बीते 29 मई को दक्षिण-पश्चिम मानसून आने के बाद केरल में 385 लोग मारे जा चुके हैं. तकरीबन 3.14 लाख लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं. चेंगन्नूर के विधायक साजी चेरियन ने कहा कि हज़ारों लोग खाने-पीने की चीज़ों के बिना घरों में फंसे हुए हैं. इनकी जान का ख़तरा है. संयुक्त राष्ट्र ने भी चिंता जताई.
तिरुवनंतपुरम/नई दिल्ली/चेन्नई/संयुक्त राष्ट्र: केरल में मानसूनी बारिश और बाढ़ के कारण बीते 16 अगस्त को एक ही दिन में 106 लोगों की मौत के बीच राज्य के अस्पतालों में आॅक्सीनज की कमी और ईंधन स्टेशनों में ईंधन नहीं होने के कारण संकट और गहरा हो गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी है.
इसी बीच राज्य के विभिन्न हिस्सों में शनिवार सुबह से बारिश शुरू हो गई है जिससे बचाव एवं राहत कार्य में रुकावट होने की चिंता पैदा हो गई है.
चेंगन्नूर, चलाकुडी, त्रिशुर और एर्नाकुलम जिला का विभिन्न हिस्सा बाढ़ से बेहद प्रभावित है. इन इलाकों में आज बचाव कार्य पर ध्यान केंद्रित होने की संभावना है.
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा है कि पिछले चार दिन से फंसे कुछ दूरदराज़ के इलाकों में बाढ़ में लोगों को बाहर निकालने का एक मात्र विकल्प हेलीकॉप्टर ही है. राज्य सरकार ने और अधिक हेलीकॉप्टर की मांग की है.
चेंगन्नूर के विधायक साजी चेरियन ने कहा कि हज़ारों लोग खाने-पीने की चीज़ों के बिना घरों में फंसे हुए हैं और अगर इनकी ज़िंदगियों को बचाने के लिए तत्काल क़दम नहीं उठाया गया तो इनकी जान को ख़तरा हो सकता है.
चेरियन ने शनिवार सुबह एक समाचार चैनल से कहा, ‘पिछले पांच दिनों से कई स्थानों पर लोग बिना खाना-पानी के हैं. हमें तत्काल खाद्य पदार्थ, दवाई, पानी की ज़रूरत है. लोगों को तत्काल एयरलिफ्ट करने की ज़रूरत है. सेना, नौसेना और वायु सेना की तरफ़ से तत्काल बचाव की ज़रूरत है.’
राज्य आपदा प्रबंधन के नियंत्रण कक्ष से मिली सूचना के मुताबिक आठ अगस्त से अब तक 194 लोगों की जानें जा चुकी है और 36 लोग लापता हैं.
वहीं राज्य में 3.14 लाख लोग राहत शिविर में हैं.
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने 17 अगस्त की रात में कहा कि हालात गंभीर बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि 70,000 से ज़्यादा परिवारों के लगभग 3.14 लाख लोगों ने राहत शिविरों में शरण ले रखी है.
उन्होंने कहा कि 29 मई को जब दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल में दस्तक दी थी, के बाद से 385 लोग मारे जा चुके हैं.
मौजूदा मौसम की रिपोर्ट के मुताबिक तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलप्पुझा, पथानमथिट्टा, कोट्टयम, इडुक्की और एर्नाकुलम जिले में 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के साथ ही भारी बारिश की आशंका जताई गई है.
राज्य में पिछले 100 साल में आए सबसे ज्यादा भयानक बाढ़ का सामना कर रहा है. यहां 80 बांधों को खोला गया है और सभी नदियों में बाढ़ जैसी है.
बाढ़ के कारण इस ख़ूबसूरत राज्य को गहरा धक्का लगा है और पर्यटन उद्योग बहुत प्रभावित हुआ है. हज़ारों एकड़ खेत में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं. बुनियादी ढांचे को बड़ा नुकसान पहुंचा है.
अलग-अलग जगहों पर फंसे 80,000 से ज्यादा लोगों को बीते 17 अगस्त को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया. इनमें 71,000 से ज़्यादा लोग बाढ़ से सबसे ज़्यादा प्रभावित एर्नाकुलम ज़िले के अलुवा क्षेत्र से थे.
