केरल के ज़्यादातर हिस्सों को रविवार को बारिश से राहत मिली. मौसम विभाग की अगले चार दिनों में भारी वर्षा की कोई चेतावनी नहीं है. कर्नाटक में 3,500 लोगों को बचाया गया. तमिलनाडु में 14,000 लोगों को राहत शिविरों में भेजा गया.
तिरुवनंतपुरम/बेंगलुरु/चेन्नई: केरल पर कहर बरपाने वाली मानसूनी बारिश से जुड़ी घटनाओं में रविवार को 13 और लोगों की मौत हो गई. इसके साथ ही राज्य में पिछले 10 दिनों में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में मरने वालों की संख्या 210 हो गई. वहीं, पड़ौसी राज्य कर्नाटक और तमिलनाडु भी बाढ़ की चपेट में हैं.
कर्नाटक के कोडागू जिले में रविवार तक 3500 से अधिक लोगों को बचाया गया है. वहां बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में पिछले कुछ दिनों में छह लोगों की मौत हुई है.
उधर, तमिलनाडु में कावेरी समेत बड़ी नदियां उफान पर हैं. नदी तटों से लगे निचले इलाके जलमग्न हैं.
दक्षिण पश्चिमी मानसून के कहर का सामना कर रहे केरल में मूसलाधार बारिश की वजह से विस्थापित लोगों की संख्या मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने 7.24 लाख बताई है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर प्रभावित लोगों को बचा लिया गया है और अब सरकार का ध्यान उनके पुनर्वास पर होगा.
राज्य में 29 मई को मानसून के आगमन के बाद से कुल मिलाकर बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में अब तक तकरीबन 400 लोगों की मौत हुई है. इससे राज्य के पर्यटन उद्योग को काफी झटका लगा है. बाढ़ में हजारों एकड़ जमीन पर खड़ी फसल तबाह हो गई है और आधारभूत संरचना को भारी क्षति पहुंची है.
राज्य में ऊंचाई वाले इडुक्की, मलप्पुरम, तृश्शूर और एर्नाकुलम जिले बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित हैं. इसकी वजह से मुल्लापेरियार बांध और इडुक्की जलाशयों को खोला गया है, इसलिए अन्य जलाशय भी बाढ़ का अनुप्रवाह पैदा कर रहे हैं.
केरल के ज्यादातर हिस्सों को रविवार को बारिश से राहत मिली. वहां पिछले तकरीबन दो हफ्ते से वस्तुत: लगातार बारिश हो रही थी. कई जिलों से रेड अलर्ट को हटा लिया गया है.
पिछले दो दिनों में केरल में बारिश की तीव्रता कम हुई है. मौसम विभाग ने कहा कि अगले चार दिनों में भारी वर्षा की कोई चेतावनी नहीं है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केरल के राज्यपाल पी. सदाशिवम और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से बातचीत की और वहां के हालात के बारे में पूछा तथा इस संकट की घड़ी में धैर्य और साहस दिखाने के लिए लोगों की तारीफ की.
राष्ट्रपति भवन ने एक ट्वीट में कहा, ‘राज्य की जनता को आश्वस्त किया है कि समूचा देश उनके साथ है.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया था और 500 करोड़ रुपये की तत्काल आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी.
समीक्षा बैठक के बाद तिरुवनंतपुरम में संवाददाताओं से बातचीत में विजयन ने कहा कि रविवार को 13 लोगों की मौत हो गई और राज्य के 5645 राहत शिविरों में सात लाख 24 हजार 649 लोगों को ठहराया गया है.
उन्होंने बताया कि रविवार को तकरीबन 22000 लोगों को बचाया गया. उन्होंने अभियान में सेना, नौसेना, वायुसेना, तटरक्षक, एनडीआरएफ, मछुआरों और स्थानीय लोगों के प्रयासों की सराहना की.
केंद्र ने बाढ़ग्रस्त केरल में भोजन, दवाओं की आपूर्ति तथा अहम सेवाएं बहाल करने के दिए निर्देश
हालांकि, केंद्र सरकार के आंकड़े इस बारे में मुख्यमंत्री के आंकड़ों से थोड़ा इतर हैं. केंद्र सरकार ने बताया कि छह लाख 33 हजार से अधिक लोग तीन हजार राहत शिविरों में रह रहे हैं और केंद्रीय मंत्रालयों को निर्देश दिया कि आवश्यक खाद्य पदार्थ और दवाएं मुहैया कराने पर ध्यान दिया जाए.
राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने अपनी समीक्षा बैठक में निर्देश दिया कि अब ध्यान खाद्य पदार्थों, पानी, दवाओं की आपूर्ति पर होना चाहिए और बिजली, ईंधन, दूरसंचार तथा परिवहन सेवाओं की बहाली पर होना चाहिए क्योंकि केरल में बाढ़ का पानी कम हो रहा है. यह जानकारी एक आधिकारिक प्रवक्ता ने दी.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने कहा कि कुल छह लाख 33 हजार दस लोग केरल में 2971 राहत शिविरों में रह रहे हैं और विभिन्न एजेंसियों ने अभी तक करीब 38 हजार बाढ़ प्रभावित लोगों को बचाया है.
एनसीएमसी की बैठक के बाद एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि खाद्य और जन वितरण विभाग ने तुरंत जरूरतों को पूरा करने के लिए 50 हजार मीट्रिक टन अनाज उपलब्ध कराया है. उपभोक्ता मामलों के विभाग ने ट्रेन से भेजी गई दाल की अतिरिक्त मात्रा के साथ सोमवार तक 100 मीट्रिक टन दालें विमान से भेजने का बंदोबस्त किया है.
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने सौ मीट्रिक टन दाल को हवाई मार्ग से पहुंचाने की व्यवस्था की है और अतिरिक्त दाल रेलगाड़ी से भेजी जाएगी.
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने केरल के लिए 9300 किलोलीटर केरोसिन तेल उपलब्ध कराया है. 12 हजार किलोलीटर अतिरिक्त केरोसिन तेल आवंटित किया जाएगा. कोच्चि में एलपीजी बोटलिंग संयंत्र को खोल दिया गया है.
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय सोमवार को 60 टन आपातकालीन दवाएं भेजेगा. उसने छह विशेषज्ञ चिकित्सा दल भी तैयार किए हैं. रेलवे चादरें और कंबल मुहैया कराएगा, वहीं एयर इंडिया ने राहत सामग्री निशुल्क पहुंचाने की पेशकश की है.
केंद्र सरकार ने बाढ़ में मारे गए लोगों के परिजन को दो लाख रुपये और जख्मी लोगों को 50 हजार रुपये मुआवजा देने का निर्णय किया है. प्रधानमंत्री राहत कोष से मुआवजा दिया जाएगा.
एनसीएमसी ने लगातार चौथे दिन राहत एवं बचाव अभियान की समीक्षा की
एनसीएमसी प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय नौसेना, वायु सेना, सेना, एनडीआरएफ और सीएपीएफ के हजारों जवान पूरी तत्परता से राहत एवं बचाव अभियान में लगे हैं. दर्जनों हेलीकॉप्टर, विमान, हजारों यांत्रिक नौकाओं की मदद से लोगों को निकाला जा रहा है. हालात सामान्य होने तक अभियान चलता रहेगा.
उन्होंने बताया कि अभी तक उन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों से 38 हजार से ज्यादा लोगों को निकाला है. 23 हजार से अधिक लोगों को चिकित्सा सहायता मुहैया कराई गई है. खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने 3,00,000 खाद्य पैकेटों की आपूर्ति की है.
वहीं, रेलवे सोमवार से केरल में फंसे लोगों के लिए तिरुवनंतपुरम और एर्नाकुलम से कोलकाता के लिए दो विशेष ट्रेन चला रहा है. रेल सेवाएं सभी लाइनों पर सोमवार शाम तक बहाल होने की उम्मीद है.
सोमवार तक 14,00,000 लीटर पानी के साथ एक विशेष ट्रेन और 8,00,000 लीटर पानी के साथ नौसेना का एक जहाज केरल पहुंचना है.
सोमवार से कोच्चि नौसैन्य अड्डे से वाणिज्यिक उड़ानें शुरू होने की संभावना है जिसके लिए सभी बंदोबस्त कर लिए गए रविवार तक सभी बंदोबस्त कर लिए गए थे.
