी करने के बाद सदन में पीटीआई के पास 158 सदस्यों के मत हो गए थे.
इसके अलावा संसद में महिलाओं के लिए आरक्षित 60 सीटों में 28 सीटें और धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित 10 में से पांच सीटें मिलने के बाद पीटीआई के सदस्यों की संख्या बढ़कर 158 हो गई.
साल 1996 में पीटीआई की स्थापना करने वाले इमरान 22 सालों के संघर्ष के बाद इस मुकाम पर पहुंचे हैं.
इमरान ने कहा, ‘मैं किसी तानाशाह के कंधों पर चढ़कर नहीं आया. मैं 22 सालों के संघर्ष के बाद इस मुकाम पर पहुंचा हूं. सिर्फ एक नेता ने मुझसे ज्यादा संघर्ष किया और वह मेरे हीरो पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना थे.’
भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिए गए नवाज शरीफ की तरफ परोक्ष इशारा करते हुए इमरान ने कहा कि वे किसी डकैत के प्रति कोई नरमी नहीं बरतेंगे.
वहीं, शाहबाज शरीफ ने अपने संबोधन में आरोप लगाया कि पीटीआई की जीत सुनिश्चित करने के लिए चुनावों में धांधली की गई. उन्होंने संसद से इन चुनावों की निष्पक्ष जांच करने की मांग की.
शाहबाज ने चेताया कि यदि सरकार ने चुनावों में धोखाधड़ी की जांच नहीं की तो वे प्रदर्शन शुरू करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि उनके बड़े भाई नवाज शरीफ को गलत तरीके से दोषी करार देकर अयोग्य किया गया है.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान ख़ान ने शनिवार को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. क्रिकेटर से नेता बने ख़ान देश के 22वें प्रधानमंत्री बने हैं जबकि पाकिस्तान बनने के 71 साल के इतिहास में आधे से ज़्यादा समय तक चार सैन्य सरकारों ने ही यहां शासन किया है.
ख़ान के सत्ता तक पहुंचने का घटनाक्रम:
25 अप्रैल, 1996: इमरान ख़ान ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) राजनीतिक पार्टी की स्थापना की.
10 अक्टूबर, 2002: ख़ान ने 2002 का आम चुनाव लड़ा और वह संसद सदस्य के रूप में चुने गए.
19 नवंबर, 2007: पूर्व सैन्य शासक (सेवानिवृत्त) जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ के शासन की आलोचना करने की वजह से ख़ान को थोड़े समय जेल में भी रहना पड़ा.
11 मई, 2013: ख़ान ने पाकिस्तान को ‘नया पाकिस्तान’ में, भ्रष्टाचार से मुक्त एक कल्याणकारी देश में बदलने का वादा किया.
25 जून, 2016: ख़ान ने पनामा पेपर जारी होने के बाद घोषणा की कि उनकी पार्टी पीटीआई प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के खिलाफ प्रदर्शन करेगी.
02 नवंबर, 2016: पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ (पीएमएल-एन) नेता हनीफ़ अब्बासी ने ख़ान को अयोग्य क़रार देने के लिए याचिका दायर की. अब्बासी ने ख़ान पर धन शोधन, संपत्ति का ब्योरा छुपाने और पार्टी के विदेशों से धन लेने का आरोप लगाया.
03 मई, 2017: पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने मामले की सुनवाई शुरू की और ख़ान से ‘बनी गाला’ संपत्ति पर उनसे पूछताछ की.
01 जून, 2017: ख़ान की पूर्व पत्नी जेमिना गोल्डस्मिथ ने ट्वीट करके बताया कि उन्हें इस मामले में इमरान को अदालत में बेक़सूर साबित करने के लिए बैंक स्टेटमेंट मिला है.
15 दिसंबर, 2017: उच्चतम न्यायालय ने ख़ान के पक्ष में फैसला सुनाया और पाकिस्तान भ्रष्टाचार निरोधी अदालत ने पनामा पेपर मामले में शरीफ़ और उनके परिवार के ख़िलाफ़ मुक़दमा शुरू किया.
27 मई, 2018: पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव आयोजित कराने की घोषणा की गई.
25 जुलाई, 2018: पाकिस्तान ने सीधे तीसरी बार चुनी हुई असैन्य सरकार बनाने के लिए मतदान किया.
26 जुलाई, 2018: मतदान में कदाचार के आरोपों के बीच इमरान ख़ान ने आम चुनाव में जीत का दावा किया.
28 जुलाई, 2018: खान की पीटीआई कौमी असेंबली में 116 सीटों के साथ इस चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी.
06 अगस्त, 2018: पीटीआई ने ख़ान को पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया.
07 अगस्त, 2018: चुनाव आयोग ने ख़ान को नेशनल असेंबली के सदस्य के रूप में शपथ लेने की सशर्त अनुमति दी.