Achankovil river near Alappuzha's Kollakadavu village is overflowing following heavy rainfall in the area. Shaukat, a villager says,"The area has been completely flooded. I have lost almost everything I had. The water level is increasing with every passing hour." #KeralaFloods pic.twitter.com/BTYlQ1kdvJ
— ANI (@ANI) August 18, 2018
भारी बारिश के कारण अलाफुज़ा के कोल्लाकड़वु गांव के पास अचनकोविल नदी में बाढ़ आई हुई है. गांव में रहने वाले शौकत ने बताया, ‘यह क्षेत्र पूरी तरह से बाढ़ग्रस्त है. जो भी मेरे पास था मैंने सबकुछ खो दिया है. हर घंटे जलस्तर बढ़ रहा है.’
तीनों सेनाओं के अलावा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के जवानों ने छतों और ऊंची जगहों पर फंसे लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाने का दुरूह काम 17 अगस्त से फिर से शुरू किया.
पहाड़ी इलाकों में पहाड़ के हिस्से ज़मीन पर गिरने से सड़क जाम हो रहे हैं, जिससे बाकी जगहों से उनका संपर्क टूट जा रहा है. द्वीप की शक्ल ले चुके कई गांवों में फंसे लोगों को निकालने का अभियान भी जारी है.
नौका से नहीं पहुंचने लायक जगहों में फंसी महिलाओं, बच्चों और बुज़ुर्गों सहित कई लोगों को सेना के हेलीकॉप्टरों से सुरक्षित जगहों पर ले जाया जा रहा है.
टीवी चैनलों ने प्रसव पीड़ा से कराह रही एक महिला को नौसेना के हेलीकॉप्टर से फेंकी गई रस्सी की मदद से खींचे जाने का परेशान करने वाला वीडियो प्रसारित किया. इस वीडियो में महिला हवा में झूलती नज़र आ रही है. महिला को बाद में नौसेना के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसने एक लड़के को जन्म दिया.
अधिकारियों ने बताया कि जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं.
A Pregnant Woman Airlifted By Indian Navy Near Kochi Airport
Salute To Them #KeralaFloods #KeralaFlood # pic.twitter.com/pHc6L6z5EZ— Hari Vj Fanatic (@Vijayfanzh) August 17, 2018
ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन में रह रहे केरल मूल के लोगों ने टीवी चैनलों के ज़रिये अधिकारियों से अपील की है कि वे उनके प्रियजन की मदद करें. कुछ जगहों पर बारिश में थोड़ी कमी आई लेकिन चार ज़िलों- पथनमथिट्टा, अलफुज़ा, एर्णाकुलम और त्रिचूर- में मानसून का कहर जारी है.
अधिकारियों ने बताया कि एर्णाकुलम ज़िले के कई निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी हो गई है. इस कारण अधिकारियों को मरीज़ों को निकट के अस्पतालों में भेजने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
अस्पतालों में बाढ़ का पानी घुस आने के कारण कई मरीज़ों को वहां से निकालना पड़ा. राहत शिविरों में रह रहे लोग भी खाना और पेयजल की किल्लत की शिकायत कर रहे हैं.
कई पेट्रोल पंपों, यहां तक कि तिरुवनंतपुरम में भी पेट्रोल नहीं है. ज़िले के कई ईंधन स्टेशनों में आज लंबी-लंबी कतारें देखी गई.
अधिकारियों ने प्रत्येक ईंधन स्टेशन से कहा है कि वे 3,000 लीटर डीज़ल और 1,000 लीटर पेट्रोल का भंडार सुरक्षित रखें ताकि राहत अभियानों में इनका इस्तेमाल किया जा सके.
स्थानीय मछुआरों को राहत मिशन में शामिल देखा जा रहा है. वह अपनी नौकाओं के ज़रिये अलुवा, कलाडी, पेरुम्बवूर, मुवत्तूफुजा और चलाकुडी जैसी जगहों पर लोगों की मदद कर रहे हैं.