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के बाद एनसीएमसी की रोज बैठकें हो रही हैं.
वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक पंचायत में छह स्वास्थ्य अधिकारी तैनात किए जाएंगे ताकि बाढ़ के पानी में कमी आने पर किसी भी संक्रामक बीमारी का प्रकोप न हो.
नौसेना हवाई अड्डे से कोच्चि से वाणिज्यिक उड़ानों का परिचालन सोमवार से कोयंबटूर और बेंगलुरु के लिए बहाल होगा. इससे यात्रियों को कुछ राहत मिलेगी.
राज्य के कई हिस्सों में रेल यातायात अब भी बाधित है. रेलवे ने कम से कम 18 ट्रेनों को रद्द कर दिया है.
इस बीच, कुछ क्षेत्रों में बाढ़ के पानी में गिरावट आई. राहत शिविरों में रह रहे लोगों ने धीरे-धीरे अपने घर लौटना शुरू कर दिया है.
उन क्षेत्रों में बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल करने के प्रयास चल रहे हैं जहां बिजली व्यवस्था पूरी तरह से तबाह हो गई है.
कर्नाटक में भी बाढ़ का प्रकोप, 3500 लोग बचाए गए
इस बीच, केरल सीमा से लगे कर्नाटक के कोडागू जिले में दो माह के एक शिशु समेत 317 लोगों को बचाकर राहत केंद्रों में भेजा गया है. मक्कनडुरू और अन्य प्रभावित क्षेत्रों के आस-पास रविवार को बचाव अभियान जारी रहा.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी से बातचीत की और वहां के हालात के बारे में पूछताछ की. कुमारस्वामी बारिश प्रभावित इस जिले में डेरा डाले हुए हैं.
मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि मोदी ने इस स्थिति का सामना करने में राज्य को पूरी सहायता देने का आश्वासन दिया.
प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, ‘बचाव एवं राहत अभियानों में हरसंभव मदद दी है. मैं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों की सुरक्षा और खैरियत की कामना करता हूं.’
मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि कुमारस्वामी ने कोविंद को सूचित किया कि जिला प्रशासन सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर राहत एवं बचाव कार्य प्रभावी तरीके से चला रहा है.
बयान के अनुसार, उन्होंने राष्ट्रपति को बताया कि अब तक 3,500 से अधिक लोगों को बचा लिया गया है.
सभी 31 राहत शिविरों के लिए भोजन और बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की गई है.
सशस्त्र बलों, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, नागरिक रक्षा बल, दमकल एवं आपात सेवा के तकरीबन 1000 कर्मियों को 15 अगस्त से बचाव कार्य में लगाया गया है.
कुमारस्वामी ने रविवार को दूसरे दिन भी प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया. उन्होंने जिले के कुछ अन्य क्षेत्रों में भी जाकर हालात का जायजा लिया.
संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कदम उठा रही है ताकि राहत और भोज्य पदार्थ खासतौर पर सुदूर इलाकों में भी पहुंच सकें.
तटीय और मलनाड क्षेत्र के कुछ जिलों और खासतौर पर चिकमगलूर जिले से भी बाढ़ और भूस्खलन की खबरें मिली हैं. इससे सड़क संपर्क प्रभावित हुआ है.
तमिलनाडु में बारिश के कहर से बचाने 14,000 लोगों को राहत शिविरों में भेजा गया
तमिलनाडु में मदुरई और थेनी के अलावा कावेरी डेल्टा क्षेत्र समेत 13 जिलों में बाढ़ के लिए अलर्ट जारी किया गया है क्योंकि पेरियार और वैगई बांधों में भी भारी प्रवाह हुआ है.
कर्नाटक से भारी प्रवाह के मद्देनजर मेट्टूर समेत बांधों से पानी छोड़े जा रहे हैं. इससे कई गांव जलमग्न हो गए हैं और कावेरी और उसकी सहायक नदी भवानी के तट पर खड़ी फसलें बाढ़ के पानी में डूब गई हैं.
अधिकारियों ने बताया कि मदुरई जिले के वैगई बांध में जल स्तर 69 फुट (अधिकतम 71 फुट) तक पहुंच गया, जिससे अधिकारियों को शटर खोलना पड़ा.
