इस घटना के पहले शीर्ष न्यायालय ने कथित गोरक्षा के नाम पर हिंसा से निपटने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए थे.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के अलवर जिले में 20 जुलाई को हुई पीट-पीटकर हत्या के मामले का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से मामले में की गई कार्रवाई पर जवाब दाखिल करने को कहा है.
इससे पहले शीर्ष न्यायालय ने कथित गोरक्षा के नाम पर हिंसा से निबटने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए थे. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य सरकार के गृह विभाग के प्रधान सचिव से कहा कि वह लिंचिंग के मामले में की गई कार्रवाई का विस्तृत ब्यौरा देते हुए हलफनामा दायर करें.
अलवर जिले के रामगढ़ इलाके में 20 जुलाई को कथित गोरक्षकों ने अकबर खान (28) की पिटाई कर दी थी. घटना के वक्त अकबर दो गायों को लाढ़पुरा गांव से हरियाणा स्थित अपने घर ला रहा था.
पीठ तुषार गांधी और कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला की ओर से दायर अवमानना याचिका की सुनवाई कर रही थी. याचिका में अलवर में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या मामले में राजस्थान सरकार के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने की मांग की गई थी.
एनडीटीवी के मुताबिक, याचिकाकर्ता की ओर से इंदिरा जयसिंह ने कहा कि राजस्थान के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को बुलाकर कोर्ट पूछे कि एफआईआर दर्ज करने में देरी क्यों हुई? इंदिरा जय सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तीन दिन बाद राजस्थान में लिंचिंग कई घटना हुई.
शीर्ष अदालत ने सोमवार को सभी अन्य राज्य सरकारों से कहा है कि वे उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए सात सितंबर तक अनुपालन रिपोर्ट पेश करें. अदालत अब इस मामले पर सुनवाई 30 अगस्त को करेगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)