#WATCH: Rapid Action Force (RAF) personnel distribute relief material to stranded people in flood affected Palakkad's Mangalam Dam village. #KeralaFloods pic.twitter.com/2WvqDsflrn
— ANI (@ANI) August 18, 2018
पर्वतीय ज़िले इडुक्की में भूस्खलनों के कारण कई सड़कों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है.
बाढ़ से सबसे ज़्यादा प्रभावित जगहों में शामिल वायनाड केरल के बाकी हिस्सों से कट चुका है. इसके अलावा रनवे पर बाढ़ के कारण कोच्चि हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया है.
सूत्रों ने बताया कि कई ट्रेनें या तो रद्द कर दी गई हैं या उनके समय में फेरबदल किया गया है. बहरहाल, कोच्चि मेट्रो की सेवाएं प्रभावित नहीं हुई हैं.
मालूम हो कि केरल पिछले 100 वर्षों में आई सबसे भयावह बाढ़ का सामना कर रहा है. राज्य में करीब 80 बांधों में पानी का स्तर क्षमता से अधिक होने के बाद उनसे पानी छोड़ना पड़ा है. अभी तक 300 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. 3.14 लाख लोगों को सहायता शिविरों में ले जाया गया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने की 500 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भीषण बाढ़ का सामना कर रहे केरल की बाढ़ स्थिति की समीक्षा शनिवार को कोच्चि में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में की.
इससे पहले ऐसी ख़बरें थीं कि प्रधानमंत्री का हेलीकॉप्टर ख़राब मौसम की वजह से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के हवाई सर्वेक्षण के लिए उड़ान नहीं भर पाया. हालांकि राज्य और केंद्र सरकार से अब तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
#WATCH: Prime Minister Narendra Modi conducts an aerial survey of flood affected areas. PM has announced an ex-gratia of Rs. 2 lakh per person to the next kin of the deceased and Rs.50,000 to those seriously injured, from PM’s National Relief Funds (PMNRF). #KeralaFloods pic.twitter.com/T6FYNVLmMu
— ANI (@ANI) August 18, 2018
प्रधानमंत्री कार्यालय ने (पीएमओ) ने एक ट्वीट में कहा, ‘प्रधानमंत्री एक उच्चस्तरीय बैठक में केरल में बाढ़ स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं.’
मोदी 17 अगस्त की रात में राज्य की राजधानी में रुकने के बाद बाढ़ की स्थिति का हवाई सर्वेक्षण और विभीषिका का जायजा लेने कोच्चि रवाना हो गए.
प्रधानमंत्री ने राज्य के लिए 500 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है. इसके अलावा प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय राहत कोष से मारे गए लोगों के परिजन को दो लाख और गंभीर रूप से घायलों को 50 हज़ार रुपये देने की घोषणा की है.
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हेलीकॉप्टर से बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया है. उन्होंने 500 करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की भी घोषणा की. हमने उनका धन्यवाद दिया और बचाव कार्य के लिए अतिरिक्त हेलीकॉप्टर और नाव देने की मांग की है.’
प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, राज्यपाल पी. सतशिवम और केंद्रीय पर्यटन मंत्री केजे अल्फोंस भी थे.
PM conducted aerial survey to get first-hand knowledge about flood. Our helicopter could not go to some places due to inclement weather. He has announced Rs500 crore&all possible help. We thanked him & demanded more helicopters & boats: Kerala CM Pinarayi Vijayan on #KeralaFloods pic.twitter.com/kdy9wsJdvj
— ANI (@ANI) August 18, 2018
संयुक्त राष्ट्र ने केरल में बाढ़ के कारण हुई भारी तबाही पर जताया दुख
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने केरल में भीषण बाढ़ के बाद हुई भारी तबाही को लेकर दुख जताया है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने बीते 17 अगस्त को पत्रकारों से कहा, ‘हमारे मानवीय सहयोगियों के साथ-साथ भारत में हमारा दल हाल ही में आई बाढ़ पर निकटता से नज़र बनाए हुए है. संयुक्त राष्ट्र निश्चित तौर पर भारत में बाढ़ के कारण हुए जान-माल के नुकसान और विस्थापन को लेकर दुखी है.’