अधिकारियों ने बताया कि राज्य में अब तक लगभग 14,000 लोगों को विभिन्न जिलों में राहत शिविरों में भेज दिया गया है.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने राज्य के बांधों से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने की वजह से आई बाढ़ से फसलों को हुए नुकसान के लिए रविवार को मुआवजा देने का आश्वासन दिया और बेघर हुए लोगों को पक्के मकान देने का भरोसा दिलाया.
उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी ओएस मणियन, आरबी उदय कुमार और एसपी वेलुमणि ने नागपट्टनम, कन्याकुमारी और कोयंबटूर जिलों के वालपराई में बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया. ये क्षेत्र भारी वर्षा से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
केरल बाढ़: असम तीन करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देगा
असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने रविवार को कहा कि उनका राज्य बाढ़ से तबाह केरल को तीन करोड़ रुपये की सहायता देगा.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में मुख्यमंत्री के हवाले से कहा गया, ‘असम सरकार दक्षिणी राज्य में इस विध्वंसकारी बाढ़ के मद्देनजर केरल सरकार को तीन करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देगी.’
पोप ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से केरल के बाढ़ पीड़ितों की मदद का आह्वान किया
वेटिकन सिटी: पोप फ्रांसिस ने रविवार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय का आह्वान किया कि वह बाढ़ से प्रभावित केरल के पीड़ितों की ठोस मदद करें. उन्होंने इस बाढ़ को भयानक आपदा करार दिया.
वेटिकन न्यूज के मुताबिक, पोप फ्रांसिस ने सेंट पीटर्स स्क्वायर पर बाढ़ पीड़ितों के लिए प्रार्थना की.
उन्होंने कहा, ‘केरलवासी भारी बारिश से आई बाढ़ की विभीषिका में फंस गए हैं. व्यापक जनहानि हुई है, कई लोग लापता और विस्थापित हैं. फसलों और घरों को भी काफी नुकसान पहुंचा है.’
उन्होंने उम्मीद जताई कि इन भाइयों और बहनों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय की एकजुटता और ठोस मदद मिलेगी.
उन्होंने केरल के चर्चों का भी जिक्र किया जो लोगों को मदद पहुंचाने के लिए अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं.
पोप फ्रांसिस ने इसके बाद वहां उपस्थित लोगों के साथ पीड़ितों के लिए प्रार्थना की.
केरल बाढ़ पीड़ितों के लिए अमेरिका में भारतीय एनजीओ ने एकत्रित किए 10,000 डॉलर
ह्यूस्टन: अमेरिका में एक भारतीय गैर-लाभकारी संगठन (एनजीओ) ‘सेवा इंटरनेशनल’ ने बाढ़ग्रस्त केरल में राहत एवं बचाव कार्य में मदद के लिए 10,000 डॉलर एकत्रित किए हैं.
संगठन ने अपने एक बयान में कहा कि ‘सेवा इंटरनेशनल अमेरिका’ ने बाढ़ग्रस्त केरल के लिए 10,000 डॉलर एकत्रित किए हैं, जहां करीब 200 लोगों की जान चली गई है और लाखों लोग बेघर हुए हैं.
ह्यूस्टन में करीब एक वर्ष पहले आए तूफान ‘हार्वे’ के पीड़ितों की मदद और बचाव कार्य के लिए भी ‘सेवा इंटरनेशनल’ ने अपने भारतीय भागेदार ‘देसिया सेवा भारती केरलम’ के साथ मिलकर 1,00,000 डॉलर एकत्रित किए थे.
सेवा के 5,000 से अधिक स्वयंसेवक भोजन के पैकेट और खाना बनाने की किट भी बांट रहे हैं. वहीं, बाढ़ ग्रस्त इलाकों में वे मुफ्त रसोई और चिकित्सा शिविर भी खोल रहे हैं.
इस बीच, केरल मूल के ह्यूस्टन निवासी जो ओणम की तैयारियों में जुटे थे उन्होंने सभी समारोह रद्द कर दिए हैं. ह्यूस्टन में करीब 62,000 केरल वासी रहते हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)