13 अगस्त, 2018: ख़ान सहित पाकिस्तान के संसद सदस्य के रूप में निर्वाचित 329 सदस्यों ने शपथ ली.
15 अगस्त, 2018: पाकिस्तान की संसद ने इमरान ख़ान के पार्टी के उम्मीदवारों को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया.
17 अगस्त, 2018: इमरान ख़ान ने पीएमएल-एन के प्रधानमंत्री उम्मीदवार शहबाज़ शरीफ़ को हराया.
18 अगस्त, 2018: ख़ान ने पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली.
एक क्रिकेटर से पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने तक का सफ़र
क्रिकेट से सियासत में आए इमरान ख़ान को भ्रष्टाचार से प्रभावित पाकिस्तान को एक इस्लामी कल्याणकारी राज्य में तब्दील करने के लिए पाकिस्तान का अपना सपना साकार करने में 22 साल का तवील सियासी सफ़र से गुज़रना पड़ा.
आम चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) के उभरने के बाद इमरान ने पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली.
इमरान ने 1996 में पीटीआई की स्थापना की जिसका अर्थ न्याय के लिए आंदोलन है. एक ऐसे देश की राजनीति में ख़ुद को और एक नई पार्टी को स्थापित करना बेहद मुश्किल काम था जिसकी राजनीति दो प्रमुख पार्टियों पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज़ (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के ही इर्द-गिर्द घूमती रही है. अपनी पार्टी को पहचान दिलाने के लिए इमरान ने अथक परिश्रम किया.
वह 2002 में हुए चुनाव में संसद सदस्य बने और 2013 में नेशनल असेंबली के लिए हुए चुनाव में वह फिर से निर्वाचित हुए और इन चुनावों में लोगों के जबर्दस्त समर्थन से उनकी पार्टी दूसरी सबसे पार्टी के रूप में उभर कर सामने आई.
चुनाव के अगले ही साल मई 2014 में इमरान ने आरोप लगाया कि चुनाव में धांधली हुई हैं. इन चुनाव में नवाज़ शरीफ़ की पार्टी पीएमएल-एन विजयी हुई थी और शरीफ़ प्रधानमंत्री बने थे.
अगस्त 2014 में कथित चुनावी धांधली की जांच कराने की मांग और शरीफ़ के इस्तीफ़े की मांग करते हुए इमरान ने समर्थकों के साथ लाहौर से इस्लामाबाद तक रैली निकाली थी.
इसके एक माह के भीतर ही इमरान ने पाकिस्तान मूल के कनाडाई धर्मगुरु ताहिर-उल-कादरी के साथ गठबंधन कर लिया. इस गठबंधन ने मिलकर शरीफ़ के इस्तीफ़े की मांग करते हुए उग्र प्रदर्शन किया.
इस मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग बनाने का समझौता होने के बाद ही इनका प्रदर्शन समाप्त हुआ. शरीफ़ सरकार के साथ इमरान और कादरी यह समझौता हुआ था.
इमरान ने 2018 में अपने चुनाव प्रचार में भ्रष्टाचार से निपटने, गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम लागू करने, स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा के क्षेत्र को बहतर बनाने का वादा किया था.
माना जा रहा है कि इमरान को देश की शक्तिशाली सेना का समर्थन हासिल है और उन्होंने एक कल्याणकारी इस्लामिक राज्य के रूप में नए पाकिस्तान बनाने का वादा किया है.
पिछले माह उन्होंने जीत के बाद अपने भाषण में कहा था कि वह भारत के साथ पाकिस्तान के संबंध बेहतर बनाने के लिए तैयार हैं और उनकी सरकार चाहेगी कि दोनों पक्षों के नेता बातचीत के ज़रिये कश्मीर साहित सभी विवादों को निपटारा करे.
इसके अलावा इमरान पाकिस्तान और अमेरिका के बीच संतुलित संबंध बनाना चाहते हैं. ऑक्सफोर्ड से शिक्षा दीक्षा प्राप्त बेहद आकर्षक व्यक्तित्व के धनी खान अपने समय में लड़कियों के बीच बेहद लोकप्रिय थे.
उन्होंने तीन शादियां की. उनकी पहली शादी 1995 में जेमिमा गोल्डस्मिथ के साथ हुई जो नौ साल चली थी. उनसे इमरान के दो बेटे हैं. इसके बाद दोनों का तलाक़ हो गया.
इमरान की दूसरी शादी टीवी प्रस्तोता रेहम ख़ान से 2015 में हुई जो एक साल भी नहीं चली. इस साल की शुरुआत में ख़ान में अपनी आध्यात्मिक गाइड बुशरा मनेका से शादी की.
इमरान का जन्म मियांवाली में 1952 में इकरामुल्ला ख़ान नियाज़ी और शौकत ख़ानम के घर में हुआ था. उनके पिता पश्तून नियाजी कबीले से संबंध रखते हैं. उनका परिवार लाहौर में रहता है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)