संयुक्त राष्ट्र के भारत के केरल में आई बाढ़ के लिए मदद मुहैया कराने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में भारत सरकार की ओर से सहायता के लिए कोई प्रत्यक्ष अनुरोध नहीं किया गया है.
दुजारिक ने कहा कि जैसा आप जानते हैं, भारत के पास प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए बेहतर प्रणाली मौजूद है. हम स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है.
राहुल गांधी ने केरल की बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केरल में भयावह बाढ़ से हुए जान-माल के भारी नुकसान पर दुख जताते हुए बीते 17 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि इसे अविलंब राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए.
गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘प्रिय प्रधानमंत्री, कृपया बिना विलंब किए केरल की बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए. हमारे करोड़ों लोगों का जीवन, जीविका और भविष्य दाव पर है.’
गांधी ने राज्य के पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का आह्वान किया था कि वे प्रभावित लोगों की मदद के लिए आगे बढ़ें.
केरल में बाढ़ की स्थिति को लेकर 16 अगस्त को राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की थी और राज्य के लिए विशेष वित्तीय सहायता का आग्रह किया था.
कई राज्यों ने केरल का आर्थिक सहायता देने की घोषणा की
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बाढ़ से तबाह केरल के लिए 10 करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की है. केजरीवाल ने लोगों से संकट में फंसे राज्य के लिए उदारतापूर्वक दान करने की अपील की है. उन्होंने केरल के मुख्यमंत्री से भी बातचीत की है.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैंने केरल के मुख्यमंत्री से बातचीत की. दिल्ली सरकार 10 करोड़ रुपये का योगदान कर रही है. मैं सभी से केरल के अपने भाइयों और बहनों के लिए उदारतापूर्वक दान करने की अपील करता हूं.’
पंजाब सरकार ने भी केरल के लिए 10 करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की थी. पंजाब सरकार के बयान के अनुसार, तुरंत खाने योग्य 30 टन खाद्य सामग्री केरल भेजी जाएगी. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी 10 करोड़ रुपये की सहायता राशि जारी करने की घोषणा की है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी 10 करोड़ की सहायता राशि देने की घोषणा की है.
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने केरल को पांच पांच करोड़ रुपये की सहायता राशि जारी करने की घोषणा की है.
सप्ताहांत तक केरल में भारी बारिश का अनुमान: मौसम विभाग
वर्षा से तबाह केरल के ऊपर मंडरा रहा ज़ोरदार दक्षिण पश्चिम मानसून इस सप्ताहांत को तमिलनाडु और कर्नाटक के साथ ही इस राज्य में भी खूब बरसेगा. चेन्नई स्थित क्षेत्रीय मौसम कार्यालय ने आज यह जानकारी दी है.
मौसम कार्यालय ने अपनी रोज़ाना मौसम रिपोर्ट में बताया कि दक्षिण पश्चिम मानसून केरल में ‘जबरदस्त’ तथा तेलंगाना, लक्षद्वीप, तटीय कर्नाटक और दक्षिण अंदरूनी कर्नाटक में ‘सक्रिय’ है.
विभाग ने बताया कि केरल, लक्षद्वीप, कर्नाटक, तेलंगाना में ज़्यादातर स्थानों तथा तमिलनाडु एवं आंध्र प्रदेश में कुछ स्थानों सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटे में वर्षा हुई है.
18 अगस्त के लिए भारी वर्षा संबंधी अपनी चेतावनी में क्षेत्रीय मौसम कार्यालय ने कहा कि तटीय कर्नाटक में छिटपुट स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है.
विभाग ने कहा, ‘तमिलनाडु में नीलगिरि, कोयंबटूर, थेनी, डिंडीगुल, तिरुनेलवेली ज़िलों में घाट इलाकों पर छिटपुट स्थानों तथा दक्षिणी अंदरूनी कर्नाटक में भारी वर्षा होने की संभावना है.’
In August, till 16th actual rainfall was 619.5mm, normally it should have been 244.1 mm. The intensity of rainfall has decreased now there won't be extremely heavy rains anymore but heavy rains will continue for 2 days: Dr. S Devi, India Meteorological Department on #KeralaFloods pic.twitter.com/PAuc98DyKA
— ANI (@ANI) August 18, 2018
मौसमविदों ने उत्तर केरल, तटीय कर्नाटक के छिटपुट स्थानों तथा दक्षिणी अंदरूनी कर्नाटक में 19 अगस्त को भारी बारिश का अनुमान लगाया है.
भारतीय मौसम विभाग के अधिकारी डॉ. एस. देवी ने बताया कि 16 अगस्त तक राज्य में 619.5 मिलीमीटर बारिश हुई है जोकि सामान्य तौर पर 244.1 मिलीमीटर होनी चाहिए. बारिश की तीव्रता में कमी आई है लेकिन अगले दो दिनों तक भारी बारिश जारी रहेगी.
ओडिशा सरकार ने केरल से बाढ़ में फंसे राज्य मज़दूरों की मदद की लगाई गुहार
भुवनेश्वर: ओडिशा सरकार ने केरल में बाढ़ ग्रस्त ओदिपल्ली में फंसे 130 मज़दूरों की मदद की गुहार लगाई है.
ओडिशा सरकार ने यह अनुरोध अनिल सेठी (वहां फंसे लोगों में से एक) की मदद की गुहार लगाने और करीब 130 मज़दूरों के वहां फंसे होने की जानकारी देने के बाद किया है.
इन मज़ूदरों को ओदिपल्ली में अलुवा मुन्नार रोड स्थित आश्रय स्थल ले जाया गया है, लेकिन वहां उन्हें भोजन-पानी भी नहीं मिल पा रहा है. ये सभी मज़दूर ओडिशा से हैं.
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार ओडिशा का कोई भी प्रभावित व्यक्ति 1070 (टॉल फ्री) और 0674-2534177 नंबर पर फोन कर सकता है.
ओडिशा सरकार पहले ही बाढ़ प्रभावित केरल की मदद के लिए पांच करोड़ रुपये की वित्तिय सहायता की घोषणा कर चुकी है.
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी अपने समकक्ष पिनाराई विजयन से फोन पर बात कर स्थिति की जानकारी ली और सहायता की पेशकश की.
कर्नाटक: वर्षा प्रभावित कोडगू ज़िले में सेना अभियान में जुटी, कुछ ज़िलों में सूखा कुछ में बाढ़
बेंगलुरु: राज्य में कुछ हिस्से एवं पड़ोसी केरल में भीषण बाढ़ के बीच कर्नाटक में कम से कम 16 ऐसे ज़िले हैं जहां कम वर्षा दर्ज की गई है और सरकार इन्हें सूखा प्रभावित घोषित करने पर विचार कर रही है.
#StayIndoors Hope people do not take risk and drive on overflowing bridges .. This is so scary! This is a bridge near munnar after Mullapperyaar Dam opened #KeralaFlood #StandWithKerala #StaySafe pic.twitter.com/WtacyrLrRT
— sridevi sreedhar (@sridevisreedhar) August 16, 2018
राजस्व विभाग द्वारा उपलब्ध आंकड़े के अनुसार इस साल जून के बाद से दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान कर्नाटक के दक्षिणी भाग में चार जिलों और उत्तरी भाग में 12 जिलों में बहुत कम बारिश हुई है.
राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र के निदेशक डॉ. जीएस श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि उत्तरी भाग में 12 में से 10 जिलों में हालात खराब हैं.
रेड्डी ने बताया कि जिन जिलों में कम वर्षा हुई है उन्हें सूखा प्रभावित घोषित करने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी गई है और सरकार इस महीने के अंत तक राजस्व विभाग की सिफारिश के आधार पर कार्रवाई करेगी.
राज्य आपदा अभियान केंद्र द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार ख़राब बारिश के कारण रायचुर, विजयपुरा, यदगीर और गडग ज़िलों में हालात ख़राब हैं.
जबकि दूसरी ओर शिवमोगा, हासन, चिक्कमंगलूरू, कोडगू, दक्षिण कन्नड़, उत्तर कन्नड़ और उडुपी में सामान्य बारिश हुई है और वहां बाढ़ के हालात हैं.
बारिश से प्रभावित कर्नाटक के कोडगू ज़िले में बाढ़ एवं भूस्खलन के कारण वहां फंसे लोगों को बचाने के लिये सेना बचाव अभियान में जुट गई है.
कई तटीय ज़िले और मलनाड क्षेत्र के दक्षिण कन्नड़, उडुपी, चिकमंगलूर, कोडगू, हासन के कुछ इलाके और उत्तर कन्नड़ जैसे क्षेत्र पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश की चपेट में है.
मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, दमकल विभाग, त्वरित प्रतिक्रिया बल एवं अन्य के साथ सेना भी अब बचाव अभियान में जुट गई है.’
इसके अनुसार मुख्य सचिव विजय भास्कर ने मुख्यमंत्री कुमारस्वामी को बाढ़ एवं भूस्खलन से प्रभावित तटीय जिलों एवं मलनाड क्षेत्रों में बचाव अभियानों के बारे में अवगत कराया.
बयान के अनुसार मुख्यमंत्री लगातार उन ज़िला प्रभारियों के संपर्क में हैं जो संबंधित ज़िलों में बचाव अभियानों की निगरानी कर रहे हैं.
प्रभारी सचिव बचाव अभियानों का प्रबंधन कर रहे हैं. कुमारस्वामी ने राहत कार्य के लिए प्रभावित ज़िलों को 200 करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है.
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में गोदावरी नदी उफान पर
अमरावती/हैदराबाद: आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में गोदावरी नदी के उफान पर होने के कारण सरकारी तंत्र ने तीन ज़िलों में हाई अलर्ट जारी किया है.
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक 17 अगस्त की रात साढ़े नौ बजे सर आर्थर कॉटन बैराज़ का स्तर 13.15 लाख क्यूसेक के पार चला गया. इसके बाद दूसरे स्तर की चेतावनी जारी की गयी है.
Munnar isolated. Look, it’s a bridge #KeralaFlood #StandWithKerala @reporter_tv pic.twitter.com/4qEeezO2jC
— Abhilash Mohanan (@abhilashmohanan) August 15, 2018
नदी में पानी के उफान को देखते हुए आंध्र प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी ज़िलों में आपदा राहत और बचाव टीमों को तैयार रखा गया है.
तमिलनाडु के थेनी और मदुरै में बाढ़ का अलर्ट, 8,410 लोग राहत शिविरों में
चेन्नई तमिलनाडु के थेनी और मदुरै ज़िलों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है. कावेरी और भवानी नदियों के तटों पर रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पंहुचाया गया है. मेट्टूर सहित तीन बांधों से दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है.
अधिकारियों ने बताया कि करीब 8,410 लोगों ने कर्नाटक के जलाशयों से काफी मात्रा में जल प्रवाह होने के मद्देनजर राहत शिविरों में शरण ली है.
उन्होंने बताया कि मेट्टूर, भवानी सागर और अमरावती बांधों से संयुक्त रूप से 2.30 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है.
राजस्व मंत्री आरबी उदय कुमार ने बताया कि पेरियार और वैगई बांधों से बहुत अधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने के चलते थेनी और मदुरै ज़िलों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है.
इसके साथ ही, राज्य के 13 ज़िलों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया जा चुका है.
ओडिशा में और बारिश का अनुमान, सात की मौत
भुवनेश्वर: ओडिशा में तीन दिन तक हुई मूसलाधार बारिश के बाद राज्य सरकार ने जहां इससे हुए नुकसान का आकलन शुरू किया है वहीं मौसम विभाग ने प्रदेश में कम दवाब वाला क्षेत्र बनने से और बारिश होने का अनुमान लगाया है.
वहीं प्रदेश के तीन ज़िलों में हालिया बारिश के दौरान इससे संबंधित घटनाओं में सात लोगों की मौत हो गई है.
इस बीच क्षेत्रीय मौसम विभाग के निदेशक एचआर विश्वास ने कहा, ‘बंगाल की खाड़ी में एक अन्य कम दवाब वाले क्षेत्र के बनने की संभावना है. इससे प्रदेश के उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्र में 19 अगस्त से बारिश होने की संभावना है.’
उन्होंने बताया कि उत्तरी इलाके में अधिक बारिश होगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)